एसी ट्रायवल ने ली शिक्षकों की क्लास, ग्रेडिंग में सुधार के निर्देश

Post by: Manju Thakur

पथरोटा स्कूल में बच्चों की चिंताजनक स्थिति
इटारसी। सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग ने पथरोटा के स्कूलों में अध्यापन की स्थिति पर गंभीर चिंता जताते हुए यहां के शिक्षकों को ग्रेडिंग में सुधार के लिए मेहनत करने के निर्देश दिये हैं। दरअसल, उनका कहना है कि उनके निरीक्षण के वक्त जब स्कूलों को तय पैरामीटर पर मापा गया तो स्थिति चिंताजनक थी।
मंगलवार को दोपहर सहायक आयुक्त आदिवासी चंद्रकांता सिंह ने पथरोटा के प्राथमिक, माध्यमिक और हाई स्कूल का निरीक्षण कर यहां की शिक्षा व्यवस्था को कसौटी पर परखा तो स्थिति कमजोर नजर आयी। उन्होंने कुछ दिनों पूर्व संपन्न तिमाही परीक्षा के परिणाम को देख चिंता जतायी और स्कूल के शिक्षकों की एक मीटिंग लेकर कहा है कि उनको ये बच्चे डी और ई ग्रेड में नहीं चाहिए। चर्चा के दौरान उन्होंने निर्देश दिये कि आगामी पंद्रह दिन में अतिरिक्त मेहनत करके बच्चों को ऐसे तैयार करें कि वे बच्चे दक्षता की श्रेणी में आ खड़े हों। दिसंबर में छह माही परीक्षा है, जो प्रतिभा पर्व के तौर पर मनाया जाता है, इसमें बच्चे ए और बी ग्रेड में आएं, ऐसे निर्देश भी दिये गये हैं।
एसी ट्रायवल श्रीमती सिंह ने हायर सैकंड्री स्कूल के बच्चों की भी स्थिति देखी। उनका कहना है कि यहां भी स्थिति संतोषजनक नहीं पायी गयी। उन्होंने शिक्षकों को निर्देश दिये हैं कि ए और ए प्लस ग्रेड में महज आधा दर्जन बच्चे ही हैं। शेष बच्चों की स्थिति चिंताजनक है। ऐसे में शिक्षकों को मेहनत करके ऐसे प्रयास करने होंगे कि बच्चों की ग्रेडिंग सुधरे। उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में बच्चे डी और ई ग्रेड में नहीं आना चाहिए। उन्होंने कहा कि संकुल प्राचार्य और जन शिक्षक भी सतत निरीक्षण कर एनालिसिस करें। माध्यमिक शाला में अंग्रेजी की स्थिति चिंताजनक थी। हायर सेकेंड्री के प्राचार्य को निर्देशित किया है कि एक अंग्रेजी शिक्षक हायर सैकेंड्री से भेजकर आठवी के परिणाम में सुधार कराएं, क्योंकि आठवी बोर्ड परीक्षा है।

अब ऐसे मिलेंगे अंक
पहले बच्चों की सभी परीक्षाएं केवल थ्योरी के आधार पर होकर अंक मिलते थे। इस बार से इसके पैटर्न में बदलाव आया है। अब थ्योरी के लिए 80 अंक और 20 अंक प्रेक्टिकल और प्रोजेक्ट रिपोर्ट के आधार पर मिलेंगे। इससे बच्चों को नवाचार करने को मिलेगा और उनकी दक्षता में भी बढ़ोतरी होगी। इस नए पैटर्न में थ्योरी पर 80 फीसद अंक के अलावा साइंस के स्टुडेंट को प्रेक्टिकल और कला तथा वाणिज्य के स्टुडेंट को प्रोजेक्ट वर्क पर अंक मिलेंगी।

इनका कहना है…!
यह हमारा सामान्य मासिक निरीक्षण था। संकुल प्राचार्य और जनशिक्षकों को भी ऐसे निरीक्षण कर एनालिसिस करने के निर्देश दिये हैं ताकि बच्चों की ग्रेडिंग में सुधार आ सके। निरीक्षण में हमें स्थिति संतोषजनक नहीं लगी। सुधार के निर्देश दिये हैं।
चंद्रकांता सिंह, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग

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