ऑन लाइन अनुज्ञा-पत्र प्रणाली में 1 जुलाई से होगी सख्ती

Post by: Manju Thakur

मंडी में व्यवस्था लागू, नहीं करते व्यापारी उपयोग
इटारसी। प्रदेश की 257 मंडियों में 1 जुलाई से ऑन लाइन अनुज्ञा-पत्र प्रणाली पर सख्ती से अमल कराया जाएगा। बता दें कि प्रदेश की कृषि उपज मंडियों में ऑन लाइन अनुज्ञा-पत्र प्रणाली लागू है, लेकिन ज्यादातर व्यापारी इसका उपयोग नहीं करते हैं।
1 जुलाई से कृषि उपज के परिवहन के लिए कृषि उपज मंडियों में शत प्रतिशत ऑन लाइन अनुज्ञा-पत्र ही जारी किये जाएंगे। व्यापारियों को खुद ही अनुज्ञा-पत्र जारी करने की सुविधा मिलेगी। व्यापारी चाहें तो घर बैठे अनुज्ञा पत्र जारी कर सकते हैं, लेकिन जो व्यापारी खुद अनुज्ञा-पत्र जारी नहीं कर सकते हैं उन्हें मंडी कर्मचारी अनुज्ञा-पत्र जारी करे में मदद करेंगे।

एक क्लिक पर जानकारी
इस व्यवस्था से व्यापारी एक क्लिक पर कृषि उपज के क्रय-विक्रय, मंडी फीस, शेष स्कंध की जानकारी कहीं भी देख सकेंगे। मंडी बोर्ड के एमडी फैज अहमद किदवई ने ई-अनुज्ञा के संदर्भ में सभी संबंधित कार्यालयों में आदेश जारी कर शत प्रतिशत अनुज्ञा जेनरेट करने पर जोर दिया है। इटारसी कृषि उपज मंडी के सचिव ने बताया कि इस प्रणाली से कृषि उपज का व्यापार और अधिक सुगम और सरल हो सकेगा।

घर बैठे हो सकता है काम
व्यापारी अपने घर बैठकर भी अनुज्ञा-पत्र जारी कर सकता है। नयी व्यवस्था में काफी सहुलियतें मिलने वाली हैं। अब अनाज से लदे वाहनों को अनुज्ञा-पत्र के लिए कृषि उपज मंडी परिसर में आने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि ड्रायवर के मोबाइल पर ही ओटीपी भेजकर माल परिवहन की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। नयी व्यवस्था में ई-अनुज्ञा से व्यापारी अपने खाते की जानकारी का प्रिंट भी प्राप्त कर सकेंगे।

अभी होता है ऐसे काम
वर्तमान में मंडी अधिनियम की धारा 19 (6) के अंतर्गत अनुज्ञा-पत्र बनाने का काम मंडी के सहायक उपनिरीक्षक और निरीक्षक आदि करते हैं। हाथ से बनने में काफी वक्त लगता है। लेकिन, नये मॉडल में कृषि उपज के वाहन में खराबी आने या फिर सौदा निरस्त होने पर पुन: दूसरे व्यापारी को बचने की स्थिति में व्यापारी फर्म के नाम से परिवर्तित करने की सुविधा भी रहेगी।

ये रहेगा फायदा
नयी व्यवस्था व्यापारियों को पारदर्शी कार्यप्रणाली करने की सुविधा देगी। मंडी बोर्ड आयुक्त श्री किदवई ने साफ्टवेयर में आवश्यक संशोधन, सुधार आदि के लिए सभी स्तर पर तैयारियों करने के निर्देश मंडी के नोडल अधिकारियों, उपनोडल अधिकारियों और प्रदेश की सभी मंडियों के सचिवों को दिये हैं। इससे सत्यापन के काम में तेजी आएगी, मंडी कर्मचारियों पर निर्भरता भी कम हो जाएगी।

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