लगा नहीं कि हो रहा है लॉक डाउन का पालन
इटारसी। लॉक डाउन के दौरान पिछले 40 दिनों से जिले में जो भी प्रतिबंध लागू थे, वे सभी लागू रहेंगे। किसी प्रकार की कोई छूट प्रतिबंध में नहीं दी गई है। केवल आवश्यक सेवाओं के लिए ही अनुमति दी जाएगी। प्रशासन इसकी मुनादी भी करा चुका है। यदि किसी को इसमें कोई संदेह है, तो वह समझ ले, लोगों को घरों में ही रहना है, तीसरे चरण के 14 दिन भी पिछले 40 दिनों की तरह ही निकालना है। किसी प्रकार की गलतफहमी पालकर घरों से निकलेंगे तो वे कानूनी कार्रवाई के दायरे में आ सकते हैं। यह बात आज प्रशासन ने स्पष्ट कर दी है। दरअसल, आज शहर में अचानक बाजार में लोगों की भीड़ हो गयी थी तो मुख्य मार्गों पर भी वाहनों की आवाजाही तेज हो गयी थी।
पिछले करीब एक सप्ताह से शहर के गली-मोहल्लों में लॉक डाउन का पालन नहीं हो रहा था। प्रशासन की जरा सी ढील के कारण आज मुख्य बाजार और मार्गों पर भी भीड़ उमड़ पड़ी। बैंकों, मोहल्लों, कुछ होम डिलेवरी वाली दुकानों, मेडिकल स्टोर्स में तो पिछले कई दिनों से लॉक डाउन का मजाक बनाया जा रहा था, अब लोगों को घर से बाहर निकलकर बाहर की आवोहवा में तफरीह करने की मंशा ने बाजार में भीड़ बढ़ा दी, ओवरब्रिज पर तो इतने वाहन निकल रहे थे मानो, लॉक डाउन जैसे कोई आदेश ही न हों। जैसे ही प्रशासनिक अधिकारियों के पास बात पहुंची, तो तत्काल तहसीलदार तृप्ति पटेरिया, नायब तहसीलदार ऋतु भार्गव, विनय प्रकाश ठाकुर ने हाथ में लाठी उठायी और अपने राजस्व के कुछ कर्मचारियों को साथ लेकर ओवरब्रिज पर पहुंच गयीं।
प्रशासन ने संभाली कमान
लॉक डाउन का उल्लंघन हो रहा था और पुलिस का यातायात अमला कहीं नहीं था। लगभग आधा घंटा तहसीलदार, नायब तहसीलदार ने कमान संभाली और फिर उन्होंने एसडीएम सतीश राय को भी खबर की। श्री राय भी पहुंचे और उन्होंने तत्काल नगर निरीक्षक दिनेश सिंह चौहान को फोन करके कहा कि शहर के ओवरब्रिज पर आकर देखिये, कैसा लॉक डाउन का पालन हो रहा है। अगले दस मिनट में टीआई श्री चौहान भी अपने बल के साथ पहुंचे और कमान संभाली। एसडीएम, तहसीलदार सहित राजस्व विभाग के अधिकारियों ने पुलिस के सुपुर्द ओवरब्रिज का तिराहा करके बाजार में पहुंचे और यहां मेडिकल की दुकानों पर बिना फिजिकल डिस्टेंस के खड़े लोगों को व्यवस्थित कराया।
मुर्गा बनाया, बैठक लगवायी
तहसीलदार तृप्ति पटेरिया और नायब तहसीलदार ऋतु भार्गव के हाथ में पाइप था, हर बाइक सवार को रोककर पूछा जा रहा था, कि वह घर से क्यों निकला और कहां जा रहा है। जिसके पास बाजिव कारण था, उसे छोड़ा जा रहा था और तफरीह करने और बहाने बनाने वाले युवाओं से उठक-बैठक लगवायी जा रही थी और कुछ को मुर्गा भी बनवाया जा रहा था। उनकी पाइप सेवा भी की गयी। लगभग डेढ़ घंटे में एक हजार के लगभग वाहन निकले होंगे। ट्रकों के अलावा मरीजों को लेकर जा रहे चार पहिया वाहनों को भी जाने दिया। लेकिन, कुछ कार में युवा थे जो बाजिव कारण नहीं बता सके तो उनकी खातिरदारी कर उठक-बैठक लगवायी और उसी दिशा में वापस किया जहां से वे आ रहे थे।
मास्क हटाकर फोटा करायी
कई युवा बाइकर्स ऐसे थे जो केवल बाजार में यह देखने निकले थे कि आखिर बाजार का नजारा कैसा है। उनके पास दवाओं के ऐसे पर्चे थे, जो काफी पुराने थे और जवाब भी वे मानने लायक नहीं दे पा रहे थे। ऐसे युवाओं को न सिर्फ मुर्गा बनाया बल्कि एसडीएम सतीश राय ने उनका मास्क हटवाकर उनकी फोटोग्राफी भी करायी। कुछ युवा ऐसे भी थे जो कहीं फोन करने या फोन आने का बहाना बनाकर मुर्गा बनने से बचने का प्रयास कर रहे थे तो तहसीलदार और नायब तहसीलदार ने उनकी पाइप से पूजा की और जैसे ही पाइप पड़े तो ये मुर्गा भी बने गये। फोटो निकालने के वक्त कुछ युवा चेहरा छिपाने का प्रयास भी करते रहे तो जो बाइक पर निकल रहे थे, उनको डंडे पड़े तो वे भी चेहरा छिपाते रहे।
ये बोले एसडीएम
सभी प्रकार के प्रतिबंध लागू हैं, केवल आवश्यक सेवाओं को अनुमति रहेगी। कुछ मानव संसाधन की कमी से अब तक वार्ड में लगी ड्यूटी नहीं लगायी जा रही है। लेकिन, हम जाकर फ्लैग मार्च भी करेंगे और लोगों को समझाईश देंगे कि 14 दिन और पूर्व की तरह ही निकाल लें।
सतीश राय, एसडीएम