जय जगत पदयात्रियों से डीएम ने कहा हमारे देश की आधारशिला अहिंसा है
बैतूल। जय जगत यात्रा के 86 वें दिन यात्रा बैतूल के कलेक्ट्रेट ऑफिस में पहुंची जहां स्वागत के बाद एकता परिषद के संस्थापक तथा जय जगत यात्रा के नेतृत्वकर्ता राजगोपाल पीव्ही ने कहा कि सकारात्मक तरीके से गुस्से का प्रयोग करके हम एक बेहतर बदलाव ला सकते हैं। लेकिन आजकल गुस्से के नकारात्मक भाग को ज्यादा फैलाया जा रहा है। आज के परिदृश्य में जरूरी है कि हम सोच समझकर अपनी उर्जा विश्व शांति के लिए और विश्व कल्याण के लिए लगाएं। आज देश के साथ साथ पूरे विश्व में अहिंसा के लिए शोध, और नए तरीकों की आवश्यकता है। गांधी हमेशा से इस भावना में विश्वास रखते रहे हैं कि मैं गुलामी से मुक्ति चाहता हूं, साथ-साथ उस मानसिकता को भी आज़ाद करना चाहता हूं। गांधी ने अहिंसा से परिवर्तन करके दिखाया है। गांधी ने अहिंसा से समाज को शांतिमय और न्यायपूर्ण बनाकर दिखाया है।
राजगोपाल पी व्ही ने कहा की आज देश में अहिंसा मंत्रालय, अहिंसा स्कूल, अहिंसा पार्क होना चाहिए, जहां अहिंसा को सभी तक ले जाने का एक सुदृढ़ अवसर प्राप्त हो सकें। बैतूल के प्रशासन को बधाई देते हुए कहा कि बैतूल के प्रशासन के जैसे ही जनता के साथ मिलकर न्यायपूर्ण और शांतिमय समाज बना सकते हैं।
2 अक्टूबर 2019 से शुरू होकर यात्रा दिल्ली से पदयात्रा करते हुए 22 दिसम्बर को बैतूल जिले में पहुंची है। यात्रा के दौरान गोठी परिवार ने सभी का स्वागत किया। 103 वर्षीय विरदीचंद गोठी ने सभी यात्रियों को आशीर्वाद देते हुए यात्रा की सफलता की कामना कर अपने जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि कैसे समाज में कुरीतियों को ख़त्म करने, सद्भावना के लिये पदयात्राएं किया करते थे। श्री गोठी जी ने कहा कि आज जय जगत पदयात्रा को देखकर विश्वास हो रहा है कि गांधी आज भी दुनिया में जीवित हैं, और आज पूरे विश्व को गांधी की जरूरत है। यात्रा के दौरान एसपी कार्तिकेयन के, सीईओ जिला पंचायत एमएल त्यागी, साकेत मालवीय आदि सभी प्रशासनिक पदाधिकारी, मुकेश गोठी, सुभाष गोठी व अन्य बैतूलवासी मौजूद रहे। 2 अक्टूबर 2019 से शुरू जय जगत 2020 वैश्विक पदयात्रा के 84 दिन पूरे होकर यात्रा दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, उत्तरप्रदेश के ललितपुर, मध्यप्रदेश के मुरैना, सबलगढ़, ईशागढ, अशोकनगर, विदिशा, रायसेन, भोपाल, होशंगाबाद, हरदा होते हुए बैतूल जिले में प्रवेश कर चुकी है। पूरी दुनिया में गरीबी उन्मूलन, जलवायु संकट, असमानता ख़त्म करने और युद्ध रहित दुनिया के संदेश के साथ विश्व के 16 देशों से 50 पदयात्री पूरे 365 दिन तक 10 देशों ईरान, अर्मेनिया, जॉर्जिया, बुल्गारिया, क्रोएशिया, इटली आदि से होते हुए अगले वर्ष अक्टूबर 2020 में स्विट्जरलैंड, जिनेवा पहुंचेंगे। यात्रा में शामिल 50 पदयात्री 15 अलग अलग देशों से और भारत के अलग अलग प्रान्तों से हैं। जिनमें पश्चिम बंगाल से देबाशीष, छत्तीसगढ़ से मुरली, मध्यप्रदेश से खुशबू चौरसिया, भिण्ड से नीरू दिवाकर, छिंदवाड़ा से मुदित श्रीवास्तव, उत्तरप्रदेश से आशिमा, राजस्थान से जय सिंह जादौन, गुजरात से पार्थ, केरल से अजित, बिहार से सन्नी कुमार, तमिलनाडु से श्रुति आदि शामिल है।