कविता के माध्यम से अटल जी को किया याद

Post by: Manju Thakur

इटारसी। राष्ट्रीय कवि संगम के तत्वावधान में आज जिला स्तरीय काव्य गोष्ठी एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि कार्यक्रम जिला अध्यक्ष सुनील वाजपेयी के निवास पर रखा गया। जिसमें जिले भर से आये कवियों ने राष्ट्रीयता से ओतप्रोत और अटल जी पर केंद्रित कविताएं पढ़ीं।
सर्वप्रथम श्रीमती ममता वाजपेजी ने दर्द जो न चरवा वो क्या जाने, पं आलोक शुक्ल अनूप ने ऐ मौत तू भी जी भरकर रोई, तरुण तिवारी तरु ने कदम जमीं पर निगाहें आसमां, मदन बड़कुर तन्हाई ने इतना भी गुस्सा बरपाना क्या, पं गिरी मोहन गुरु ने एकता के गीत मिलकर गुनगुनाना, यशवंत पाटीदार ने जहां ईमान बिकता है, सुनील भिलाला ने जंगल थे जानवर थे, रामकिशोर नाविक ने जि़ंदगी तेरी बलैयां, एसआर धोटे ने सोने की चिडिय़ा के पर, गुलाब भूमरकर ने जि़न्दगी में आये हो कविताएं पढ़ीं। साथ ही बीके पटेल, जगदीश वाजपेयी, केपी बछलदे, अविनेश ताम्रकार, सतीश शमी, जीवन घावरी, राजेन्द्र भावसार, विनय चौरे, अरविंद सागर, भगवानदास बेधड़क आदि कवियों ने अपना रचना पाठ किया।
कार्यक्रम का संचालन विकास उपाध्याय ने किया। आभार प्रदर्शन करते हुए सुनील वाजपेयी ने अग्रिम कार्यक्रम की रूपरेखा एवं नवोदित कवियों को आगे लाने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। अंत में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय वाजपेयी जी के तेल चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पण कर सभी कवियों ने दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी।

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