कवि सम्मेलन में हास्य की फुहारों से गुदगुदाया

इटारसी। अखिल भारतीय साहित्य परिषद एवं लोक सृजन संस्था के संयुक्त तत्वावधान में बूढ़ी माता मंदिर परिसर में आयोजित कवि सम्मेलन में श्रोताओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सिवनी मालवा के विधायक प्रेम शंकर वर्मा थे। संचालन संस्था के तहसील अध्यक्ष राजकुमार दुबे ने किया।
अखिल भारतीय साहित्य परिषद और लोक सृजन संस्था के तत्वावधान में हुए कवि सम्मेलन की शुरुआत कवि बीके पटैल ने सरस्वती वंदना से की। हरदा के कवि जयकृष्ण चांडक ने इश्क के रास्ते से गुजर जाऊं मैं, बात दिल की कहूं या ठहर जाऊं मैं, कविता सुनाई तो सिवनी मालवा केे माखन मालवीय ने उगते हुए सूरत से कह देना, व्यर्थ ना जाए दोपहरी, रामकिशोर नाविक पेट का मसला ना अब तक हल हुआ, टोपियों में मामला टलता रहा, भगवानदास बेधड़क ने नेता अगर चोर ना हो तो डाकू थानेदार ना होगा, आलोक शुक्ल ने और क्या आखिर तुझे ऐ जिंदगी चाहिए, विकास उपाध्याय ने मिला तुम्हें मंदिर बना बनाया पूजा करने को सुनायी। संचालन कर रहे बीके पटैल ने आदमी के आदमी से छल नहीं होंगे, जो अंधेरे आज सच हैं कल नहीं होंगे, सोहागपुर के राजेंद्र सहारिया ने बुंदेली गीत कैसो बैठो मारो-मारो रे करता से करतार हारो रे सुनाया। उपस्थित श्रोताओं ने कवि सहारिया के बुंदेली गीतों पर भरपूर तालियां बजायीं।

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