इटारसी। प्रदेश में पत्रकारों स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं विधि विधाई मंत्री पीसी शर्मा द्वारा एक घोषणा की गई जिसमें शीघ्र ही पत्रकारों को पत्रकार प्रोटेक्शन एक्ट के तहत सुरक्षा मिलेगी। पत्रकारों को धमकी देना भी अब महंगा साबित होगा। पत्रकारों पर हो रहे हमले और लगातार मिल रही धमकियों को लेकर पत्रकार कल्याण परिषद द्वारा वर्ष 2018 में पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने को लेकर लगातार प्रयास किए गए। 10 सितंबर को भोपाल के गांधी भवन में पत्रकार सुरक्षा कानून को लेकर महाधिवेशन हुआ। जिसमें पत्रकार कल्याण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष वेदांती त्रिपाठी व प्रदेश अध्यक्ष शिव भारद्वाज के नेतृत्व में लगभग 5 सौ पत्रकार पहुंचे थे।
पत्रकार कल्याण परिषद द्वारा आयोजित उक्त सम्मेलन में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, सेवादल के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामेश्वर नीखरा, खनिज निगम के अध्यक्ष शिव चौबे और आप पार्टी के अध्यक्ष आलोक अग्रवाल सहित अन्य वक्ताओं ने पत्रकार सुरक्षा कानून को लेकर विचार रखे थे।
दिग्गीराजा, पचौरी, नीखरा ने किया था वादा
पूर्व मुख्य मंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी और सेवादल के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामेश्वर नीखरा ने पत्रकार कल्याण परिषद के 12 सूत्री मांग पत्र में मुख्य रूप से शामिल पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने, पत्रकारों पर दर्ज झूठे मुकदमें शीघ्र समाप्त करने, पत्रकारों को डराने धमकाने वालों पर प्रकरण दर्ज करने, पत्रकारों की श्रद्धानिधि बढ़ाने एवं अधिमान्यता नियमों में सरलीकरण करने जैसे मामलों पर कहा था कि कांग्रेस चुनावी घोषणापत्र में इन मुद्दों को शामिल करेगी और सरकार बनने पर इसे शीघ्र लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने सरकार बनने के तुरंत बाद जो फैसले लिए है, उनमें यह शामिल है कि पत्रकारों पर जो फर्जी मुकदमे दर्ज हैं उन्हें वापस लिया जाएगा। किसी भी पत्रकार को अगर कोई धमकी देता है तो उसकी तत्काल शिकायत लिखी जाएगी और 24 घंटे में संबंधित पर प्रकरण दर्ज कर ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि उसकी आसानी से जमानत न हो। पत्रकारों से अभद्रता करने वालों पर 50 हजार का जुर्माना और 3 साल तक की जेल हो सकती है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की है। इसी तरह प्रदेश के विधि मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि है शीघ्र ही पत्रकार सुरक्षा कानून बनाकर लागू किया जाएगा।
पत्रकार कल्याण परिषद ने किया था प्रदर्शन
10 सितंबर को भोपाल में आयोजित महाअधिवेशन के बाद पत्रकार कल्याण परिषद द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष वेदांती त्रिपाठी और प्रदेश अध्यक्ष शिव भारद्वाज के नेतृत्व में बड़ी रैली निकालकर मुख्यमंत्री निवास पर प्रदर्शन किया गया था। लगभग 2 घंटे के प्रदर्शन के बाद जनसंर्पक आयुक्त ज्ञापन लेने आए लेकिन पत्रकार सुरक्षा कानून लागू नहीं किया गया और न ही भाजपा ने पत्रकारों के मुद्दों को अपने घोषणापत्र में शामिल किया। जिससे नाराज होकर पत्रकार कल्याण परिषद ने तत्कालीन मुख्य शिवराज सिंह चौहान के विधान सभा क्षेत्र पहुंचकर जैत सहित विभिन्न क्षेत्रों में जाकर मुख्यमंत्री के वादा खिलाफी के पर्चे बांटे और नुक्कड़ सभाए लेकर लोगों को मुख्यमंत्री की वादा खिलाफी से अवगत कराया।
संगठन ने जताया आभार
पत्रकार कल्याण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष वेदान्ती त्रिपाठी, प्रदेश अध्यक्ष शिव भारद्वाज ने मुख्यमंत्री कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, राज्य सभा सदस्य विवेक तनखा, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, सेवादल के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामेश्वर नीखरा, प्रदेश के विधि मंत्री पीसी शर्मा का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार जल्द ही अधिमान्यता नियमों में सरलीकरण व मांगपत्र में शामिल अन्य मांगों पर भी निर्णय लेगी।