कात्यायिनी देवी मंदिर में खेड़ापति की प्राण प्रतिष्ठा हुई

इटारसी। ग्राम सोनतलाई के प्रसिद्ध मां कात्यायिनी देवी मंदिर परिसर में तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा समारोह के साथ माता खेड़ापति की प्रतिमा स्थापित की गई है। इस अवसर पर अनेक ग्रामवासियों ने अपनी उपस्थिति दी।
ग्राम सोनतलाई का कात्यायिनी देवी मंरि पूरे तवा क्षेत्र में प्रसिद्ध है। दर्जनों गांव के लोगों की आस्था का केन्द्र इस करीब ढाई दशक पुराने मंदिर में पहले एक छोटी सी मढिय़ा थी। सन् 2003 में यहां पर शतचंडी महायज्ञ प्रारंभ होने से पूर्व ग्रामवासियों ने खेड़ापति माता की मढिय़ा को मंदिर का रूप प्रदान कर उसमें मां कात्यायिनी देवी की प्रतिमा स्थापित की। उनके आशीर्वाद से सोनतलाई में भी भव्यता आयी और अब मंदिर का भी विस्तार हो गया। मंदिर के मुख्य द्वार पर भैरव बाबा एवं श्री हनुमान जी के मंदिर भी बने। अब खेड़ापति माता जो पिंडी रूप में विराजमान थीं, उनका भी मंदिर संत महावीर दास ब्रह्मचारी के निर्देश पर इस मंदिर परिसर में समिति ने बनाकर यहां माता खेड़ापति की प्रतिमा स्थापित की और प्राण प्रतिष्ठा समारोह भी 9 मई से तीन दिन आयोजित किया। शनिवार को सुबह माता खेड़ापति की प्रतिमा के साथ शोभायात्रा ने ग्राम का भ्रमण किया। समारोह के मुख्य यजमान राजीव दीवान एवं अन्य यजमानों ने विद्वान ब्राह्मणों के मंत्रोच्चार के बीच हवन-पूजन कर माता की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की। मंदिर में इस अवसर पर महाआरती, कन्याभोज एवं प्रसाद वितरण भी किया गया। आयोजन में रामकिशोर तिवारी, प्रकाश श्रोती, शिक्षक दिलीप यादव, लक्ष्मीनारायण यादव, राकेश मालवीय, जगन्नाथ यादव, राकेश सराठे आदि का योगदान रहा।

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