किसान बोले, यूरिया के लिए ट्रक लूटना पड़ा तो लूट लेंगे
इटारसी। किसान यूरिया के लिए परेशान है। खेत में फसल को एक माह का वक्त हो गया है और ऐसे में यदि उसे खाद नहीं मिली तो उत्पादन प्रभावित हो सकता है। किसान यूरिया के लिए घंटों लाइन में लगने के बावजूद यूरिया नहीं ले पा रहा है। विपणन संघ के अधिकारी कहते हैं यूरिया की कमी नहीं है, बावजूद इसके यूरिया किसानों को यूरिया नहीं मिल पा रहा है।
खेत में फसल खड़ी है और विपणन संघ के दफ्तर के बाहर किसान। दोनों को यूरिया का इंतजार है। खेत में खड़ी फसल को यदि जल्द ही यूरिया नहीं मिला तो हो सकता है कि किसान के सपने पर पानी फिर जाए। किसान यूरिया पाने के लिए सुबह से खेत में जाने की जगह शहर आकर विपणन संघ के दफ्तर के सामने लाइन में नंबर लगा रहा है और इसके बाद भी उसे घंटों खड़े रहना पड़ रहा है। किसानों का धैर्य जवाब दे रहा है और वह चक्काजाम करने और यूरिया की गाड़ी लूटने जैसे गैरजरूरी हथकंडे अपनाने की बातें करने लगा है।
किसान चाहे जो हथकंडे अपनाने की चेतावनी दे, लेकिन विपणन संघ के अफसरों का काम करने का अपना स्टायल है। आज रैक आने के बावजूद वे यूरिया वितरण के लिए तैयार नहीं थे। मंगलवार को क्रिसमस का अवकाश है और लगातार तीन दिन रैक आने के बाद वे स्टॉक करके बुधवार से ही यूरिया बांटने की बात कह रहे हैं।
किसानों का कहना है…!
सुबह 8:30 बजे से लाइन में लगे हैं, दफ्तर खुला तो यहां के कर्मचारियों ने सूचना लगा दी कि आज रैक आएगा लेकिन खाद का वितरण नहीं होगा। कर्मचारियों का कहना है कि बुधवार से खाद दी जाएगी। खेत में एक माह हो गए फसल को खाद की जरूरत है, लेकिन खाद मिल नहीं रही है। गेहूं सूखने लगा है। हमें यदि जल्दी खाद नहीं मिली तो चक्काजाम का कदम उठाना पड़ेगा।
राहुल सिंह राजपूत, किसान ग्राम रोहना
किसान भूखा-प्यासा यूरिया के लिए लाइन में लगा है। उसे खाद नहीं मिल रही है। रैक आने के बावजूद हमें यूरिया नहीं देकर परसों आने का कह रहे हैं। मंगलवार को क्रिसमस की छुट्टी है। ऐसे में हम खेत में खाद डालने के लिए लेट होते जा रहे हैं। यही हाल रहा तो हमें हिंसक आंदोलन या फिर ट्रक लूटने जैसे कदम उठाने पड़ेंगे जिसकी जवाबदेही प्रशासन की होगा।
नीतिश दुबे, किसान ग्राम बिछुआ
एक माह हो गए हैं और फसल को पहला पानी नहीं दे सके हैं। यहां यूरिया के लिए लाइन में लगे हैं, खेत में जा ही नहीं पा रहे हैं। हमें खाद चाहिए, प्रशासन को बहानेबाजी बनाने से बेहतर है कि व्यवस्था सुधारे और हमें खाद उपलब्ध कराए।
राजेश यादव, किसान ग्राम रामपुर
इनका कहना है…!
लगातार तीन दिन रैक आएंगे। इस दौरान हम किसानों को यूरिया नहीं दे सकते हैं। ट्रक से खाद की बोरियां अनलोड करते वक्त काफी सावधानी रखनी पड़ती है। एक भी बोरी कम हुई तो हमें भुगतना पड़ेगा। पिछले दिनों तीस बोरी ऐसे ही कम हो गयी थीं। इसलिए हम बुधवार से वितरण करेंगे। खाद पर्याप्त मात्रा में है, किसानों को परेशानी नहीं होगी।
आरएस गुप्ता, प्रभारी अधिकारी विपणन संघ इटारसी