कृषि उपज मंडी में बुधवार को एक भी दाना धान नहीं खरीदी

मंडी के गेट पर लगा रहा ताला, ट्रालियों को भीतर नहीं आने दिया गया
इटारसी। कृषि उपज मंडियों में बुधवार को धान का एक भी दाना समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदा जा सका है। दरअसल, मंडियों में धान की खरीद व्यवस्था में परिवर्तन के बाद और परिवहन का कोई इंतजाम नहीं होने से यह स्थिति बन गयी है। 3 दिसंबर से मंडियों में धान की जो खरीद प्रारंभ हुई, उसके बाद से अब तक जो धान खरीदी गई, उससे मंडी परिसर फुल हो गया है और अब और धान खरीदी के बाद रखने की जगह नहीं होने से समितियों ने धान की खरीद बुधवार से बंद कर दी है।
इटारसी तहसील के लिए कृषि उपज उप मंडी रैसलपुर में समर्थन मूल्य पर धान नहीं खरीदी जा रही है। समिति की ओर से धान की खरीद नहीं करने के एक से अधिक कारण गिनाये गये हैं। एक तो समिति के पास वारदाना खत्म हो गया है, दूसरा मंडी परिसर में धान का परिवहन नहीं होने से जगह नहीं बची है और तीसरा जो धान बिकी है, उसका भुगतान किसानों को अब तक नहीं हुआ है, तो नयी खरीदी करके किसानों की संख्या भी समिति नहीं बढ़ाना चाहती है। बुधवार को खरीदी नहीं की गई और उपमंडी का मेन गेट बंद रखा गया। कोई ट्राली अंदर नहीं आने दी गई। खरीद नहीं होने से किसान परेशान हो रहा है।
आज हुई कल की तुलाई
कृषि उपज उपमंडी रैसलपुर में मंगलवार को जितनी भी धान की खरीदी की गई है, उसकी आज बुधवार को सारा दिन तुलाई की गई। सुबह से मंडी का मुख्य द्वार बंद कर दिया था और किसी भी ट्राली को भीतर नहीं आने दिया गया। आज करीब पांच सौ क्विंटल धान की तुलाई की गई जो कल खरीदी गई थी। मंगलवार को दोपहर 3 बजे के बाद से मंडी परिसर में कोई भी किसान धान लेकर नहीं आया। मंडी सूत्रों के अनुसार किसानों को समिति ने धान लाने का मना कर दिया था। क्योंकि अब तक जो धान की खरीदी हुई है, उसका भुगतान नहीं हुआ और मंडी परिसर में जगह भी नहीं बची है, कि और खरीदी करके धान रखी जा सके।
अब भी फंसा है, परिवहन का पेंच
इस वर्ष पहली बार होशंगाबाद जिले में धान की खरीद कर रही नेफेड कंपनी के क्षेत्र प्रतिनिधि सुरेश गौर का कहना है कि अभी परिवहन का ठेका नहीं होने से मंडियों से धान का परिवहन संभव नहीं है। दरअसल, परिवहन के टेंडर केन्द्र सरकार की एसओआर पद्धति से होना है और फिलहाल कोई भी ट्रांसपोर्टर इस पद्धति से काम करने का इच्छुक नहीं है। ऐसे में कोई टेंडर ही नहीं डाल रहा है। बुधवार को डीएमओ नये सिरे से रेट स्वीकृति के लिए भोपाल गये हैं, अभी क्या निर्णय हुआ है, इसकी जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। कुल जमा इसी कारण से मंडियों में खरीद कर रही सहकारी समितियों ने धान का एक भी दाना बुधवार को नहीं खरीदा है।
इनका कहना है…
आज डीएमओ रेट स्वीकृति के लिए भोपाल गये हैं, एसओआर पद्धति से कोई भी ट्रांसपोर्टर काम करने को तैयार नहीं है। ऐसे में परिवहन के टेंडर नहीं हो सके हैं। हमारी कोशिश है कि जल्द से जल्द ट्रांसपोर्टिंग चालू कराएं।
सुरेश गौर, क्षेत्र प्रतिनिधि नेफेड

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