कृष्णावतार, बृजवासी और गोपियों के आनंद हेतु हुआ

इटारसी।श्री कृष्ण ने कहा है कि ‘जनम लियो गोपिन सुख कारण अर्थात् श्री कृष्ण का बृज में अवतार मुख्य रूप से बृज की गोपियों और बृजवासियों को आनंद देने के लिए हुआ था। अपनी कलाओं और लीलाओं से श्री कृष्ण ने संपूर्ण बृज को नित दिन कृतार्थ किया है। उक्त उद्गार न्यास कॉलोनी में आयोजित भागवत कथा के पंचम दिवस पर वृन्दावन से पधारी श्रीजी साध्वी दीदी जी ने व्यक्त किये।
शुक्रवार को साध्वी जी ने श्री कृष्ण की बाल लीलाओं की कथा में कहा कि श्री कृष्ण के जन्म के बाद जब गोपियां उनके दर्शन करने नन्द भवन गयीं तो दर्शन के बाद बाहर निकलते समय सभी कृष्ण वियोग में रोने लगी जैसे कि वे सदैव के लिए उनसे दूर जा रही हों, इसके बाद वे बार-बार भवन में जाती और श्री कृष्ण के दर्शन करती। गोपियों की इस व्यथा को समझकर भगवान चोर बन गए, क्योंकि चोर को किसी को बुलाना नहीं पड़ता। वह स्वयं सभी जगह पहुंच जाता है, इस बात से गोपियां बड़ी प्रसन्न हुई क्योंकि अब उन्हें सिर्फ अपने घर में दही माखन बनाना था और श्री कृष्ण उसे चुराने के बहाने स्वयं जाकर उन्हें घर बैठे अपने दर्शन करा सकते थे। साध्वी जी ने कहा कि भगवान को यशोदा मां ओखल से नहीं बांध पायी परंतु गोपियों के उनके प्रति निश्छल प्रेम ने बिना जग-तप के भगवान को उनके प्रेम बंधन में बांध दिया।

CATEGORIES
Share This
error: Content is protected !!