केकैई का रुठना जरुरी है, सब्र का टूटना जरुरी है
केकैई का रुठना जरुरी है, सब्र का टूटना जरुरी है
होशंगाबाद।नव संवतसर ,गुडी पडवा के पावन अवसर पर साहित्यक आयोजन की श्रंखला मे नर्मदा आव्हान सेवा समिति व्दारा अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन सेठानी घाट पर किया। इसमें पृथ्वीपुर की कवियत्री हेमा बुखारिया ने अपनी कविता केकैई का रुठना जरुरी है, सब़ का टूटना जरुरी है, आज हद पार कर चुके रावण, राम का वन गमन जरुरी है खूब सराही गई। कवि सम्मेलन में कवियों ने गीत गजल,हास्य व्यंग्य, ओज की रचनाओं से श्रोताओं को भावविभोर किया। कार्यक्रम मुख्य अतिथि समाजसेवी डाँ. अतुल सेठा, अध्यक्षता राष्टीय कवि संगम के जिला अध्यक्ष सुनील वाजपेयी, भाजपा नेता हंस राय की विशिष्ट उपस्तिथि में हुआ। कार्यक्रम में 10 कवियों ने कविता पाठ किया।
इस अवसर पर आयोजक केप्टन करैया, बलराम शर्मा, पुरुषोत्तम गोर, आजाद सिरवैया, कृष्णा चौहान, राजेश तिवारी,सुनील जराठे ने अतिथियों एवं आमंत्रित कवियों का स्वागत किया। संचालन सुनिल वाजपेयी ने तथा आभार प्रदर्शन बलराम शर्मा ने किया।