इटारसी। सोहागपुर विधानसभा के अंतर्गत केसला ब्लॉक के ग्राम सोमलवाड़ा खुर्द में बूथ नंबर 144 पर ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया। ग्रामीणों ने अंडर ब्रिज की मांग को लेकर मतदान का बहिष्कार किया है। सुबह 7 से शाम 6 बजे तक गांव के किसी भी मतदाता ने मतदान नहीं किया है जबकि गांव में रहने वाले सरकारी कर्मचारियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं कोटवार से मतदान कराया है। शाम तक केवल 1200 में से 7 मत डाले जाने की सूचना है। ग्रामीणों का कहना है कि वे पिछले 2 माह से अपनी मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। स्थानीय सभी अधिकारियों से यह मांग की जा चुकी है और उन्हें बदले में केवल आश्वासन ही मिले हैं। ग्रामीणों ने कहा कि कि अधिकारी अंडर ब्रिज बनाने लिखित में आश्वासन दें, इसके बाद ही वे मतदान करेंगे। मतदान बहिष्कार की सूचना के बाद संयुक्त कलेक्टर श्री दिलवे, एसडीएम हरेन्द्र सिंह, एसडीओपी उमेश द्विवेदी सहित अन्य अधिकारी ग्राम सोमलवाड़ा खुर्द पहुंचे। अधिकारियों ने ग्रामीणों से बातचीत की। लेकिन ग्रामीण मौखिक किसी आश्वासन को मानने के लिए तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि नेशनल हाईवे के अधिकारी लिखित में आश्वासन देंगे तभी वे मतदान करेंगे। ग्रामीण दोपहर तक गांव के हनुमान मंदिर के सामने बैठे रहे और फिर चिलचिलाती धूप में निर्माणाधीन फोरलेन पर आकर बैठ गये। शाम को एनएचएआई के सीनियर प्रोजेक्ट मैनेजर श्री शर्मा और स्थानीय अधिकारी भी उनसे मिलने पहुंचे लेकिन ग्रामीण अपनी बात पर अडिग रहे।
थानेदार ने मीडिया को रोका
सोहागपुर विधानसभा के बूथ क्रमांक 144, सोमलवाड़ा में मतदान के बहिष्कार की सूचना पर मीडिया कर्मी जब बूथ के बाहर लगे टेंट में पहुंचे तो वहां मौजूद रामपुर थाना प्रभारी निकिता विल्सन ने उनको टेंट से भी बाहर जाने को कहा। जब मीडिया टीम ने उनको निवार्चन आयोग द्वारा जारी कार्ड बताए तो उन्होंने उसे मानने से इनकार करते हुए कहा कि आपके लिए हम बाहर कुर्सियां लगवा देते हैं, पानी पीजिए आप लोग। इस दौरान उन्होंने टेंट के भीतर मीडिया के कैमरे को भी रोका। निर्वाचन आयोग के कार्ड में स्पष्ट है कि मतदान केन्द्र के भीतर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी नहीं की जा सकती है, लेकिन टेंट तो बाहर लगा था, यहां रोकना, उनकी तानाशाह प्रवृत्ति को दर्शाता है। इस संबंध में जब एसपी एमएल छारी से मोबाइल पर चर्चा की तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि आप लोग भीतर जा सकते हैं, और नियमों का पालन करते हुए कव्हरेज कर सकते हैं।
इनका कहना है…!
हमारी आने वाली पीढ़ी का जीवन बर्बाद हो जाएगा। हम दो माह से लगातार अंडर ब्रिज के लिए मांग कर रहे हैं, लेकिन हमारी मांग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बल्कि ठेकेदार द्वारा हमें डराया-धमकाया जा रहा है। ग्रामीण स्वैच्छा से मतदान नहीं कर रहे हैं। हमारी एकमात्र मांग है कि हमें अंडरब्रिज का निर्माण होना चाहिए।
आनंद मेहतो, अधिवक्ता
हमारी मांग है कि फोरलेन पर अंडरब्रिज का निर्माण होना चाहिए ताकि ग्रामीण चार सौ साल पुराने देवी मंदिर पर आसानी से आ-जा सके। गांवों के करीब सौ बच्चे सड़क पार पॉलिटेक्निक कालेज जाते हैं। गांव की महिलाएं हफ्ते में दो बार मंदिर जाकर भजन कीर्तन करती हैं और गांव के लोग शहर में यहीं से आना-जाना करते हैं। हमारी मांग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, इसलिए मतदान का बहिष्कार किया।
अनुराग पटेल, ग्रामीण
ग्रामीणों का आवेदन मिला था जिसे उचित फोरम पर प्रेषित भी कर दिया है। हमने एनएचएआई को भी सूचित कर दिया था। यदि उनकी मांग जायज होगी तो पूरी भी होगी। हमने ग्रामीणों से बिना भय के मतदान करने को कहा है, लेकिन यह उनका अपना अधिकार है, उसे प्रयोग करें या नहीं।
हरेन्द्र नारायण, एसडीएम