गांधीवादी लोगों ने किया जय जगत पदयात्रा का स्वागत
सतीश गोठी के घर पहुंच कर शांतिदूतों ने दी श्रद्धांजलि
इटारसी। जय जगत 2020 विश्व शांति यात्रा में सम्मिलित देश विदेश के सभी पदयात्री उस समय शोकाकुल हो गए जब उन्हें यह समाचार मिला कि इटारसी नगर व आसपास के गांव में यात्रियों के स्वागत की तैयारी में लगे इटारसी के स्वतंत्रता सेनानी रहे लक्ष्मीचंद गोठी परिवार के सदस्य सतीश गोठी का निधन रात्रि में सड़क दुर्घटना में हो गया।
श्री गोठी की स्मृति में पदयात्रियों ने सुबह की प्रार्थना के समय मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की तथा यात्रा के संयोजक राजगोपाल पीवी ने रोज की तरह जुलूस में सबसे आगे पैदल न चलकर पीछे-पीछे चले। सभी पदयात्री इटारसी पहुंचने पर पांचवी लाइन स्थित निवास पर सतीश गोठी के पिता समीरमल गोठी से मिलकर ढाढ़स बंधाया और पुष्पांजलि अर्पित की।
सभी यात्रा के संदेश के साथ आगे बढ़ते हुए उस धर्मशाला को देखा जहां वर्ष 1933 में 3 दिसंबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने दुर्ग से इटारसी प्रवास के समय निवास किया था, इसके उपरांत समीपवर्ती हरदा नगर भी गए थे। इटारसी में धर्मशाला का निर्माणश्री गोठी के दादा लखमीचंद गोठी ने 1824 में किया था। गांधीजी के बाद स्वाधीनता सेनानियों के लिए, सामाजिक व राजनीतिक व्यवस्था परिवर्तन में लगे लोगों के लिए यह धर्मशाला केंद्र रहा है। 1970 में मिट्टी बचाओ आंदोलन यहीं से आरंभ हुआ। 1980 में मेधा पाटकर ने बह्मदेव शर्मा के मार्गदर्शन में नर्मदा बचाओ आंदोलन की शुरुआत यही से की। सभी पदयात्री गुरुद्वारा भी गये। जहां जसपाल सिंह भाटिया ने श्री राजगोपाल पी व्ही और जिला बहन का अंगवस्त्र और प्रसाद भेंट कर सम्मानित किया। यात्रा के 69 वे दिन सभी पदयात्री पथरौटा पहुंचेंगे। जहां सभी संदीप महतो के कृषि कॉलेज भारत कालिंग में रात्रि विश्राम करेंगे। पथरौटा के बाद सभी जमानी गांव जाएंगे। यहां हरिशंकर परसाई, माखनलाल चतुर्वेदी, भवानी प्रसाद मिश्र जैसे विभूतियों का जन्म हुआ है।
वक्फ बोर्ड ने किया स्वागत
मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड के जिला अध्यक्ष मोहम्मद अथर खान, उपाध्यक्ष जमील अहमद, जहूर बाबा, शौकत भाई, असगर कुरैशी ने न्याय एवं शांति के लिए वैश्विक पदयात्रा जो कि दिल्ली से जेनेवा के लिए निकली है, जो गांधी विचारक यात्रा में आये देश और विदेश के पदयात्रियों का कमेटी के सभी लोगों द्वारा स्वागत किया।