गुरु गोविंद सिंह जयंती पर मत्थ टेका, अरदास की

इटारसी। सिख समाज के दसवें और अंतिम गुरु, गुरु गोविंद सिंह का जन्मोत्सव हर्षाेल्लास से मना। इस अवसर पर गुरुसिंघ सभा ने विशेष कीर्तन, अरदास और लंगर के साथ ही सामाजिक शैक्षणिक प्रतिभाओं का सम्मान भी किया। रागी जत्थे ने कीर्तन प्रस्तुत किये। दो जनवरी को गुरु गोविंद सिंह के जन्मोत्सव पर सुबह से ही बड़े गुरुद्वारे में साध संगत जुटने लगी थी। सिख परिवार गुरुद्वारे के दीवाने हाल में पहुंचकर गुरुग्रंथ साहब को मत्था टेक रहे थे और वहीं बैठकर विशेष कीर्तनों का लाभ ले रहे थे। विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा भी अपने सहयोगियों के साथ जयंती समारोह में पहुंचे और गुरुग्रंथ साहब का आशीर्वाद लिया।
आज गुरुसिंघ सभा द्वारा समाज की प्रतिभाओं एवं उन शैक्षणिक प्रतिभाओं का सम्मान किया, जिन्होंने गत अक्टूबर में गुरुनानक देव के जीवन पर निबंध लिखे थे। इस सम्मान समारोह का हिंदी और पंजाबी में संचालन पाली जसपाल सिंह भाटिया ने किया। इस अवसर पर गुरुसिंघ सभा के अध्यक्ष जसबीर सिंघ छाबड़ा एवं गुरुनानक स्कूल समिति के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह अरोरा भी उपस्थित थे। सम्मान समारोह के पश्चात पुरुष वर्ग के लिए गुरुद्वारे में लंगर की व्यवस्था की गई। दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक चले लंगर में सभी समाज के हजारों लोगों ने लंगर का प्रसाद ग्रहण किया।

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