गेहूं व अरहर एफएक्यू स्तर का ही मंडी में ले जाएं
गेहूं व अरहर एफएक्यू स्तर का ही मंडी में ले जाएं
कमिश्नर ने की भूसा प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा
होशंगाबाद। कमिश्नर उमाकांत उमराव न किसान कल्याण व कृषि विभाग, पशु चिकित्सा सेवाएं, उद्यानिकी, मत्स्य, सहकारिता व खाद्य विभाग की योजनाओं में अब तक हुई प्रगति और भूसा प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा की।
कृषि विभाग की योजनाओं की समीक्षा में मंडी सचिवों से यह जानकारी प्राप्त होने पर कि कई बार किसानों का अरहर एफएक्यू स्तर का न होने पर उन्हें कृषि मंडी द्वारा खरीदा नहीं जाता है, कमिश्नर ने किसानों से आग्रह किया कि जब वो अपनी अरहर व गेहूं मंडी में ले जाएं उससे पूर्व ही यह सुनिश्चित कर लें कि वह एफएक्यू का हो ताकि उसकी ग्रेडिंग की जा सके। उन्होंने कृषि उपज मंडी के सचिवो को भी अपनी तरफ से मंडी में आवश्यक सफाई रखने, छन्ना व पंखे की व्यवस्था करन निर्देश दिए। अमानक बीज के नमूने की समीक्षा में बताया कि होशंगाबाद में 77 बीज के नमूनों में से 8, हरदा में 3 व बैतूल में 4 अमानक स्तर का पाया गया। कमिश्नर श्री उमराव ने परियोजना संचालक आत्मा को निर्देशित किया कि जीरो बजट कृषि को बढ़ावा देने जो 110 किसानों को प्रशिक्षण दिलाया था उनको प्रेरित किया जाए कि जायद की फसल जीरो बजट की फसल लें। कमिश्नर ने कृत्रिम गर्भाधान, कृत्रिम गर्भाधान से वत्सोत्पादन योजना, पशु बधियाकरण, टीकाकरण उपचार आदि में शत प्रतिशत लक्ष्य पूरा करने पर पशु चिकित्सा सेवा होशंगाबाद के अधिकारियों की सराहना की।
कमिश्नर ने कहा कि नर्मदापुरम् संभाग के तीनों जिलों में भूसा का उत्पादन प्रचुरता से होता है किन्तु भूसा बाहर नहीं जा पाता है। भूसा क्रय व विक्रय करने के लिए भूसा प्रबंधन की बेवसाइड बनाई है। कमिश्नर ने कहा कि किसानों को दाने की उपज के मूल्य के साथ-साथ भूसे के विक्रय से भी अतिरिक्त आमदानी होगी साथ ही वातावरण प्रदूषण मुक्त होगा। बताया गया कि होशंगाबाद में 18 व्यापारियों एवं 597 किसानों ने, हरदा में 11 व्यापारियों व 18 किसान तथा बैतूल में 23 व्यापारियों व 68 किसानों ने पंजीयन कराया है।