आज जीवन की आपाधापी में ऐसे कई चेहरे हैं जो, रहते हमारे साथ हैं लेकिन उनकी सेवा का तरीका ऐसा होता है कि एक हाथ काम करे तो दूसरे को भी पता न चले। प्रचार-प्रसार से दूर अपनी धुन में सेवा करने वाले विरले होते हैं। हमें ऐसे लोगों के साथ कदम मिलाकर सहयोग करना चाहिए ताकि समाज में सेवा की भावना बनी रहे। समाज की भीड़ में एक चेहरा है राजकुमार बतरा का। राजू भाई के अपनत्व भरे नाम से पहचाने जाने वाले राजकुमार बतरा करीब पांच वर्ष से गौसेवा कर रहे हैं। मन में पशुओं के प्रति नर्म कोना है और वे बड़े भावुक भी हैं।
राजू भाई से जब उनके इस कार्य को समाज के सामने लाने की इच्छा जाहिर की तो वे पहले काफी संकोची रहे। काफी देर बातचीत के बाद अंतत: वे राजी हुए। साईंराजा गौशाला चलाने वाले राजू भाई का कहना है कि पशुओं से उन्हें बचपन से ही प्रेम रहा है। शुरुआत में वे जब भी शहर में पिंजरे में बंद पंछियों को बेचने वाले दिखते थे तो उनके पास के सारे पक्षी खरीद लेते और उन्हें पिंजरे से आज़ाद कर देते थे। मूक प्राणियों के प्रति सेवा की भावना और प्रबल होती गई तो गौ सेवा शुरु की। आज स्थिति यह है कि उनके नेतृत्व में संचालित की जा रही गौशाला में दो दर्जन गाय हैं। इनमें विकलांग, कमजोर और बूढ़ी गाय शामिल हैं। गायों के बीमार होने पर उनके साथी अभिजीत यादव, विकास रावत आदि सूचना मिलने पर तत्काल मौके पर पहुंच जाते हैं। इनके ये युवा साथी गौशाला में गायों की देखभाल का जिम्मा संभालते हैं। ये कमजोर गायों को पानी, धूप से बचाते, उन्हें छांव प्रदान करते और कुत्ते और अन्य हिंसक जानवरों से बचाकर गौशाला में रखते हैं। अब तक हजारों गायों की सेवा कर चुके राजू बतरा और उनकी टीम को पशु चिकित्सा विभाग से एक सीमा तक सहयोग मिलता है।
पेशे से मेडिकल व्यावसायी राजू बतरा का अनुभव बीमार गायों की चिकित्सा में काम आता है तो डाक्टरों से परामर्श लेकर भी अनुभव मिलता गया। अब तक उन्होंने छह गायों का बीमा कराया है, हालांकि बीमा का एक भी पैसा नहीं लिया। वे स्वयं के जेब से राशि खर्च कर लेते हैं। उनको समाज से जो मदद मिलती है उसमें साईं कृष्णा गार्डन के संचालक अशोक अग्रवाल का विशेष सहयोग रहता है। इसके अलावा नंदकिशोर जुगलकिशोर फर्म से भी मदद मिलती है। राजू भाई की सेवा का जज्बा इतना है कि वे कहते हैं, यदि ऊपर वाले ने सक्षम बनाया तो वे संसार की एक भी गाय कटने नहीं देंगे। गौमाता किसी भी हालत में होंगी वे खरीदकर सेवा करेंगे लेकिन उनको कटने नहीं देंगे। ऐसे गौसेवक राजू भाई और उनकी टीम का जज़्बा देखकर सलाम करने को मन करता है।