ग्रीन जोन में आते ही सड़कों पर वाहनों की रेलमपेल

Post by: Rohit Nage

इटारसी। ग्रीन जोन में आते ही शहर की सड़कों पर वाहनों की रेलमपेल शुरु हो गयी है, और मुख्य मार्गों पर बनाये गये नाकों पर महज चैकिंग की खानापूर्ति की जा रही है। ओवरब्रिज पर भी जब तक अधिकारी साथ होते हैं, ट्रैफिक अमला और अन्य पुलिस कर्मी जांच करते हैं और अफसरों के जाते ही कुर्सियों पर बैठकर सोशल मीडिया पर व्यस्त हो जाते हैं और उनके सामने से ही बाइक चालक फर्राटे भरते हैं और कोई रोकटोक नहीं करता है। बैंक, पोस्ट आफिस, बिजली दफ्तर में फिजिकल डिस्टेंसिंग नियम की साफ तौर पर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और प्रबंधन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।
लॉकडाउन-३ खत्म हो चुका है और होशंगाबाद जिला रेड जोन से बाहर आते ही लॉक डाउन-४ कुछ शर्तों और ढील के साथ शुरु हो गया है। हालांकि जिला प्रशासन ने अभी तक यह आदेश जारी नहीं किया है कि लॉक डाउन में क्या रियायतें रहेंगी और कहां-कहां अभी ताले नहीं खुलेंगे। रेड जोन से बाहर आने की खबर के बाद तो मंगलवार को बाइक, कार-जीप ऐसे सड़कों पर आयीं जैसे ग्रीन जोन में आने का जश्र मनाने निकले हों। सुबह करीब ९:३० बजे ओवरब्रिज पर कुछ देर वाहनों की चैकिंग हुई। करीब एक घंटे बाद यहां से वाहन बिना किसी रोकटोक के निकले। इटारसी से लेकर सुखतवा तक किसी नाके पर किसी ने किसी बाईकर्स को रोककर नहीं पूछा कि कहां से आ रहे और कहां जा रहे हो। हालांंकि ड्यूटी पर पुलिस कर्मी तैनात थे। केसला में कुछेक दुकान खुली थीं, पथरोटा, सुखतवा, पुरानी इटारसी में कुछ दुकानें आधा शटर या जिनके घर में ही दुकानें हैं, वे घर से ही ग्राहकी करते रहे।
बाजार की सड़कों पर भी आज अपेक्षाकृत अधिक भीड़ थी। सड़कों और गलियों में लोक बेफिक्र घूम रहे थे। बाजार में होम डिलीवरी करने वाली दुकानें आधा शटर खुली थीं तो बेवजह घूमने वाले भी बाजार में थे और ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मी और अन्य कर्मचारी भी सबकुछ देखकर भी अनदेखी कर रहे थे। कुल जमा हालात यह लग रहे थे कि ग्रीन जोन में आने से लोगों ने सबकुछ सामान्य मानकर खुद ही बाजार में आकर घूमने का मन बना लिया है।

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फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं
शहर की किसी बैंक, पोस्ट आफिस, बिजली दफ्तर में फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है। शासन फिजिकल डिस्टेंसिंग, फेस मास्क, एक मीटर करीब की दूरी का जो नियम बताकर ढील देने की बात कर रहा है, उसका पालन होते आज तो कतई नहीं दिखा। होम डिलीवरी करने वाली दुकानों पर भी लोग व्यापारियों को सामान देने के लिए मजबूर करते दिखे, हालांकि व्यापारियों ने मना किया लेकिन लोग मानने को तैयार नहीं। प्रशासन को व्यापारियों की जगह ऐसे लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए। बैंकों में कतारबद्ध ग्राहक एकदूसरे से सटकर खड़े हो रहे हैं, दवा की दुकानों, बिजली दफ्तर, पोस्ट आफिस में भी तस्वीर इससे जुदा नहीं है।

इनका कहना है…!
हां, आज ज्यादा वाहन सड़कों पर आये थे। हमने जांच नाकों पर रोककर उनको घर पर रहने की समझाईश दी है और शासन के नियमों का पालन करने की हिदायत दी है। हम और कड़ी व्यवस्था कर रहे हैं।
डीएस चौहान, टीआई

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