जिलवानी मामला : जिद पूरी करने कर रहे जनता की सेहत से खिलवाड़

इटारसी। नगर पालिका को कचरा डंप करने के लिए शासन ने जिलवानी में जो भूमि दी है, उसके मामले में नगर पालिका के अधिकारी नगर को गुमराह कर रहे हैं। आज कुछ पार्षदों के साथ मीडिया की टीम ने जब मौके का निरीक्षण किया तो पाया कि जिस स्थान को नगर पालिका के अधिकारी दुर्गम बता रहे थे, वहां पहुंचना बेहद आसान है और वाहनों का पहुंचना भी मुश्किल नहीं। बावजूद इसके सड़क नहीं होने का बहाना देकर स्वच्छता विभाग ने नगर को गुमराह और अपनी जि़द पूरी करने के लिए शहर की जनता की सेहत से खिलवाड़ किया है।
टंचिग ग्राउंड के लिए जिलवानी में मिली जमीन पर कचरा डालने के लिए आवागमन की परेशानी बताकर न्यास कॉलोनी बायपास पर कचरा फैंक रही नगरपालिका का झूठ पकड़ में आ गया है। जिलवानी टंचिंग ग्राउंड पर पहुंचने को नगरपालिका दुर्गम बता रही थी वहां पहुंचना बड़ा ही आसान था। अब सवाल इस बात का है कि जिलवानी में आवागमन सुगम होने के बाद भी आखिरकार नगरपालिका के जिम्मेदार न्यास कॉलोनी बायपास पर कचरा फैंककर आखिर क्यों लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। कहीं न कहीं यह यक्ष प्रश्न लोगों को सोचने पर जरूर मजबूर करेगा।

it61019 3

अफसर भी नहीं करते निरीक्षण
नगर पालिका के स्वच्छता विभाग के अधिकारी इस स्थान को लेकर अपने आला अधिकारियों को भी गुमराह करते रहे हैं। आश्चर्य तो इस बात का है कि सीएमओ स्वयं जाकर वस्तुस्थिति नहीं देखते और एसडीएम हरेन्द्रनारायण ने भी नगर पालिका के अधिकारियों की बात मान ली और जिलवानी की भूमि पर जाकर वस्तुस्थिति को जानने का प्रयास नहीं किया। यहां आला अधिकारियों की कार्यप्रणाली भी आश्चर्य में डालती है। यदि अफसर स्वच्छता विभाग के अधिकारियों की बात पर भरोसा न करके स्वयं जाकर मौका-ए-मुआयना करते तो शायद स्कूल के बच्चों को आंदोलन न करना पड़ता और ना ही बारिश के दौरान बदबू और कचरे भरे मार्ग से उनको मुक्ति मिल गयी होती। शहर से निकलने वाले कचरे को एक स्थान पर डंप करने के लिए जमीन नहीं होने की स्थिति में नगरपालिका द्वारा शहर के न्यास कॉलोनी बायपास मार्ग समेत कई इलाकों में पूरे शहर से एकत्र कचरे को डंप किया जा रहा था। इस परेशानी को देखते हुए परिषद द्वारा टंचिंग ग्राउंड की योजना तैयार कर जिला प्रशासन से शहर के बाहर जमीन मांगी थी। चूंकि परिषद द्वारा भेजे एक प्रस्ताव के वक्त केन्द्र से लेकर नगरीय निकाय तक भाजपा की सरकार थी इसलिए प्रशासन ने बिना देर किए लगभग 2 वर्ष पूर्व नगरपालिका को शहर से लगभग 8 किमी दूर ग्राम पंचायत पथरौटा अंतर्गत आने वाले ग्राम जिलवानी में राष्ट्रीय राजमार्ग 69 से कुछ ही दूरी पर लगी साढ़े 13 एकड़ जमीन आवंटित की थी। प्रशासन से जमीन मिलने के बाद नगरपालिका द्वारा पीआईसी में प्रस्ताव पारित कर उक्त जमीन पर लगभग 40 लाख रुपए की लागत से मलमूत्र शुद्धिकरण संयंत्र एवं कचरों के लिए अलग से पेटी लगवाने के साथ ही अन्य कार्य कराए गए थे। कार्य पूर्ण होने के बाद नगरपालिका द्वारा संभवत: अप्रैल माह से उक्त स्थान पर कचरा फेंकना शुरू कर दिया था। लोगों को भी उम्मीद थी कि अब जिलवानी में मिली जमीन पर लाखों रुपए की लागत से कराए निर्माण कार्यो के चलते अब शहर कचरा मुक्त हो जाएगा। किन्तु आमजन की उम्मीद चंद माह में ही धराशाई हो गई जब अगस्त माह में हुई बरसात के बाद नगरपालिका ने उक्त स्थान को दुर्गम बताकर कचरा फेंकना बंद कर दिया। जिलवानी में कचरा फेंकना बंद होते ही नगरपालिका पुन: अपने असली रूप में आ गई और न्यास कॉलोनी बायपास मार्ग को फिर से कचरा घर के रूप में तब्दील कर दिया। वर्तमान में नगरपालिका द्वारा न्यास कॉलोनी बायपास पर फेंके जा रहे कचरे के कारण यहां के वाशिंदे संक्रामक बीमारियों की चपेट में आने लगे हैं।

अधिकारियों का सफेद झूठ
टंचिंग ग्राउंड के लिए जिलवानी में मिली जमीन पर नगरपालिका द्वारा अगस्त माह के बाद से कचरा फेंकना बंद कर दिया था। इसके पीछे नगरपालिका के जिम्मेदारों का तर्क था कि जिलवानी का पहुंच मार्ग दुर्गम होने के कारण वहां गाडिय़ां पहुंचना संभव नहीं है इसलिए वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर न्यास कॉलोनी बायपास पर कचरा फेंका जा रहा है। मामले की हकीकत जानने मीडिया की टीम क्षेत्र के दो पार्षदों अमृता मनीष सिंह ठाकुर और कुलदीप रावत के साथ जिलवानी पहुंची। टीम मौके पर पहुंची तो वहां का मार्ग बड़ा ही आसान था। दिलचस्प बात है कि प्रशासन द्वारा नगर पालिका को जिलवानी में जमीन दी गई है, वहां तक राष्ट्रीय राजमार्ग के रास्ते कीरतपुर में उद्योग विभाग द्वारा बनाई सड़क के रास्ते आसानी से पहुंचा जा सकता है। नगरपालिका को मिली जमीन की सीमा सड़क से शुरू हो जाती है। ऐसी स्थिति में नगरपालिका के लिए वहां कचरा फेंकना कोई असंभव बात नहीं है। दूसरी बात यह है कि नगरपालिका द्वारा उक्त जमीन पर मलमूत्र शुद्धिकरण को बनाए संयंत्र के नाम पर भी भारी गोलमाल की संभावना जताई जा रही है। जब पार्षद कुलदीप रावत और अमृता मनीष ठाकुर ने संयंत्र का निरीक्षण किया तो एक पल के लिए वह भी हैरान रह गए। लगभग 40 लाख रुपए की लागत से बनाए संयंत्र की गुणवत्ता स्वयं भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रही है। दूसरी ओर नगरपालिका द्वारा ग्राउंड में कचरा एकत्र करने के लिए लगाई गई 4 पेटियों की कहानी भी समझ से परे है। स्थानीय निवासी एक युवक का कहना था कि चारों पेटियां जनवरी माह में लगाई गई है लेकिन आज तक उनका उपयोग नहीं किया। सवाल इस बात का है कि आखिरकार उक्त पेटियां लगाने के पीछे नगरपालिका का उद्देश्य क्या था।

नगरपालिका की जमीन पर दबंगों का कब्जा
टंचिंग ग्राउंड के लिए सरकार से साढ़े 13 एकड़ जमीन मिलने के बाद नगरपालिका के जिम्मेदारों ने कभी जमीनी स्तर पर जाकर जायजा लेना उचित नहीं समझा। संभवत: यही वजह है कि नगरपालिका को मिली जमीन में से 4 एकड़ जमीन पर दबंग कब्जा कर खेती कर रहे हंै। बताया जाता है कि टंचिंग ग्राउंड के लिए मिली साढ़े 13 एकड़ जमीन में 2-2 एकड़ जमीन पर दो दंबगों ने कब्जा कर मक्के की फसल लगा ली।

सबकुछ हाथ में फिर भी सेहत से खिलवाड़
जिलवानी में मिली जमीन को दुर्गम बताकर अपनी कारगुजारी छिपाने वाले नगरपालिका के जिम्मेदारों की मंशा समझ से परे है। यदि नगरपालिका को लोगों के सेहत की चिंता है तो आखिरकार न्यास कॉलोनी बायपास मार्ग पर विरोधाभाष के बावजूद आखिरकार कचरा क्यों फेंका जा रहा है। जबकि यहां फेंके जा रहे कचरे को लेकर क्षेत्र के वाशिंदों के अलावा जनप्रतिनिधि और एक निजी स्कूल के बच्चे भी अपनी आपत्ति दर्ज करा चुके हैं। लेकिन मनमानी के लिए मशहूर नगरपालिका के जिम्मेदारों ने कभी इस बारे में सोचना तक उचित नहीं समझा। जबकि हकीकत यह है कि अगर नगरपालिका चाहे तो जिलवानी मार्ग को महज 2 घंटे में आसानी से दुरुस्त कराया जा सकता है। लेेकिन जाने ऐसी कौन सी वजह है कि नगरपालिका इस मार्ग को दुरूस्त कराने के वजाय न्यास कॉलोनी में ही कचरा फेंक रही है।

इनका कहना है…!
अभी कुछ दिनों से बारिश थमी है तो हालात सुधरे हैं। वाहन जाने की स्थिति नहीं थी। अब बारिश थमी है तो हम जल्द से जल्द वहां बाउंड्री वाल का काम प्रारंभ करेंगे। बहुत जल्द वहां कचरा ले जाना प्रारंभ किया जाएगा।
हरिओम वर्मा, सीएमओ

CATEGORIES
Share This
error: Content is protected !!