ज्वलंत सवाल : क्या पुलिस से तेज भागते हैं रेत चोर?

ज्वलंत सवाल : क्या पुलिस से तेज भागते हैं रेत चोर?

इटारसी। सवाल यह है, कि पुलिस की ट्रेनिंग में दौड़ भी शामिल होती है, चोरों को भागने की कोई ट्रेनिंग नहीं मिलती, फिर भी रेत चोर (Sand thief) पुलिस से तेज भागते हैं। जब भी पुलिस रेत चोरों के खिलाफ कोई कार्रवाई करती है तो रेत चोर वाहन छोड़कर इतनी तेज भागते हैं कि पुलिस के हाथ नहीं आते। पुलिस केवल वाहन उठाकर थाने में खड़ा करती है और माइनिंग अधिकारियों (Mining officer) को फरियादी बनाकर प्रकरण दर्ज करती है। न तो वाहन राजसात होते हैं, ना ही वाहन के मालिकों पर कार्रवाई होती है? जनता समझती है, पुलिस, खनिज विभाग और रेत चोरों (Sand thief) के बीच चलने वाली जुगलबंदी। सबको पता है, फिर भी किसी में इस चोरी करने और कराने को लेकर शर्मिंदगी नहीं।
बीती 28 जुलाई की रात को थाना रामपुर (Thana Rampur) में रेत चोरों के खिलाफ जो कार्रवाई हुई, वे अज्ञात ट्राली चालक हैं। यानी केवल ड्रायवर। मालिक कौन है, यह पता लगाना पुलिस के लिए मुश्किल नहीं, बावजूद इसके केवल चालक पर प्रकरण दर्ज करना कई सवाल उठाता है। www.narmadanchal.com
रामपुर में रेत खदान नोटों की गड्डियां उगलती है, यह चर्चा भी आम है, तभी तो यहां पदस्थ थानेदार जगह नहीं छोडऩा चाहते। एक पखवाड़ा पूर्व एसपी ने तबादला किया है, लेकिन न तो वर्तमान ने थाना छोड़ा और ना ही जिन्हें भेजा वे पहुंचे। जाहिर है, ये दोनों अधिकारी अपनी मर्जी से तो ऐसा कर नहीं सकते। उच्च स्तर पर कहीं न कहीं कुछ तो दाल में काला है।
रामपुर पुलिस ने माइनिंग इंस्पेक्टर की शिकायत पर ग्वाड़ी रेत खदान (Guwari Sand Quarry) से जब्त आधा दर्जन रेत की ट्रैक्टर-ट्रालियों के अज्ञात चालकों पर प्रकरण पंजीबद्ध किया है। सवाल यह है कि डंपरों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती जबकि राजधानी से आकर लोग स्थानीय लोगों से हाथ मिलाकर सैंकड़ों डंपर (Dumper) रेत चोरी कर रहे हैं। दरअसल, मोटा माल है, उठता नहीं है, इसलिए उठाया नहीं जाता बल्कि वजन से दब जाते हैं, अधिकारी। जाहिर है, दबा हुआ तो कुछ कर नहीं सकता। अखबार और सोशल मीडिया पर रेत चोरी सुर्खियां बनी हुई हैं, लेकिन अधिकारी मानो अनभिज्ञ हैं। सबकुछ जाहिर है, लेकिन आंख मूंदकर बेशर्मी का लबादा ओढ़े सबकुछ चल रहा है। क्योंकि राजधानी में बैठे आकाओंका वरदहस्त हासिल है, और राजधानी के दबाव में स्थानीय केवल अपनी जेबें गर्म करके मुंह, हाथ, नाक, कान, आंख सब बंद किये हुए हैं । बहरहाल, एकसाथ बहुत लोग बहुत सा साक्ष्य जुटा रहे हैं और एक साथ धमाका होने की उम्मीद है, यदि सबकुछ ऐसा चला, जैसा चल रहा है तो खुलासा होने में संदेह नहीं। कुछ परिदृश्य बदलता है तो….!

थानेदार का कहना है…!
रामपुर थानेदार राजन सिंह गुर्जर (Rajan Singh Gurjar, Rampur Thana) का कहना है कि नदी की चौड़ाई इतनी ज्यादा है, कि दूर से ही पुलिस को देखकर रेत चोर दूसरी तरफ भाग जाते हैं। जब तक मौके पर पुलिस पहुंचे, रेत चोर (Sand thief) काफी दूर निकल जाते हैं। कुछ लोग हाथ भी आते हैं तो वे खुद को ग्रामीण बताकर यहां घूमने आना बता देते हैं। थानेदार ने इस बात से साफ असहमति जतायी कि कार्रवाई नहीं होती। उनका कहना है कि हम मामले की जांच करने के बाद आरोपियों को पकड़ते भी हैं। रेत चोरों पर पुलिस कार्रवाई करती है, पिछले दिनों पुलिस ने ऐसी कार्रवाई की भी हैं।

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