ट्विटर पर रेलमंत्री को हुई शिकायत, सत्यम केटरर्स का स्टाल सील

ट्विटर पर रेलमंत्री को हुई शिकायत, सत्यम केटरर्स का स्टाल सील

दिल्ली से मैसेज पर होती कार्रवाई, स्थानीय अफसर कर रहे कमाई
इटारसी। ट्विटर पर रेलमंत्री को की गई एक शिकायत के बाद आज दोपहर यहां रेलवे स्टेशन पर एक केटरर्स का स्टाल सील कर दिया गया। बताया जाता है कि कल कामायनी एक्सप्रेस में सफर कर रहे एक यात्री ने इस स्टाल से कोई सामान खरीदा था जिसमें ओवरचार्जिंग की गई थी।
यात्री ने निर्धारित मूल्य से अधिक में सामग्री बेचने की शिकायत ट्विटर पर रेलमंत्री को की थी। इसके बाद सीनियर डीसीएम भोपाल के निर्देश पर आज दोपहर 1 बजे सत्यम केटरर्स का यह स्टाल सील कर दिया गया। बता दें कि प्रदेश का यह महत्वपूर्ण रेल जंक्शन अवैध वेंडरिंग के लिए कुख्यात है। यहां मंडल और जोन स्तर के अधिकारियों ने काफी प्रयास किए लेकिन वे अवैध वेंडरिंग को बंद नहीं करा सके हैं। हैरानी की बात तो यह है कि रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म क्रमांक एक पर आरपीएफ थाना है तथा सारे प्लेटफार्म पर आरपीएफ और जीआरपी के जवान तैनात रहते हैं, बावजूद इसके अवैध वेंडरिंग, प्रतिबंधित खानपान की बिक्री, ओवर चार्जिंग, निर्धारित सीमा से बाहर जाकर ट्रालियों का संचालन आम बात है। स्वयं रेलवे के स्थानीय अधिकारी तक आरपीएफ को पत्र लिखकर अवैध वेंडरिंग की शिकायत कर चुके हैं, लेकिन आरपीएफ के कथित संरक्षण में यह कारोबार जमकर फलफूल ही नहीं रहा बल्कि बहुतायत में चल रहा है।
गुटखा पाउच की बिक्री भी जोरों पर
एक अनुमान के मुताबिक इटारसी जंक्शन पर गुटखा पाउच का ही कारोबार करीब तीस से चालीस हजार रुपए का होता है। यहां ५00 से अधिक अवैध वेंडर सक्रिय हैं, जो गुटखा पाउच, सिगरेट, रोटी-सब्जी, पानी,चाय, समोसा आदि की बिक्री करते हैं। इटारसी स्टेशन पर 4 से 5 हजार पाउच रोज बिकना आम है। ट्रेनों में बिना टिकट ये अवैध व्यवसाय कर रहे हैं। इनमें महिलाएं और नाबालिग बच्चे शामिल हैं। इसमें आरपीएफ और जीआरपी की मिलीभगत भी है। सूत्र बताते हैं कि गुटखा पाउच बेचने वालों से जवान रोज 20 रुपए वसूली करते हैं।
कार्रवाई की होती है औपचारिकता
ऐसा नहीं है कि अवैध वेंडरिंग वालों पर कार्रवाई नहीं होती। लेकिन वह कार्रवाई केवल दिखावा मात्र होती है, जो आला अफसरों और अपनी सक्रियता दर्शाने के लिए की जाती है। अवैध वेंडरों पर बिना टिकट का प्रकरण बना दिया जाता है जबकि दूषित खानपान, रेलवे स्टेशन परिसर में अनाधिकृत रूप से घूमने जैसे मामलों को नजरअंदाज कर दिया जाता है। जिस वक्त जबलपुर या भोपाल से रेलवे का कोई बड़ा अफसर आता है तो इन अवैध वेंडरों को पहले ही जानकारी दे दी जाती है और वे तब तक प्लेटफार्म पर नहीं पहुंचते हैं जब तक कि वह अधिकारी प्लेटफार्म पर होता है। अफसर के यहां से रवाना होते ही वेंडर वापस प्लेटफार्म पर पहुंच जाते हैं।
बाहर की टीम को मिलते अवैध वेंडर
यहां कार्यरत रेल सुरक्षा बल के अधिकारी दावा करते हैं कि यहां अवैध वेंडर नहीं हैं, यह दावा उस वक्त खोखला साबित हो जाता है जब बाहर की टीम आकर अवैध वेंडरों पर कार्रवाई करती है, जबकि स्थानीय जवानों को ये नहीं दिखते। भोपाल की क्रइम ब्रांच टीम ने कई मर्तबा यहां आकर अवैध वेंडरों के खिलाफ कार्रवाई की है। पिछले वर्ष ही अगस्त में क्राइम ब्रांच ने आरपीएफ स्टॉफ को 47 अवैध वेंडर सौंपे थे। अभी दो दिन पूर्व आरपीएफ ने करीब डेढ़ दर्जन अवैध वेंडर पकड़े थे। जिन पर रेलवे की अन्य धाराओं के उल्लंघन के प्रकरण बनाए थे। इनमें ट्रेन व प्लेटफार्म पर खाना, गुटखा-पाउच, पानी, बेचने वाले अवैध वेंडर, बिना टिकट यात्रा करने, महिला, विकलांग कोच में बैठने, पटरी क्रासिंग करने की कार्रवाई हुई है।
it140117 (11)रात के वक्त बढ़ता है अवैध कारोबार
रात के वक्त रेलवे प्लेटफार्म पर अवैध कारोबार काफी फलता-फूलता है। इस वक्त रेलवे के स्थानीय अधिकारी भी उतनी संख्या में नहीं होते हैं जितने दिन में होते हैं। ठंड का मौसम होने से जो अधिकारी ड्यूटी पर होते हैं वे अपने दफ्तरों में ही रहते हैं जबकि प्लेटफार्म पर पूरी तरह से अवैध वेंडरों का साम्राज्य स्थापित हो जाता है। पूरे प्लेटफार्म पर ट्रालियां यहां से वहां घूमती रहती हैं। खानपान रूप के बाहर तक स्टाल्स निकालकर कारोबार चलता है। ट्रेन के भीतर तक जाकर अवैध रूप से खानपान सामग्री बेची जाती है, जबकि ट्रेन के भीतर जाकर बेचना प्रतिबंधित होता है। ये अवैध कारोबार खानपान रूम संचालकों की शह पर ही उनके अवैध वेंडर करते हैं। रात के वक्त आकस्मिक जांच की जाए तो सच्चाई सामने आ सकती है।
इनका कहना है
कल कामायनी एक्सप्रेस के एक यात्री ने ट्विटर पर सत्यम केटरर्स के स्टाल पर ओवर चार्जिंग की शिकायत की थी। इसके बाद सीनियर डीसीएम भोपाल ने आज दोपहर 1 बजे इस स्टाल को सील करा दिया है।
बीएल मीना, डीसीआई

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