डेढ़ क्विंटल फूलों से खेली राधा-कृष्ण संग होली

इटारसी। रविवार को श्री द्वारिकाधीश मंदिर में बृजमंडल के होलिकोत्सव का हुड़दंग रहा। यहां डेढ़ क्विंटल गेंदा और गुलाब के फूलों से राधा-कृष्ण के संग होली खेली गयी। मंदिर परिसर में रसिक परंपराओं का निर्वाह, हास्य-व्यंग्य, संगीत, कला, काव्य आदि के रंग-बिरंगे प्रयास किए गए। आयोजन में बृज की लोक कलाएं, रसिया, स्वांग, नौटंकी आदि के साथ ही धमार, होरी गायन से बृज की संस्कृति की झलक दिखायी दी।
रासलीला के तीन दिनी उत्सव के समापन दिवस पर बड़े मंदिर परिसर में बृज की फूलों की होली, लड्डू होली, ल_मार होली के नजारे दिखे। बीच-बीच में श्रीहित आदर्श कृष्ण कला संस्थान वृंदावन के संचालक स्वामी चंद्रबिहारी वशिष्ठ बृज की होली के विषय में बताते चलते हैं। होली का त्योहार बृजक्षेत्र का सर्वाधिक रंगीन उत्सव है, जबकि वहां होली से कई दिन पूर्व गली-गली और मोहल्लों में होली के रास रचाये जाते हैं, फाग और स्वांग खेले जाते हैं। वहां के गांव में स्वागों की वही भावभीनी रसधारा प्रवाहित हो रही है। राधा कृष्ण के अभिनय से मंदिर परिसर बृजधाम बन गया था। बृज की होली के दर्शन आज बड़ा मंदिर प्रांगण में हजारों श्रोताओं ने किए और श्रीकृष्ण और राधा संग फूलों की होली भी खेली। राधा और कृष्ण की होली की उमंग, होली की अठखेलियों ने होली के पर्व से रस लेकर हृदयों को भी रसिया बना दिया। बृज की ये रसिया परंपरा और होली की आत्मा आज यहां के जनमानस में भी व्याप्त हो गई थी।

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दोपहर में तीन बजे मंचन प्रारंभ हुआ, ग्वाल-बाल सहित कृष्ण का जमघट और ग्वालिन सहेलियों के साथ राधा के संवाद होते हैं। आंखों के इशारे चलते हैं और इस सब अभिनय के साथ हाथों में फूलों की पंखुडिय़ां ले कर कृष्ण और उनके साथियों को पकड़ कर गुलाल मल देती हैं। बृज के कलाकारों का तीन घंटे को अनवरत मंचन ने यह साबित कर दिया कि होली यदि किसी की आत्मा में बसती है तो वह है बृज की भूमि, जिसके आज नगरवासियों ने साक्षात दर्शन किए। कार्यक्रम का शुभारंभ सांवरिया सखी संगम की श्रीमती साधना दुबे और संगठन की अन्य सखियों के अलावा मंदिर समिति के रमेश चांडक, नपा के लेखापाल रत्नेश पचौरी, कार्यालय अधीक्षक संजय सोहनी, संजीव दीपू अग्रवाल सहित अनेक सदस्यों ने राधा-कृष्ण की आरती करके किया।

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