डेढ़ घंटे आमने सामने रहे बाघ और बैल और फिर किया शिकार

इटारसी। सतपुड़ा टायगर रिजर्व से निकलकर वन्य प्राणी अब गांवों के आसपास आने लगे हैं। पिछले कुछ दिनों से यहां बाघ के मूवमेंट की खबरें सुनाई तो दे रहीं थीं, लेकिन आज तवानगर के निकट प्राचीन देवी मंदिर के पास ही बाघ ने एक बैल का शिकार किया जिसे तवानगर के कुछ लोगों के अलावा पुलिस ने भी देखा। पुलिस थाने से इसकी पुष्टि कर दी गई है कि बाघ ने एक बैल का शिकार किया। पुलिस ने एहतियात के तौर पर वहां पहुंचकर लोगों को घटना स्थल के काफी पहले रोक दिया था। सूत्र बताते हैं कि करीब डेढ़ घंटे आमने-सामने रहने के बाद बाघ ने बैल का शिकार किया और कुछ देर बाद उसे घसीटकर जंगल के भीतर ले गया।
बताया जाता है कि मढिय़ा के पास बाघ ने बैल को रोक लिया। बैल भी डरकर एक स्थान पर खड़ा हो गया, बाघ उसे देखता रहा। न तो वह बैल के पास आया और ना ही शिकार का प्रयास किया। कुछ देर बाद बाघ बैल जहां खड़ा था, उसके ठीक सामने आराम से बैठ गया। लेकिन उसकी पूरी नजर बैल पर थी। दो एक प्रयास बैल ने किए जब वह हिलने की कोशिश करता तो बाघ की दहाड़ सुनकर फिर सीधे खड़ा हो जाता। ऐसा करीब डेढ़ घंटे चला। यह घटनाक्रम शाम 5:30 से 7 बजे तक चला। 7 बजे अंधेरा होने पर बैल ने भागने की आखिरी कोशिश की और बाघ ने उसे गर्दन पकड़कर झपट लिया और गुत्थमगुत्था करके घसीटते हुए जंगल के भीतर ले गया। पुलिस के अनुसार इस दौरान वन विभाग को भी सूचना की गई थी।
इधर रेंजर लखनलाल यादव ने इस तरह की किसी घटना से अनभिज्ञता जाहिर करते हुए यह कहा कि वे आज जमानी के पास रांझी बीट में थे, उनको भी रात 8 बजे के करीब प्रेस के लोगों से ही ऐसी जानकारी मिली है, उनके विभाग से ऐसी कोई सूचना नहीं है और ना ही जिसका जानवर गया है, उसकी तरफ से कोई सूचना आयी है। हालांकि उन्होंने माना कि इस जंगल में बाघ तो हैं, जंगल उनका घर है, शिकार किया होगा तो सूचना तो मिल ही जाएगी। फिलहाल वे ऐसी कोई पुष्टि नहीं कर सकते।

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