डेढ़ घंटे धरना, नारेबाजी के बाद झुके अधिकारी

नगर पालिका कर्मचारी संघ की सभी मांगें मानी
इटारसी। नगर पालिका कर्मचारी संघ के बैनर तले बुधवार को जीपीएफ, ईपीएफ और एनपीए की राशि जमा नहीं होने पर नाराज कर्मचारियों ने करीब डेढ़ घंटे सीएमओ कक्ष के सामने धरना देकर अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी की। डेढ़ घंटे चले इस धरना आंदोलन के बाद सीएमओ से चर्चा उपरांत सभी मांगें मान ली गईं और कर्मचारियों ने धरना खत्म कर दिया। सीएमओ हरिओम वर्मा ने तो इसे आंदोलन ही मानने से इनकार कर दिया है।
नगर पालिका कर्मचारी संघ की ओर से ओमप्रकाश मालवीय ने बताया कि हमारा धरना सुबह 10:30 से दोपहर 12 बजे तक चला। सीएमओ श्री वर्मा ने हमारी सभी मांगें मान ली हैं, जल्द ही वेतन भी देने की बात की जा रही है, अत: फिलहाल हमारा आंदोलन स्थगित कर दिया गया है। इधर सीएमओ का कहना है कि नगर पालिका की आर्थिक स्थिति खराब होने से यह समस्या बनी है, चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि आते ही सारी समस्या का समाधान हो जाएगा।
यह बताया सीएमओ ने कारण
मुख्य नगर पालिका अधिकारी हरिओम वर्मा ने बताया कि नगर पालिका की आर्थिक स्थिति खराब है। दरअसल, नगर पालिका ने अपना एक काम्पलेक्स 1 करोड़ 60 लाख रुपए में विक्रय किया था। वह राशि पूर्व के नगर पालिका अधिकारी ने खर्च कर ली। इसके बाद बोली रद्द होने से 75 लाख रुपए लौटाने पड़े। ईपीएफ की राशि आयुक्त का पत्र आने के बाद करीब 26 लाख रुपए जमा कराने पड़े। इसके अलावा राज्य शासन से जो चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि 1 करोड़ 40 लाख रुपए आती है, वह केवल 90 लाख रुपए आयी। इस कारण से चार माह का जीपीएफ जमा नहीं हो सका था। अब हमने किसी तरह से नगर पालिका निधि से तीन माह का जीपीएफ जमा कराया है। एक माह का जीपीएफ रह गया है जो चुंगी क्षतिपूर्ति की शेष राशि आने पर जमा करा दिया जाएगा। इसके अलावा कर्मचारियों का वेतन की प्रक्रिया भी जल्द पूर्ण हो जाएगी।

कोई कर्मचारी नहीं है नाराज
सीएमओ श्री वर्मा ने आज कर्मचारियों द्वारा डेढ़ घंटे धरना दिये जाने और कर्मचारियों की नाराजी पर कहा कि कोई कर्मचारी नाराज नहीं है और किसी प्रकार का कोई आंदोलन भी नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि ये सब करने की जरूरत भी नहीं है। हमसे बात कर ली जाती तो सारी बात साफ हो जाती। अभी हमसे कर्मचारियों की बात हुई और उनको वास्तविकता से अवगत करा दिया तो सारे कर्मचारी अपने काम करने लगे। उन्होंने वर्तमान में बन रही इस स्थिति के लिए पूर्व के नगरपालिका अधिकारियों को दोषी ठहराया। इधर चार कर्मचारियों को निलंबित करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कुछ कर्मचारियों ने गलती की थी, इसलिए मौखिक निर्देश दिये थे। उन कर्मचारियों ने क्षमा मांग ली है, आगे से गलती नहीं करेंगे। इसके बाद उनको बहाल करने के निर्देश अधीक्षक को दे दिये हैं, उनका वेतन भी अन्य कर्मचारियों के वेतन के साथ हो जाएगा।

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