तवा में फिर सुखान से मत्स्याखेट शुरु

इटारसी। तवा जलाशय में प्रतिबंधित सुखान जाल से मत्स्याखेट करने वाले बिहार के मछुआरों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बाद कुछ दिन यहां मत्स्याखेट बंद रहा, लेकिन अब फिर से मछुआरों ने सुखान जाल से मत्स्याखेट प्रारंभ कर दिया है। आज भारतीय जनता पार्टी मछुआ प्रकोष्ठ केसला ब्लॉक अध्यक्ष हेमराज रैकवार के नेतृत्व में समिति के सदस्यों ने केसला थाना प्रभारी मोनिका गौर को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की है।
सुश्री गौर ने मछुआरों को बताया कि पहले भी हमने सुखान जाल जब्त करके प्रकरण पंजीबद्ध किया था। मत्स्य विभाग ने जब्ती करके मछली की नीलामी की थी। उन्होंने कहा कि मत्स्य विभाग को पहले कार्रवाई करना चाहिए, इसके बाद पुलिस मछुआरों को पकडऩे का काम करेगी। मत्स्याखेट रोकना मत्स्य विभाग का काम है, पुलिस का नहीं। उन्होंने कहा कि अवैध मत्स्याखेट पर पुलिस कार्रवाई कर सकती है, लेकिन मत्स्य विभाग एक आवेदन उनको दे दे तो हम उन पर कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं।

यहां हो रहा है अवैध मत्स्याखेट
बिहार से आए मछुआरे जलाशय में मछली का शिकार नहीं कर सकते हैं, इसके अलावा सुखान जाल पूरी तरह से प्रतिबंधित है, क्योंकि इसमें वे मछलियां भी फंस जाती हैं जो अत्यंत छोटी होती हैं। ऐसे में जलाशय में मछलियां खत्म हो जाएंगी। स्थानीय मछुआरों ने बताया कि अवैध मछुआरे कोटमी घाट, खामदा के पास मल्लूपुरा घाट, सुपलई, मालनी नदी पर रात के वक्त शिकार कर रहे हैं। इन मछुआरों की संख्या दो सौ के आसपास है। ये लोग शाम 6 से सुबह 5 बजे तक प्रजनन काल की छोटी मछलियों का शिकार करके उनको सुखाकर उत्तरप्रदेश के लखनऊ, गोरखपुर मंडियों में भेजते हैं। अवैध मछुआरों के आने से तवा जलाशय की मत्स्य सहकारी समिति से जुड़े मछुआरों पर रोजी-रोटी का संकट आ गया है।

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