तीसरा सावन सोमवार, शिवालयों में लगा भक्तों का मेला

Post by: Manju Thakur

इटारसी। श्रावण मास के तीसरे सोमवार को आज शिवालयों में शिवभक्तों का मेला लगा रहा। शहर के शिव मंदिरों में सुबह से शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, धतूरा आदि चढ़ाने भक्त पहुंचे थे। वैसे तो पूरे सावन माह में ही भगवान शिव की पूजा-आराधना की जाती है, लेकिन सावन का सोमवार विशेष महत्व रखता है। इसी कारण इस दिन व्रत रखा जाता है और शिवालयों में भक्तों की भीड़ लगी रहती है। आज सुबह से ही श्रद्धालुओं ने अलग-अलग मंदिरों में जाकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना की। वहीं तिलकसिंदूर स्थित प्राचीन गुफा मंदिर में सैकड़ों की संख्या में कावंडियों ने मां नर्मदा का जल चढ़ाया।
शहर और आसपास के ग्रामीण अंचलों से भक्त सुबह से ही शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते रहे। शहर में स्थित शिव मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगी देखी गई। सावन मास के सोमवार को महिलाएं और लड़कियां व्रत रखती हैं। जहां लड़कियां योग्य और मनचाहा वर पाने के लिए ये व्रत करती हैं वहीं विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए सावन के सोमवार का व्रत करती हैं। वैसे तो पूरे सावन के महीने में ही भोलेनाथ के जयकारों की गूंज से वातावरण गूंजायमान रहता है लेकिन सावन के सोमवार को अधिकतर सभी भक्त मंदिर में जाकर भोलेनाथ की पूजा करते हैं।

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द्वादश ज्योर्तिलिंग पूजन एवं रूद्राभिषेक प्रारंभ
नगर के लक्कडग़ंज स्थित दुर्गा नवग्रह मंदिर में द्वितीय चरण के द्वादश ज्योर्तिलिंग पूजन एवं रूद्राभिषेक का शुभारंभ सोमवार को दोपहर में मंदिर के पुजारी पं. सत्येन्द्र पांडेय की उपस्थिति में मुख्य आचार्य पं. जीवनलाल शास्त्री ने प्रारंभ कराया। पूजन एवं रूद्राभिषेक में आचार्य. सत्येन्द्र पांडेय, हेमंत तिवारी, अतुल मिश्रा, विनोद दुबे, पीयूष पांडेय ने सहयोग किया।
नर्मदांचल के जाने माने शिव भक्त पं. जीवनलाल शास्त्री पार्थिव ज्योर्तिलिंगों का निर्माण स्वयं करेंगे, तथा स्वयं के मार्गदर्शन में पूजन एवं रूद्राभिषेक संपन्न कराएंगे। श्री दुर्गा नवग्रह मंदिर में पूरे सावन मास में अरब सागर, पवित्र नदियों के जल तथा प्रमुख तीर्थ स्थलों की मिट्टी से पार्थिव ज्योर्तिलिंगों का निर्माण एवं अभिषेक होता है।
प्रथम दिन गुजरात के सोमनाथ स्थित ज्योर्तिलिंग का निर्माण, पूजन एवं अभिषेक कराया। यह मंदिर पूरे संसार भर में प्रसिद्ध है।
ऐसे चलेगा कार्यक्रम : मंगलवार 14 अगस्त को मल्लिकार्जुन एवं ओमकार ममलेश्वर, बुधवार 15 अगस्त को वैद्यनाथ, गुरुवार 16 अगस्त को भीमाशंकर एवं रामेश्वर,शुक्रवार 17 को नागेश्वर, शनिवार 18 को विश्वनाथ एवं त्रयंबकेश्वर, रविवार 19 को केदारनाथ, सोमवार 20 को महाकाल और 21 अगस्त मंगलवार को घृष्णेश्वर महादेव का रूद्राभिषेक किया जाएगा

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