इटारसी। तेज बारिश के चलते नदी, नाले उफान पर हैं और पानी पुलों के ऊपर से बह रहा है। आसपास के गांवों को शहर से जोडऩे वाले पुलों को लोग जान जोखिम में डाल कर पैदल और वाहनों से पुल पार कर रहे हैं। ऐसे में यहां प्रशासन की बड़ी लापरवाही देखने को मिली क्योंकि हर साल बारिश के मौसम में इस तरह के हालात बनते हैं लेकिन प्रशासन की ओर से कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं होने से यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। पुलों के आसपास सुरक्षाकर्मी नहीं होने से लोग अपनी जिंदगी से ज्यादा सेल्फी को महत्व दे रहे थे।
लगातार बारिश जनजीवन प्रभावित कर रही है। शहर को गांवों से जोडऩे वाले पुल पुलियाओं पर पानी होने से लोग जान जोखिम में डालकर पुल पार करते रहे लेकिन, शासन के पुलों पर पानी होने के दौरान सुरक्षा के आदेशों पर कतई अमल नहीं हो रहा है। न तो कोई पुलिस कर्मी की ड्यूटी लगी है और ना ही कोई होमगार्ड जवान की। गांव से शहर और शहर से गांव आने-जाने वाले तेज बहाव के बीच बाइक, पैदल या अन्य वाहनों से पुल पार करते रहे। शनिवार को सुबह से ही आसपास बारिश हो रही थी और नदियों पर बने पुल और पुलियाओं पर से पानी ऊपर से होकर जा रहा था। इस बीच कई घंटे यातायात प्रभावित रहा। खास बात यह है कि मोबाइल युग में पानी के बहाव के बीच लोगों ने जिंदगी पर सेल्फी को तबज्जो दी। पुरानी इटारसी के बीच से निकलने वाली घाटली नदी का रपटा डूब जाने से रास्ता बंद हो गया था। इसी बीच स्कूल की छुट्टियां होने पर ग्राम वासियों ने बच्चों को कंधों पर बिठाकर और अपनी जान जोखिम में डालकर पुल पार किया। इस वक्त पुल के ऊपर चार फुट पानी था जिसका बहाव भी काफी तेज था। तेज बहाव के बावजूद कुछ लोग कार और बाइक बाढ़ के बीच से निकाल रहे थे। ग्राम घाटली के जगदीश चिमानिया ने बताया कि इस वर्ष डेढ़ माह से हम परेशान हैं। चूंकि थोड़ी बारिश में भी यह रपटा डूब जाता है, आने-जाने में काफी परेशानी होती है।
घाटली नदी के अलावा नया रेलवे पुल के नीचे नीचे नदी पर बने दो पुलों में से एक पुल डूब गया था। उसके चार फुट ऊपर से बह रहे पानी में से लोग निकलते रहे। इधर सोनासांवरी नदी के पुल पर भी पानी आ गया था और इन पुलों पर लोग रैलिंग पर खड़े होकर सेल्फी लेते नजर आ रहे थे। इसे लेकर मेहरागांव के राजू चौरे एवं ग्राम साकेत के विमल पटेल ने कहा कि बाढ़ के दौरान नदी के तटों पर पुलिया पर सुरक्षा के इंतजाम होना चाहिए।