दलहनी फसल की मंडी में बंपर आवक

इटारसी। कृषि उपज मंडी इटारसी में ग्रीष्मकालीन मूंग की आवक अभी भी करीब पांच हजार क्विंटल प्रतिदिन हो रही हैं। इसके अलावा चना और तुवर जैसे दलहनी अनाज की आवक भी बंपर मात्रा में बनी हुई है।
प्रदेश की ए ग्रेड मंडियों में शुमार कृषि उपज मंडी इटारसी में साल के 9 माह किसी न किसी प्रकार के अनाज की आवक बनी रहती है। वर्तमान में जून के महीने में सबसे ज्यादा ग्रीष्मकालीन दलहनी अनाज मूंग की आवक यहां बनी हुई है। चूंकि जिसे सीधे व्यापारी ही किसानों से खरीद रहे हैं। चूंकि शिवराज सरकार की भावांतर योजना को वर्तमान कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने बंद कर दिया है। हालांकि बिना भावांतर के भी गर्मी की यह मूंग साढ़े चार हजार से साढ़े पांच हजार रुपए प्रति क्विंटल उसकी गुणवत्ता के मुताबिक व्यापारियों द्वारा क्रय की जा रही है। इसके अलावा चना और तुवर की साढ़े तीन हजार से लेकर साढ़े पांच हजार प्रति क्विंटल इटारसी में बि रहा है। जिसे लेकर व्यापारियों के एक प्रतिनिधि श्रवण चौधरी ने कहा कि अब भावांतर का समय तो समाप्त हो गया है। लेकिन, व्यापारी भी अच्छे दाम में खरीदी कर रहे हैं।
मंडी के अनाज दलालों की इस दलील से किसान संतुष्ट नहीं है। ग्राम बिछुआ के किसान शोभाराम एवं राजाराम ने बताया कि वर्तमान वर्ष में मूंग उत्पादन में जो लागत लगी है। उसके मुताबिक तो छह हजार रुपए प्रति क्विंटल के दाम हमें मिलना चाहिए था। जब इन किसानों से भावांतर योजना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह तो ठीक थी लेकिन उसका भी ज्यादा लाभ व्यापारियों ने उठाया। हमारी तो मांग है कि गेहूं और चने के समान इसे भी शासकीय समर्थन मूल्य में शामिल किया जाये। इस चर्चा के दौरान किसानों ने यह भी स्वीकार किया कि मौसम की मार में यह ग्रीष्मकालीन मूंग खराब न हो जाये। इसलिए सफाया नाम की जहरीली दवा का स्प्रे कर उसे जिंदा ही सुखा देते हैं। कृषि उपज मंडी में मूंग के साथ ही चना तुवर व सरसों की आवक आगामी दस दिनों तक और इसी प्रकार बंपर मात्रा में बनी रहेगी।

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