दिव्यांग शिक्षिका को नेट बैंकिंग में लगी 37 हजार की चपत

Post by: Rohit Nage

इटारसी। शिक्षक कल्याण संगठन की दिव्यांग सदस्य आशा पटेल (Asha patel) शासकीय प्राथमिक शाला गरीबी लाईन इटारसी में शिक्षिका हैं। उनके बैंक खाते में दो किस्तों में हुई धोखाधड़ी के माध्यम से 37000 रुपए निकाल लिये गये। धोखाधड़ी के संदर्भ में संगठन के सदस्यों ने स्टेट बैंक (state bank) में मुख्य शाखा प्रबंधक से मिलकर, ज्ञापन सौंपा और जांच की मांग की। संगठन के सदस्यों ने बताया कि बिना शिक्षिका के निकाले उनके खाते से 37000 रुपए निकल गये।
संगठन संयोजक राजकुमार दुबे (rajkumar dubey) ने बताया की शिक्षिका के खाते से 3 जनवरी को 25000 की राशि निकाली लेकिन उनके नेट बैंकिंग मोबाइल (net banking mobile) पर संदेश नहीं आया।
शिक्षिका ने अपने साथ हुई धोखाधड़ी की जानकारी प्राप्त होते ही 5 जनवरी को बैंक में पहुंचकर नेट बैंकिंग की समस्त सुविधाओं को बंद करने का आवेदन दिया था, लेकिन इसके उपरांत 14 जनवरी को उनके खाते से पुन: 12000 निकल गए। सुविधा बंद होने के उपरांत राशि कैसे निकल गई।
बैंक प्रबंधक ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि नेट बैंकिंग सिस्टम में ग्राहक की आईडी (id) एवं ओटीपी नंबर (otp number) बताये बिना खाते से राशि नहीं निकल सकती है। पूर्व के कई प्रकरणों की जांच में नजदीकी लोगों की संलिप्तता पाई गई है। राशि किसके खाते में गई है, इसकी जांच के लिए पुलिस (police) प्रशासन का सायबर (cyber) विभाग गोपनीय जानकारी प्राप्त कर सकता है, आपने वहां सूचित कर दिया है तो जानकारी आपको अवश्य मिल जावेगी। अब बैंक ने शिक्षिका के नेट बैंकिंग सिस्टम को पूरी तरह से बंद कर दिया है एवं बैंक भी अपने स्तर से पीडि़ता के प्रकरण में कार्यवाही कर रहा है। बैंक मैनेजर (bank manager) ने कहा कि नेट बैंकिंग सिस्टम के चलते खाता धारकों को अपने खातों से संबंधित जानकारी पूरी तरह गोपनीय रखनी चाहिए अन्यथा जरा सी चूक बड़ी आर्थिक क्षति पहुंचा सकती है यह प्रकरण इसी श्रेणी का है।
प्रतिनिधि मंडल में संगठन के पदाधिकारियों राजकुमार दुबे, सुरेश चिमानिया, राम चरण नामदेव, सत्येन्द्र तिवारी, सुरेंद्र सिंह तोमर, रमेश कीर, सुनील दुबे, सुशीला रावत, गुलाब साहू, आशा पटेल की उपस्थिति रही।

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