दूसरे दिन भी बारिश का कहर, गांवों से लोग नहीं आ सके शहर

Post by: Manju Thakur

इटारसी। बारिश का कहर दूसरे दिन भी इतना अधिक रहा है कि गांव के लोग शहर नहीं आ सके। गांवों से शहर को जोडऩे वाली हर सड़क को पार करने वाली नदियों के पुलों पर ऊपर से होकर पानी बह रहा था। लगातार बारिश ने जहां एक पुराने मकान की दीवार गिरा दी तो वहीं जमानी, तीखड़, टेमला, पीपलढाना, भट्टी, तरोंदा, नयायार्ड जैसे गांवों का रास्ता तरोंदा नदी और मेहरागांव नदी ने रोक रखा था तो सांकलिया ने सोनासांवरी, साकेत, बम्हनगांव, बाईखेड़ी के लोगों को इटारसी नहीं आने दिया। नेशनल हाईवे पर जमुनिया नाला और धार में भी नदी का पानी पुल के ऊपर से होकर गुजर रहा था। सुबह 6 बजे से कई घंटे नेशनल हाईवे पर वाहनों के पहिए थमे रहे। कुल जमा इस बारिश ने शहर के आसपास के दर्जनों गांवों का संपर्क बंद कर दिया था। हथेड़ नदी के पुल पर डोलरिया के पास पानी होने से हरदा-होशंगाबाद का संपर्क भी कटा हुआ था।
लगातार बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। गांवों से शहर आने वाले लगभग सभी रास्ते बंद हैं और कुछ जगह लोग दूसरे रास्ते का विकल्प चुनकर शहर आए। दरअसल, दो दिन से लगातार हो रही तेज बारिश से पहाड़ों से आने वाली सभी नदियां उफान पर हैं और इनके आसपास रहने वालों के घरों तक में पानी घुस रहा है। इटारसी में सीपीई के पास से शहर में आने वाले पहाड़ी नाले से पुरानी इटारसी, बंगलिया, पीपल मोहल्ला, अवाम नगर के अलावा जब यह आगे बढ़ता है तो सोनासांवरी, साईं फाच्र्यून सिटी, साकेत मोथिया, बम्हनगांव जैसे ग्रामीण क्षेत्र प्रभावित होते हैं तो तरोंदा तरफ से आने वाली नदी जब ग्वालबाबा और मुक्तिधाम के पास पुल के ऊपर होती है तो तरोंदा, जमानी, टेमला, तीखड़, पीपलढाना और इस मार्ग के साथ नयायार्ड, नयागांव, भट्टी, कलमेशरा जैसे गांव और शहरी क्षेत्र के लोग शहर नहीं आ पाते हैं। अलबत्ता मेहरागांव का पुल ऊंचा होने से भीलाखेड़ी, धुरपन, डोलरिया और मेहरागांव का रास्ता ही खुला मिलता है।

बारिश से स्कूलों की छुट्टी
प्रदेश के भोपाल, नरसिंहपुर, रायसेन और विदिशा जैसे जिलों में भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए जहां स्थानीय प्रशासन ने स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी थी तो वहीं होशंगाबाद प्रशासन को लगता है कि अभी इतनी बारिश नहीं हुई कि अवकाश घोषित करने की जरूरत हो। इन सारी बातों को देखते हुए अंतत: इटारसी के निजी स्कूलों तो अपने स्तर पर ही अवकाश घोषित कर दिया। सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल, साईं विद्या मंदिर, वर्धमान पब्लिक स्कूल, जीनियस प्लानेट, महावीर जैन हायर सैकंड्री स्कूल, नालंदा स्कूल, बचपन-ए-प्ले, प्रज्ञान स्कूल व अन्य कई स्कूलों ने अपने स्तर पर ही सुबह अवकाश की घोषणा कर पालकों को सूचना भेज दी थी कि भारी बारिश को देखते हुए वे अपने बच्चों को स्कूल न भेजें। बता दें कि सुबह से ही मूसलाधार बारिश हो रही थी। कुछ बड़े स्कूल पंचायतों की सीमा में बने हैं। इन पंचायत और शहर की सीमा रेखा पहाड़ी नदियां हैं, इन परबहाव तेज था और स्कूल बस, जीप, वैन आदि नहीं जा सकती थीं, ऐसे में स्कूलों को छुट्टी करनी पड़ी।

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इस तरह की परेशानी हुई
भारी बारिश से ग्राम जमानी में बने विद्युत सब स्टेशन परिसर पानी में डूब गया था। यहां कार्यरत कर्मचारियों को इससे काफी परेशानी उठानी पड़ी। बारिश के वक्त बिजली संबंधी परेशानियां भी ज्यादा होती हैं और फाल्ट आदि के वक्त सब स्टेशन के भीतर भी बिजली कर्मियों को जाकर फाल्ट देखना और सुधारना होता है। ऐसे में वे भरे पानी में बिजली का काम नहीं कर सकते और पानी उतरने का इंतजार करना पड़ता है। इस तरह से नयायार्ड क्षेत्र के इंदिरा नगर में निकास व्यवस्था बदतर होने के कारण यहां लोगों के घरों में बड़ी मात्रा में पानी घुस गया था। बता दें कि इंदिरा नगर में पिछले कई वर्षों से इस तरह की समस्या बनी हुई है और कहीं पानी निकासी की व्यवस्था नहीं है। लोगों ने यहां प्लाट खरीदकर अपनी मर्जी से मकान बना लिए और पानी निकासी की कोई जगह नहीं छोड़ी है। इसे लेकर यहां आए दिन विवाद होते हैं। रविवार की रात को हुई बारिश से लोगों के घरों में पानी घुसा और लोग बाल्टियों और अन्य बर्तनों से घर का पानी बाहर उलीचते रहे।

it9919 10तवा में तेज था पानी का बहाव
पहाड़ों पर हो रही तेज बारिश के कारण रविवार को सुबह से तवा बांध के गेट खोलकर भारी मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है जिससे तवा नदी में पानी का बहाव काफी तेज है और पानी की आवाज भी लोगों में भय पैदा कर रही है तो कई लोग इसे दर्शनीय मानकर नदी किनारे जाकर न सिर्फ रोमांच का अनुभव कर रहे हैं बल्कि फोटो और वीडिया तैयार कर इस यादगार पल को कैमरे में कैद कर रहे हैं। सोमवार को तवा के सोनतलाई और बागरा के बीच रेलवे पुल से भी ट्रेन यात्रियों ने अपने कैमरे में तवा में तेजी से बहते पानी का जीवंत दृश्य अपने मोबाइल कैमरे में कैद किया तो होशंगाबाद से बाबई के बीच तवा के प्रदेश के सबसे बड़े सड़क पुल के किनारे से बहते पानी को अपने मोबाइल कैमरे में कैद किया। यहां बहाव इतना तेज था इसकी आवाज ही काफी डरावनी थी। बड़ी संख्या में लोग इस पुल के पास पानी को देखने पहुंचे थे। यहां पुल की चौड़ाई अधिक होने से पुल की ऊंचाई कम होने के बावजूद पानी पुल के नीचे ही था और ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू चल रही थी।

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मकान की दीवार गिरी
रेलवे स्टेशन से सूरजगंज रोड पर देशबंधुपुरा में बने कांग्रेसी नेता स्वर्गीय शंभूदयाल व्यास के मकान की दीवार सोमवार को सुबह भरभराकर रोड पर गिर गयी। दरअसल, यह मकान पुराना अवश्य था। लेकिन, दीवार काफी मजबूत थी। बावजूद इसके इस दीवार पर पिछले कई वर्षों से पीपल के पेड़ दोनों ओर उग रहे थे जो काफी बड़े हो गये थे। संभवत: इनकी जड़ें दीवार को कमजोर कर रही होंगी। तेज हवा के कारण पेड़ हिलने से भी दीवार कमजोर हो रही होगी। पेड़ के जरिए पानी दीवार के भीतर जाकर इसे भीतर से कमजोर करता रहा और बाहर से दीवार मजबूत दिखाई देती रही। लगातार बारिश ने इस दीवार की बलि ले ली है। घटना के वक्त रोड पर ट्रैफिक भी ज्यादा नहीं होने से कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई। क्योंकि दीवार और रोड के बीच महज तीन से चार फुट की ही दूरी है। यह रोड शहर की धमनी मानी जाती है और इस रोड पर ट्रैफिक भी काफी अधिक रहता है। सोमवार को सुबह-सुबह का वक्त होने के कारण इस रोड पर दिन की अपेक्षा कम ही ट्रैफिक था।

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तवा किनारे गांव में सतर्कता
तवा नदी उफान पर चल रही है और इसके किनारे बसे गांवों के लोग पानी के उतार-चढ़ाव पर बराबर नजरें जमाए हुए हैं। ग्राम पाहनवर्री के मोहन कुशवाह का कहना है कि अभी नदी अपनी हद में ही बह रही है। गांव तरफ तो रुख नहीं किया अलबत्ता नदी किनारे स्थित खेतों की जमीन काफी टूट रही है। पिछले दो से तीन दिन में जब तवा का पानी छोड़ा गया है, करीब दस एकड़ जमीन टूट चुकी है। इससे पहले 2013 में में करीब सौ एकड़ जमीन टूट चुकी थी। गांव के ही बलराम कुशवाह ने कहा कि अधिकारी गांव में हमारी पीड़ा जानने नहीं आते हैं। 2013 में भी हमारी पीड़ा सुनने कोई नहीं आया। इस वक्त भी हमें हमारी पीड़ा सुनाना है और कोई अधिकारी नहीं आ रहे हैं। हमारी जमीन टूटती जा रही है, ऐसे में हमें प्रशासन की की मदद की जरूरत है। फिलहाल नदी गांव में नहीं आयी है। लेकिन, ऐसा ही पानी का बहाव तेज रहा तो गांव में नदी प्रवेश कर जाएगी। हमारी जमीन को टूटने से हो रहे नुकसान का आकलन प्रशासन को करना चाहिए और हमारी मदद करनी चाहिए।

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अफसरों से किया जिले का दौरा
लगातार हो रही बारिश से आमजनजीवन प्रभावित है। लोगों को अधिक परेशानी न हो, उनको परेशानी की स्थिति में तत्काल सुविधाएं मिल सकें, इसके लिए जिला प्रशासन लगातार भ्रमण पर है। सोमवार को जिले के सभी आला अफसरों ने जिलेभर का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लिया।
कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने अपने जिला अधिकारियों के साथ अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। वे जिले में हो रही लगातार वर्षा एवं विभिन्न बांधों से छोड़े जा रहे पानी और इसके कारण नर्मदा नदी में बढ़ रहे जल स्तर को ध्यान में रखते हुए निरीक्षण के लिए पहुंचे। तवानगर से लौटते वक्त कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह के साथ जिला पंचायत सीईओ आदित्य सिंह, एसपी एमएल छारी, एडिशनल एसपी घनश्याम मालवीय, इटारसी एसडीएम हरेन्द्र नारायण ने इटारसी पुलिस थाने में आकर यहां की स्थिति की जानकारी टीआई आरएस चौहान से प्राप्त की। कलेक्टर ने बताया कि भ्रमण के बाद समस्त विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को कहा है कि वे अपने मुख्यालय पर ही रहें। किसी भी स्थिति में मुख्यालय न छोड़ें। कहीं भी कोइ आपात स्थिति निर्मित होने पर तत्काल मौके पर पहुंच कर आवश्यक सहयोग प्रदान करें।

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