देवशयनी एकादशी पर मंदिरों में हुए कार्यक्रम

इटारसी। जुलाई को देवशयन एकादशी पर मंदिरों में धार्मिक आयोजन हुए। इस दौरान बड़ी संख्या में भक्त मंदिरों में श्रद्धा लेकर पहुंचे थे। मान्यता है कि आज के दिन भगवान श्री विष्णु के चातुर्मास योग विश्राम का समय प्रारंभ हो गया है। अत: वैवाहिक जैसे मंगल कार्य चार माह तक नहीं होंगे, जबकि भक्ति के कार्य चलते रहेंगे।
हिन्दू धर्म में आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयन एकादशी भी कहा जाता है, शुक्रवार 12 जुलाई को थी। इस अवसर पर मंदिरों में भक्ति भाव से यह पर्व मनाया गया। शहर के प्रमुख श्री द्वारिकाधीश मंदिर में सुबह 9 बजे से श्रद्धालुओं का आना प्रारंभ हो गया था जो दोपरह 12 बजे तक और फिर शाम 4 बहे से रात 9 बजे तक चलता रहा। देवशयन एकादशी पर सभी श्रद्धालुओं ने दीप जलाकर और प्रसाद चढ़ाकर श्री द्वारिकाधीश की आराधना की। शाम के समय श्रद्धावान महिलाओं ने भक्तिपूर्ण भजनों के साथ ठाकुर जी का स्मरण किया।
आषाढ़ माह की इस एकादशी का प्रमुख धार्मिक महत्व है। इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु के चातुर्मास विश्राम प्रारंभ होता है। इसके साथ ही चार माह तक वैवाहिक कार्यक्रमों पर विराम लग जाएगा। चातुर्मास की पौराणिक महत्वता क्या है, इस पर प्रकाश डालते हुए पंडित हेमंत तिवारी ने बताया कि इस दौरान देव सोयेंगे और महादेव जागेंगे। आगामी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तक अब विवाह, मकान, दुकान के उद्घाटन आदि का कार्य नहीं होंगे लेकिन, शिव आराधना सहित भक्ति भाव के सभी कार्यक्रम निरंतर चलेंगे।

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