इटारसी। आदिवासी विकासखंड केसला के विभिन्न गांवों से ब्लाक मुख्यालय पहुंचे करीब दो सैंकड़ा ग्रामीणों ने आज फिर जनपद कार्यालय में धावा बोला। ये आदिवासी पिछले एक सप्ताह पूर्व दिए गए अपनी मांगों के ज्ञापन पर क्या कार्यवाही हुई, यह जानने पहुंचे थे। जनपद केसला के सदस्य फागराम के नेतृत्व में पहुंचे इन ग्रामीणों ने इस बात पर नाराजी जतायी कि उनकी बात सुनने आज जनपद सीईओ दिलीप कुमार के अलावा कोई अन्य जिम्मेदारी अधिकारी नहीं था, जबकि 18 सितंबर को दिए ज्ञापन में उन्होंने आज पुन: आने की सूचना दे दी थी। सीईओ ने कुछ मुद्दों पर चर्चा अवश्य की, लेकिन ज्यादातर मुद्दों पर उन्होंने तहसीलदार से काम होने की बात की है।
आज आए ग्रामीणों ने बताया कि वे 18 सितंबर को दिए ज्ञापन पर क्या कार्रवाई हुई यह जानने आए हैं। हमने 18 को कहा था कि हम आज जानकारी लेने आएंगे, लेकिन यहां न तहसीलदार पहुंचीं, ना आरआई या पटवारी। मोटी-मोटी तनख्वाह लेने वाले ये अधिकारी जनता की सेवा करने में क्यों कोताही बरत रहे हैं, हमें जवाब चाहिए। ये लोग अपना पेट भर रहे हैं और जनता जलबिन मछली की तरह तड़प रही है। हम इनके आगे पीछे भाग रहे हैं और हमारी पीड़ा नहीं सुनी जा रही है।
कई गांव से आए थे आदिवासी
एक सप्ताह पूर्व ज्ञापन देने के बाद उनकी मांगों पर क्या कार्यवाही हुई, यह जानने आज केसला विकासखंड के कई गांवों से करीब दो सैंकड़ा ग्रामीण केसला पहुंचे थे। 18 सितंबर को उन्होंने जनपद कार्यालय परिसर में ही तहसीलदार रितु भार्गव को 11 सूत्री मांगों का एक ज्ञापन सौंपकर एक सप्ताह में कार्यवाही करने की मांग की थी। आज जब ग्रामीण पहुंचे तो जनपद सीईओ दिलीप कुमार के अलावा कोई अधिकारी नहीं था। सीईओ दिलीप कुमार के पास इनकी ज्यादातर समस्या का समाधान नहीं था। जनपद सदस्य फागराम का कहना है कि 29 सितंबर को यहां लोक कल्याण शिविर ग्राम डांडीवाड़ा में लगेगा, वहां सभी विभागों के अधिकारी आएंगे, फिलहाल तो यही आश्वासन मिला है कि उस दिन ज्यादातर समस्याओं पर चर्चा का निदान किया जाएगा। 29 तारीख के बाद भी यदि हमारी समस्याओं पर सार्थक पहल नहीं हुई, वन अधिकार पट्टों के लिए सर्वे प्रारंभ नहीं हुआ तो हमें मजबूरी में आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।
मुश्किल से आए हैं आदिवासी
विभिन्न गांवों से आए आदिवासियों ने बताया कि वे बमुश्किल पैसा उधार लेकर या अन्य व्यवस्था करके केसला आए हैं, हम गरीब लोग हैं, हमारे पास बार-बार आने के लिए पैसा नहीं होता है। हमारी गुहार सुनने वाला कोई नहीं, दूर जंगलों में बसे गांवों से किसी तरह से उधार पैसा लेकर या कुछ गिरवी रखकर आते हैं, ऐसे में अधिकारी हमारी बात सुनने नहीं आते हैं तो हमें काफी तकलीफ होती है। हम पंचायतों में भी गिड़गिड़ा रहे हैं, हमारी कोई सुनन वाला नहीं। बच्चों के आधार कार्ड अपडेट कराना, समग्र, गरीबी रेखा के राशन कार्ड, पेंशन, बैंकों में केवायसी जमा नहीं हो रहे हैं। हमें बैंकों से हर रोज कल कहकर रवाना कर देते हैं, अब रोज-रोज तो गांव से केसला आने के लिए हमारे पास पैसा नहीं होता है। ऐसे में शासकीय योजनाओं का लाभ हम लोगों को नहीं मिल पा रहा है। यदि हमारी सुनवाई नहीं हुई तो आने वाले समय में हम ऐसे अधिकारियों को आंख और कान खोलने के लिए बड़ा कदम उठाने को मजबूर हो जाएंगे।
ये बोले आदिवासी
हमने 18 सितंबर को ज्ञापन दिया था, उस पर क्या कार्यवाही हुई या फिर उसे भी रद्दी की टोकरी में फैक दिया, यही जानने हम आज केसला आए थे। यहां सीईओ ने कहा कि हमारी समस्या का निदान तहसीलदार करेंगी। आज न तो यहां तहसीलदार या आरआई आए और ना ही पटवारी। गरीब जनता मछली की तरह तड़प रही है। यदि हमारी सुनवाई नहीं हुई तो हमें ऐसे अधिकारियों के कान और आंख भी खोलना आता है।
गुलियाबाई, ग्रामीण
बैंक में केवायसी जमा करने के लिए बच्चे को हॉस्टल से बुला लिया है। पांच दिन से हर दिन कल आना कहकर टाल रहे हैं, चार दिन बीत चुके हैं। ऐसे में हमारा काम नहीं हो रहा और बच्चे की छुट्टी भी खत्म हो रही है। छात्रावास में मास्साब हम पर नाराज होंगे कि पांच दिन की छुट्टी खत्म हो गई, बच्चे को क्यों नहीं भेज रहे हैं। हमारी सुनने को कोई अधिकारी तैयार नहीं है।
रामसिया बाई, ग्रामीण पीपलपुरा
गरीबी रेखा का कार्ड नहीं है, हमने अति गरीबी के लिए आवेदन किया था, हमारा कार्ड अब तक नहीं बना है। हमें शासकीय योजना के तहत पेंशन भी नहीं मिल रही है। बार-बार केसला आना संभव नहीं होता है, गरीब हैं, मुश्किल से गुजारा कर रहे हैं, बार-बार पैसा कहां से लाएं।
शांतिबाई, टांगना मातापुरा
बड़े झाड़ की जमीन पर कब्जे के लिए 2014 में आवेदन किया था, यहां कोई कुछ जानकारी ही नहीं दे रहा है। कितने दिन सब्र करना होगा, यह भी कोई बताने को तैयार नहीं है, सब जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। जनपद सदस्य फागराम ने दो-तीन दिन में कुछ हल निकालने की आश्वासन दिया है, वे ही बताएंगे आगे क्या करना है।
शिवपाल, ग्रामीण पिपरियाखुर्द
हमने सीईओ साहब से बातचीत की है, 29 सितंबर को ग्राम डांडीवाड़ा में लोक कल्याण शिविर का आयोजन होना है। उन्होंने कुछ समस्याओं का निराकरण वहां होने का आश्वासन दिया है, और दो-तीन दिन की बात है, इंतजार कर लेते हैं। यदि कुछ नहीं हुआ तो हमें मजबूरी में आंदोलन के लिए कदम बढ़ाना पड़ेगा।
फागराम, जनपद सदस्य केसला
इनका कहना है…!
आज आदिवासी मिले थे, जो भी समस्याएं बतायीं उनमें ज्यादातर काम तहसील से संबद्ध थीं, हमने उनकी समस्याएं सुनकर वहां पत्र लिखा है। कूपन आदि के कुछ काम थे, कुछ हल कराए हैं। मजदूरी भुगतान के मामले जल्द हल कराएंगे। गांवों में समस्या तो आ रही हैं, हमें शेड्यूल बना रहे हैं कि एक दिन तय करें कि जनपद मुख्यालय पर ही कोई एक विषय लेकर उस पर काम करके हल करें। जनपद कार्यालय में एक बोर्ड लगाकर योजनाओं में लगने वाले डाक्यूमेंट्स लिखे जाएंगे ताकि ग्रामीण सारे डाक्यूमेंट एकसाथ जमा करें। कुछ जगह डाक्यूमेंट नहीं लगने से भी देरी होती है।
दिलीप कुमार, सीईओ जनपद पंचायत केसला