नपाप का साधारण विशेष सम्मेलन : चार प्रस्ताव पारित

इटारसी। नगर पालिका परिषद के साधारण विशेष सम्मेलन में आज प्रस्तुत चारों प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिए गए। सम्मेलन में मुख्य नगर पालिका अधिकारी अक्षत बुंदेला ने चारों प्रस्ताव पढ़कर चुनाए और सदस्यों से उनकी राय जाननी चाही, जिस पर सदस्यों से मेजें थपथपाकर प्रस्तावों पर अपनी स्वीकृति दी।
आज के सम्मेलन में मप्र विधानसभा के अध्यक्ष डॉ.सीतासरन शर्मा, नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष श्रीमती सुधा राजेन्द्र अग्रवाल, उपाध्यक्ष अरुण चौधरी सहित सभापति और पार्षद उपस्थित थे। राष्ट्रगान से विशेष सम्मेलन की शुरुआत हुई। बैठक में मौजूद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. शर्मा का स्वागत नपाध्यक्ष श्रीमती अग्रवाल, पार्षदों और नपा के अधिकारियों ने किया। सीएमओ श्री बुंदेला ने प्रस्ताव पढ़कर सुनाए और कच्ची दुकानों को पक्का करने के प्रस्ताव के साथ ही उनके नियम व शर्तें भी पढ़ीं। इसके बाद पार्षदों से उनके विचार जानने चाहे, सबने मेजें थपथपाकर प्रस्ताव पर सहमति प्रदान की।

इन प्रस्ताव पर लगी मुहर
1. नगर पालिका के आधिपत्य की समस्त कच्ची दुकानों के व्यापारियों से प्राप्त आवेदन पत्रों एवं नगर पालिका द्वारा दिए गए नोटिस तथा निकाय क्षेत्र में पूर्व में हो चुकी आगजनी की घटनाओं एवं विधानसभा अध्यक्ष के पत्र पर विचार कर नगर पालिका की बनायी शर्तों पर दुकानों के जीर्णाेद्धार की अनुमति देने बाबत।
सहमति- किसी सदस्य ने कोई सवाल नहीं किए बल्कि मेजें थपथपाकर प्रस्ताव पर अपनी सहमति प्रदान की।
2. नगर पालिका परिषद की समस्त दुकानों के किराएदारी अनुबंध पंजीयन 30 वर्षों के लिए कलेक्टर गाइड लाइन का 30 प्रतिशत प्रीमियम जमा कर स्वीकृति देने बाबत। इसमें 25 प्रतिशत पर स्वीकृति प्रदान की गई।
सहमति- इस प्रस्ताव पर भी किसी सदस्य ने कोई सवाल नहीं किए बल्कि मेजें थपथपाकर प्रस्ताव पर अपनी सहमति प्रदान की।
3. अध्यक्षीय परिषद बैठक 24/4/18 प्रस्ताव क्र. 35 से अनुशंसित पांचवा वित्तय आयोग का अर्धशासकीय पत्र क्रमांक 581/1/प्रपत्र/2/18 भोपाल 19 फरवरी 18 के पत्र अनुसार वित्तीय एवं प्रशासकीय सुझाव परिषद से अनुमोदन बाबत।
सहमति-जो सुझाव सीएमओ श्री बुंदेला ने तैयार करके रखे हैं, उन्हें भोपाल भेजने के विषय में उन्होंने सदस्यों से पूछा, कि इसमें कोई संशोधन या कुछ और जोडऩा हो तो सदस्य अपना मत दें, लेकिन सदस्यों ने इस पर भी सहमति प्रदान की।
ये हैं कुछ सुझाव
* निकाय की वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए कुछ सुझाव मांगें गए थे। सीएमओ ने चुंगी क्षतिपूर्ति का प्रतिशत बढ़ाने का सुझाव
* राज्य कैडर के अधिकारियों को वेतन ट्रेजरी के माध्यम से देने सहित अन्य सुझाव शामिल हैं।
4. खेल प्रशाल के बचे हुए कार्यों को कराने की स्वीकृति बाबत।
तीसरे प्रस्ताव पर सीएमओ श्री बुंदेला ने जो सुझाव तैयार किए हैं, उनको पढ़कर सुनाया और इस पर सदस्यों की राय मांगी। सदस्यों ने इस पर भी मेजें थपथपाकर सर्वसम्मति से मुहर लगा दी।

जिनको विकास नहीं दिखता आंखें दान करें
आभार प्रदर्शन के लिए स्वास्थ्य समिति के सभापति राकेश जाधव माइक पर आए। उन्होंने आभार प्रदर्शन के साथ ही अपने कुछ विचार भी रखे। उन्होंने कहा कि शहर में तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं। ऐसे में कुछ विघ्न संतोषियों को यह सब पसंद नहीं आ रहा है। उनको शहर का यह विकास नहीं दिख रहा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को विकास नहीं दिख रहा है, वे अपनी आंखें दान करके ही अपना योगदान समाज को दे दें। विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सीतासरन शर्मा के मार्गदर्शन और नपाध्यक्ष श्रीमती सुधा अग्रवाल के नेतृत्व में विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं, लेकिन लोगों को दिख नहीं रहे हैं।

कच्ची-पक्की दुकानों के नियम एवं शर्तें

दुकानों के जीर्णोद्धार हेतु निधारित प्रीमियम, सुपरविजन चार्ज जोन आधारित दर एवं क्षेत्रफल अनुसार बाजार मूल्य का 5 प्रतिशत राशि निकाय के खाते में 6 दिन के भीतर जमा करना अनिवार्य होगा, राशि जमा न करने की स्थिति में अनुबंध एवं स्वीकृति स्वत: ही निरस्त माना जाएगा
समस्त दुकानों के जीर्णोद्धार कार्य नगर पालिका द्वारा निर्धारित रूहृ एवं अनुमोदित नक्शे के अनुरूप गुणवत्ता को ध्यान में रखकर किया जायेगा।
दुकान का आधिपत्य नगर पालिका का ही रहेगा।
दुकानदार किराए के रूप में 2 वर्ष 11 माह एवं 30 वर्ष का अनुबंध निकाय की शर्तों के अनुसार करेगा, समयानुसार अनुबंध पंजीयन के नवीनीकरण का दायित्व किरायेदार का रहेगा।
निर्मित दुकानदों की छत पर नपा का पूर्ण अधिकार/स्वामित्व रहेगा। नपा परिषद चाहे जब उस पर निर्माण या खुली छत अचल संपत्ति अंतरण अधिनियम के अंतर्गत आंवटन कर सकती है। इसमें नीचे के दुकानदारों को कोई आपत्ति/एतराज मान्य नहीं होगा।
जीर्णोद्धार हेतु दुकान की अधिकतम ऊंचाई नगर पालिका द्वारा बनायी गई पास की पक्की दुकानों की ऊंचाई के बराबर मान्य होगी तथा छत पर जाने हेतु जीना दिया जाना अनिवार्य होगा।
एक सार्वजनिक शौचालय एवं पाइप लाइन व नाली निकासी हेतु निर्धारित स्थान छोडऩा होगा जिससे भविष्य में किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।
दुकान के जीर्णोद्धार के बाद किसी भी प्रकार का रद्दोबदल नहीं किया जाएगा। दुकान ऊंची या नीची भी नहीं की जाएगी।
दुकान के जीर्णोद्धार की अवधि छह माह रहेगी, अधिकतम अवधि एक वर्ष की रहेगी। दुकान की जीर्णोद्धार पूर्ण होने पर संबंधित दुकानदार को अचल संपत्ति अंतरण अधिनियम के अंतर्गत अनुबंध पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। न कराने की दशा में दुकान का आवंटन निरस्त कर दिया जाएगा।
दुकान का निर्धारित किराया प्रतिमाह की पांच तारीख तक जमा कराना अनिवार्य होगा, न करने की दशा में अधिभार सहित किराया जमा करना होगा।
दुकान के सामने गैलरी/सड़क भूमि खुली रहेगी जिस पर दुकानदार किसी प्रकार का विक्रय योग्य सामग्री रखकर अतिक्रमण नहीं करेगा।
समय-समय पर परिषद द्वारा लिए गए निर्णय एवं राज्य शासन से प्राप्त निर्देश/नियम दुकानदार को मान्य होंगे।
दुकान का उपयोग स्वयं अपने व्यवसाय हेतु नगर पालिका के किरायेदारी के रूप में करेगा। अन्य व्यक्ति/संस्था/फर्म को बिना नगर पालिका के सक्षम स्वीकृति प्राप्त किए ना तो दुकानदार दुकान बेचेगा, ना ही नामांतरण करेगा। ऐसा किए जाने पर दुकान का आधिपत्य निरस्त किया जाएगा।
दुकान में किसी अवैधानिक असामाजिक या विधि द्वारा प्रतिबंधित कोई व्यवसाय नहीं किया जाएगा।
किसी भी शर्त से विचलन पाये जाने पर अनुबंध निरस्त माना जाएगा एवं दुकान यथास्थिति निकाय के आधिपत्य अधीन मानी जाएगी। जिसका पुन: आवंटन अचल संपत्ति अंतरण अधिनियम 2016 के अनुसार किया जायेगा।
किसी भी प्रकार की आपत्ति अनुबंध शर्तों के उल्लंघन पर मान्य नहीं होगी और निकाय के प्रभारी अधिकारी को दुकान निरस्त करने का संपूर्ण अधिकार प्राप्त होगा।

कांग्रेस ने जताया विरोध
इधर कांग्रेस ने नपा के विशेष सम्मेलन में प्रस्तावित एजेंडे में जीर्णोद्धार शब्द का  आशय पूछा है। कांग्रेस के नगर अध्यक्ष पंकज राठौर ने कहा कि कृपया बताएं कि इसकी शर्तें क्या हैं। इस संबध में व्यापारियों व जनप्रतिनिधियों व नागरिकों को अवगत क्यों नहीं  कराया है, क्या पक्की दुकानों का निर्माण जीणोद्धार की श्रेणी में आता है तो उसकी विधिवत नियमानुसार लिखित अनुमति जिसमें आधिकृत नक्शा ,ले आउट,व अनुमति पत्र के संबंध में क्या प्रक्रिया होगी। किरायेदारी अनुबंध के संबंध में 30 वर्षों के लिये अनुबंध का आशय स्पष्ट करें, नपा किस नियम व कानून के अंतर्गत 30 वर्ष का अनुबंध दुकानदारों से कर सकती है, एवं कलेक्टर गाइड लाइन का 30 प्रतिशत प्रीमियम राशि का आधार क्या है? क्या सिर्फ अनुबंध के लिये 30 प्रतिशत प्रीमियम के हिसाब से लाखों रुपये व्यापारियों से वसूल करना नियम संगत है। नपा गाइड लाइन के हिसाब से प्रीमियम राशि ले रहे हैं तो नपा को पात्रता है। उन्होंने कहा कि विधायक, नगरपालिका अध्यक्ष  और सीएमओ स्पष्ट करे कि अगर व्यापारियों से दुकान के जीर्णोद्धार की इतनी प्रीमियम राशि ले रही है, तो 30 साल की लीज डीड क्यों नहीं करा रही। इस प्रस्ताव के  नगर के सभी जागरूक व्यापारियों, पार्षदों, जनप्रतिनिधियों, नागरिकों से निवेदन है कि पहले इस पर सभी की सहमति हो क्योंकि यह किस आधार पर विधियुक्त या नियम संगत है।
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