नर्मदा जल के स्पर्श से शिव कृपा होती : आचार्य

नर्मदा जल के स्पर्श से शिव कृपा होती : आचार्य

इटारसी। संसार की समस्त पवित्र नदियों में मां नर्मदा ही एक मात्र ऐसी पतित पावनी है जिसकी पावन जलधारा का स्पर्श करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन धर्म अध्यात्म की ओर अग्रसर होता है। उक्त उद्गार आचाय बृजमोहन ने व्यक्त किये।
श्री रघुवर रामायण मंडल द्वारा नाला मोहल्ला में युगान्तर स्कूल के पास आयोजित श्री नर्मदा महापुराण कथा उत्सव के समापन दिवस में उपस्थित श्रोताओं के समक्ष काशी के राजा चित्रसेन की कथा प्रसंग श्रवण कराते हुए कहा कि काशी के राजा से मुनि दीघृतपा और उनके पूरे परिवार की हत्या हो गई थी, जिनकी अस्थियां लेकर वह तीर्थराज प्रयाग गये और वहां संगम में मुनि परिवार की अस्थियां विसर्जित करने वाले थे, तभी दिवंगत मुनि की आत्मा ने आवाज दी कि ‘हे राजा हमें नर्मदा की जलधारा में ले जाओ और राजा ने ऐसा ही करते हुए मुनि परिवार की अस्थियों को नर्मदा जल में विसर्जित किया। ऐसा करते ही स्वर्ग से विमान आया और मुनि आत्माओं को ले गया और राजा चित्रसेन ब्रम्ह हत्या के पाप से मुक्त हुये।
कथा के समापन अवसर पर मुख्य यजवान गीता रघुवर गौर एवं अन्य यजवानों ने पुराण पूजन किया। अमर ज्योति दुर्गा उत्सव समिति एवं श्री रघुवर रामायण मंडल नाला मोहल्ला के सदस्यों ने आचार्य बृजमोहन, संगीतकार पुरूषोत्तम महाराज एवं भजन गायिका सुश्री सीमा वैष्णव का समस्त श्रोताओं की ओर से नागरिक सम्मान किया। सम्मान समारोह का संचालन समिति प्रवक्ता गिरीश पटेल ने एवं आभार प्रदर्शन संयोजक अनिल गौर ने किया।

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