नर्मदा जल लाने 65 किलोमीटर की यात्रा की

इटारसी। चैत्र नवरात्र के अवसर पर नर्मदांचल क्षेत्र का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन ग्राम सोनतलाई में आज चैत्र प्रतिपदा के अवसर से प्रारंभ हो गया। पहले दिन करीब 65 किलोमीटर तक चलने वाली जल कलशयात्रा मां कात्यायिनी देवी मंदिर सोनतलाई से निकाली गयी जिसमें हजारों ग्रामीणजन शामिल हुए।
किसानों की जीवनदायनी तवा नदी के तट पर बसे ग्राम सोनतलाई में फिर एक बार श्री शतचंडी महायज्ञ एवं श्रीराम चरित मानस प्रवचन समारोह चैत्र नवरात्र पर प्रारंभ हो रहा है जिसके शुभारंभ अवसर पर विशाल जल कलश यात्रा का आयोजन मां कात्यायनी देवी मंदिर समिति सोनतलाई एवं समस्त ग्रामवासियों के द्वारा किया गया। यात्रा में शामिल होने के लिए अनेक गांव के ग्रामीणजन बड़ी संख्या में कार्यक्रम स्थल पर एकत्र हुए। यहां कार्यक्रम संयोजक पं. राजीव दीवान ने मां भगवती की पूजा-अर्चना की। इसके बाद मंदिर से तवा नदी तक कलश के साथ पदयात्रा निकाली गयी। उसके बाद करीब 50 ट्रेक्टर ट्राली एवं चार पहिया वाहनों में गांव की श्रद्धालु महिलाएं, बुजुर्ग एवं बच्चे सवार हुए तो 101 मोटर सायकिल पर 200 युवा सवार होकर चल पड़े। यह पदयात्र तवा नदी के दुर्गम रास्ते से ग्राम आंखमऊ, समोन, गुज्जरवाड़ा, मानागांव होते हुए मां नर्मदा के प्राचीन तट नसीराबाद पहुंची। इससे पहले बाबई में पदयात्रा का पहला पड़ाव रहा जहां गाजे-बाजे के साथ दो किलोमीटर का सफर तय किया।
बाबई जनपद पंचायत की ओर से समस्त श्रद्धालुओं को जलपान कराया एवं कार्यक्रम संयोजक पंडित राजीव दीवान का सम्मान किया। यहां से फिर वाहनों में सवार होकर यात्रा नसीराबाद पहुंची और नर्मदा स्नान कर कलश में नर्मदा जल भरा। यहां आयोजन समिति ने भंडारे का आयोजन किया। भंडारे के पश्चात यात्रा पुन: उसी मार्ग से होकर शाम सात बजे समारोह स्थल ग्राम सोनतलाई पहुंची। कार्यक्रम के सूत्रधार पं. राजीव दीवान ने बताया कि इस कलश यात्रा के बाद 7 मार्च, रविवार से श्री शतचंडी महायज्ञ एवं श्रीराम चरित मानस प्रवचन समारोह प्रारंभ होंगे जो 13 मार्च तक चलेंगे। दस अप्रैल को पंचमी तिथि पर देवी जागरण होगा। कार्यक्रम में प्रतिदिन तवा तट पर सभी गांव के श्रद्धालु शामिल होंगे। उन्होंने समस्त नर्मदांचलवासियों से भी आयोजन में शामिल होने का अनुरोध किया है।

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