नवाचार के माध्यम से विज्ञान को आनंद से समझ रहे बच्चे

Post by: Manju Thakur

शिक्षक राजेश पाराशर ने स्वयं के वेतन से लगायी राशि
इटारसी। साइंस को समझाने के लिए केसला में विज्ञान परिचय शाला का नवाचार देखने को मिलेगा। सहायक आयुक्त आदिवासी विकास चंद्रकांता सिंह और प्राचार्य एसके सक्सेना के मार्गदर्शन में शिक्षक राजेश पाराशर इस नवाचार के माध्यम से बच्चों को विज्ञान आनंद के साथ समझाने का प्रयास कर रहे हैं।
व्हाईट एप्रन के साथ आंखों की सुरक्षा के लिये सेफ्टी ग्लासेस पहने हाथों में टेस्ट ट्यूब लेकर परीक्षण करते हुये चित्र डिटरजेंट के विज्ञापनों या प्राइवेट यूनिवर्सिटी के विज्ञापनों में तो देखे जा सकते हैं, लेकिन वास्तव में इस प्रकार के प्रयोग करते हाईस्कूल कक्षा के विद्यार्थी होशंगाबाद जिले के आदिवासी विकास विभाग के एक्सीलेंस स्कूल केसला में देखे जा रहे हैं। विद्यालय में नवाचारों के लिये पहचाने जाने वाले विज्ञान शिक्षक राजेश पाराशर इन दिनों विज्ञान परिचय शाला के माध्यम से बच्चों को विज्ञान आनंद के साथ समझाने का प्रयास कर रहे हैं।
श्री पाराशर ने बताया कि उन्होंने विज्ञान प्रयोग शाला नहीं बल्कि विज्ञान परिचयशाला नाम दिया है। इसमें प्रयोगशाला में आमतौर पर उपयोग में आने वाले उपकरणों को रखा गया है। ये सभी उपकरण किसी आलमारी में बंद नहीं हैं, बल्कि खुले रूप में रखे हैं। बच्चे ही इनका रखरखाव करते हंै। सीमित बच्चों को जिम्मेदारी न सौंपते हुए पीछे बैठने वाले बच्चों को भी बराबरी से मौका दिया जाता है। राजेश पाराशर जब शॉपिंग करने जाते हैं तो घर के सामान के साथ विज्ञान परिचय शाला के लिये बेंकिंग सोडा, सिरका, डिटरजेंट, इयरबड, ग्लूकोज, ईनो, प्लास्टर ऑफ पेरिस, ब्लीचिंग पावडर, मिरर, लोहे का तार, कील आदि खरीद लेते हंै ताकि सामग्री की निरंतरता प्रयोगों के लिये बनी रहे। इसके साथ ही उनके जन्मदिन पर उनके बच्चों प्रखर एवं आदित्य पाराशर ने गिफ्ट के रूप में अवतल, उत्तललैंस के गुणों को बताने वाली पांच हजार रुपए की चाइनीज आप्टिकल किट भेंट की है ताकि उनके पापा बच्चों को और अच्छे से प्रयोग समझा सकें।
श्री पाराशर ने बताया कि व्हाईट एप्रन के साथ आंखों की सुरक्षा के लिये सेफ्टी ग्लासेस का प्रयोग कराते समय उपयोग किया जाता है इससे बच्चों में वैज्ञानिक होने का भाव आता है और वे अवलोकन गंभीरता से करके आंकड़े प्राप्त करते हैं। आदिवासी विकास विभाग की सहायक आयुक्त श्रीमती चंद्रकांता सिंह ने इस विज्ञान परिचय शाला का उद्घाटन जून माह में किया है। विद्यालय के प्राचार्य एसके सक्सेना इसके लिये राजेश पाराशर के साथ अनेक बार स्वयं बच्चों को प्रयोग कराने में मार्गदर्शन करते हैं। प्राचार्य के साथ मिलकर प्रयोगों से परिचित होने से बच्चों के साथ राजेश पाराशर को भी उत्प्रेरण मिलता है। विज्ञानपरिचय शाला में राजेश पाराशर ने स्वैच्छा से अपने स्वयं के वेतन से एक लाख रुपए से अधिक की सामग्री खरीद कर परिचयशाला में रखी है।

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