नहीं मिलेगा सरकारी योजनाओं का लाभ
कुपोषण के खिलाफ जंग में साथ नहीं देने वालों को कलेक्टर की चेतावनी
इटारसी। सरकारी योजनाएं जनहित के लिए हैं, और सरकार का प्रशासन के माध्यम से प्रयास रहता है कि अधिक से अधिक लोग सरकारी योजनाओं से लाभान्वित हों। बावजूद इसके जो लोग सरकारी प्रयासों में सहयोग न करके केवल लाभ लेने में रुचि रखेंगे तो हो सकता है कि अब उनसे यह सुविधाएं छीन ली जाएं।
यह संकेत आज यहां इ्र्रश्वर रेस्टॉरेंट सभागार में आयोजित अटल बाल पालक सम्मेलन में कलेक्टर अविनाश लवानिया ने दिए। दरअसल वे ऐसे माता-पिताओं की ओर इशारा कर रहे थे जो अपने बच्चों को कुपोषित होने के बावजूद पोषण पुनर्वास केन्द्र में दाखिल करने में रुचि नहीं ले रहे हैं। वे गरीब हैं, और गरीबी रेखा के नीचे आने के कारण सरकार की जितनी भी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं, उनसे वे वंचित किए जा सकते हैं। हालांकि कलेक्टर ने कहा कि अटल बाल पालक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और महिला एवं बाल विकास विभाग ऐसे बच्चों को कुपोषण से बाहर निकालने भरसक प्रयास कर रहे हैं।
आप लोग महान हैं
कलेक्टर ने कुपोषण के खिलाफ जंग में साथ दे रहे अटल बाल पालकों को महान व्यक्तित्व कहा। कलेक्टर ने कहा कि देखने के दो नजरिए हैं। एक केवल समस्या देखने का और दूसरा इससे इतर केवल हम क्या कर सकते हैं, वो करें। इस सोच को विकसित करने का। अटल बाल पालकों ने नकारात्मकता से परे जाकर केवल पॉजिटिव सोच के साथ बहुत अच्छा काम किया है और उनके इस प्रयासों से हमें सीखना चाहिए। कलेक्टर श्री लवानिया ने इतना तक कह दिया कि सत्संग से सीखने की बजाए आमजन को आपके काम से अवगत कराके आपके विचारों को सुनाना चाहिए, इससे जीवन ज्यादा आसान हो जाएगा। सरकार जीवन स्तर सुधारने का काम कर रही है, ऐसे में सबको सहयोग देना चाहिए ताकि इसमें सफल हो सकें।
जरूरत पड़ी तो 144 का प्रयोग
कलेक्टर अविनाश लवानिया ने कहा कि यदि जरूरी पड़ी तो धारा 144 का प्रयोग करके ऐसे पालकों को पुलिस के हवाले भी किया जा सकता है तो कुपोषण के खिलाफ जंग लड़ रहे लोगों की बातें नहीं मानकर अपने कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती नहीं कराते हैं। दरअसल, दो दिन पूर्व ही एसडीएम अभिषेक गेहलोत ने एक आदेश में कहा था कि अति कम वजन के बच्चों के स्वास्थ्य तथा पोषण का ध्यान रखना जरूरी है। अति कम वजन के बच्चों के स्वास्थ्य तथा पोषण का ध्यान रखना आवश्यक है। बच्चों के माता-पिता द्वारा सहयोग न किए जाने से कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित हो रही है, इस प्रकार की प्रवृत्तियों पर अंकुश लगाए जाने की आवश्यकता प्रतीत हो रही है।
माताओं की जिम्मेदारी लें
जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिलीप कटैलिया ने कहा कि बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए अब उसे गर्भ से ही देखभाल की जरूरत है। इसके लिए अटल बाल पालक गर्भवती माताओं की जिम्मेदारी लें। उन्होंने कहा कि इसके लिए केवल माता के हीमोग्लोबिन का स्तर नियंत्रित रखें और इसे 12 पर ले आएं। उन्होंने कहा कि इटारसी में 89 माताएं हाईरिस्क पर हैं। आप इनके खानपान पर ध्यान दें तथा प्रयास करें कि वे खजूर, मूंगफली और गुड का सेवन करें ताकि इनका हीमोग्लोबिन बढ़ जाए। इन चीजों को करना आसान है, क्योंकि से फूड महंगे भी नहीं हैं। यदि आप इतना कर देंगे तो वे विभाग की तरफ से आश्वस्त करते हैं कि एक भी गर्भवती महिला को मौत के मुंह में जाने से रोक लेंगे।
जिले का कॉल सेंटर इटारसी में
ईश्वर रेस्टॉरेंट में आयोजित कार्यक्रम से लौटते वक्त कलेक्टर अविनाश लवानिया, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिलीप कटैलिया, जिला कार्यक्रम अधिकारी संजय त्रिपाठी ने पुलिस थाने के पास बने सीएलसी का निरीक्षण कर यहां की व्यवस्थाओं से प्रभावित होते हुए इसे जिले का हाईरिस्क माताओं के लिए कॉल सेंटर बनाने का निर्णय लिया। हाईरिस्क मदर के लिये कॉल सेन्टर के माध्यम से हाईरिस्क मदर व गर्भवती माताओं की जानकारी ली जाएगी एवं उन्हें स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी। इस कार्य में अटल बाल पालकों से भी सहयोग लिया जाएगा। काल सेंटर के माध्यम से हाईरिस्क मदर और गर्भवती महिलाओं तक पहुंच और उनको स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने में आसानी हो सकेगी।