निंदा सुनने की आदत डालें, दुखी नहीं होंगे : तिवारी

निंदा सुनने की आदत डालें, दुखी नहीं होंगे : तिवारी

इटारसी। भारत माता चौराह मालवीयगंज में चल रही श्रीमद् भागवत कक्षा सत्संग में कथावाचक पं. भगवती प्रसाद तिवारी ने कहा कि परमात्मा एक ही है, जिसका आत्मा में उतारकर आभास होता है। इसलिए प्रत्येक मनुष्य को जितना समय हो आत्मचिंतन अवश्य करना चाहिए तभी हम सब सत्य को और ईश्वर को ठीक से समझ पाएंगे।
श्री तिवारी ने कहा कि वेद शास्त्र के अनुसार वैसा ही आचरण हमें करना पड़ेगा तभी मानव जीवन का कल्याण होगा। उन्होंने कहा कि नि:स्वार्थ भाव से किया गया सतकर्म, परोपकार, सेवा कार्य ही धर्म है। भगवत बुद्धि से प्रभु का स्मरण करते हुए अपने कर्मों में श्रद्धा रखो। उन्होंने कहा कि सच्चा धार्मिक सत्संगी, ज्ञानी, महात्मा वही है जो दूसरों के गुणों को देखता है, दोषों को नहीं और अपने दोषों को देखता है, गुणों को नहीं। अपनी बुराई, निंदा सुनने की आदत डालोगे तो कभी दुखी नहीं होना पड़ेगा।

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