निलंबित एआरआई श्रीवास्तव का एक और कारनामा उजागर

इटारसी। नगरपालिका के एआरआई संजीव श्रीवास्तव का न्यास कालोनी में नगर सुधारन्यास के खाली पड़े भूखंड को फर्जी तरीके से आवंटित करने के मामले में निलंबित किया गया था। बाद में पता चला कि उस भूखंड के बदले में लगभग 9 लाख रूपए की राशि ली गई है, वह भी नगरपालिका के एकाउंट में जमा नहीं की गई। इसी तरह पत्रकार कालोनी में भी एक सड़क को 55/1 दर्शाकर आवंटित कर दिया गया था। इस मामले में भी जांच चल रही है। अभी इन दोनों मामलों की जांच पूरी भी नहीं हुई थी कि पुलिस कालोनी के सामने पत्ती बाजार में तत्कालीन नगर सुधार न्यास द्वारा बनाई गई 22 एमआइजी कालोनी में एएमआईजी भवनों के लिए खाली छोड़ी गई रोड को 2 खाली प्लाट बताकर 7ए और 8ए के नाम से रजिस्ट्री कर दी गई। जबकि इस मामले की शिकायत 2013 से लेकर वर्तमान तक लगातार की जा रही थी। किंतु शिकायतों को दरकिनार कर रजिस्ट्री की गई। आवंटित किए गए भूखंडों की गाईड लाइन के हिसाब से कीमत 76 लाख रूपए होती है। महत्वपूर्ण बात तो यह है कि मार्च 2017 में दोनो प्लाटो की रजिस्ट्री होने की जानकारी न तो नपा के राजस्व विभाग को है और न रजिस्ट्री की कापी नपा की फाइलों में है।

क्या है मामला
तत्कालीन नगर सुधार न्यास द्वारा स्वयं वित्तीय योजना के तहत सब्जी मंडी में पुलिस कालोनी के सामने 22 एमआईजी कालोनी का निर्माण किया गया था। जिसमें प्रत्येक एमआईजी 30/50 पंद्रह सौ वर्गफुट के थे, इनमें से दो एमआईजी भवन क्रमांक 7 और 8 सुरेश मंगूमल और श्रीमती आशा सुरेश नंदवानी ने पूर्व भवन मालिकों से खरीदे। जिन्हे तोड़कर उस पर भवन बनाया, जिस पर विशेष एजेंसी संचालित की जा रही है। दोनो एमआईजी मिलाकर कुल क्षेत्रफल 3 हजार वर्गफुट होता है, लेकिन सुरेश ने 45 सौ वर्गफुट पर कब्जा कर भवन बनाया है। जिसकी शिकायत निर्माण के समय 2013 से वर्तमान तक लगातार की गई। शिकायत तत्कालीन कमिश्नर, कलेक्टर, एसडीएम और मुख्य नगरपालिका अधिकारी को शिव भारद्वाज द्वारा की गई थी। लेकिन उस समय कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिससे सुरेश के हौंसले बुलंद हो गए और उसने पुलिस कालोनी के सामने वाली सड़क पर भी कब्जा करने का प्रयास किया, जिसपर शिव भारद्वाज द्वारा आपत्ति लगाकर रुकवा दिया गया था। इस बीच सुरेश ने भवन क्रमांक 7 और 8 के अलावा इनके पहुंचमार्ग के लिए छोड़ी गई भूमि को भी 7ए और 8ए के नाम से सेलडीड, लीजडीड करवा ली।

दोनो प्लाटो का रकबा 1225 और 1122 वर्ग फिट है
प्लाट नबंर 7ए जिसे की अतिरिक्त भूमि के नाम से रजिस्ट्री कराया गया है वह आशा नंदवानी पति सुरेश नंदवानी के नाम से है। रजिस्ट्री में 10.67 गुणा 10.67 यानी कि 113.84 स्क्वेअर फुट है जिसकी कुल कीमत 39 लाख 84 हजार 400 रूपए दर्शाया गया है। जिसकी प्रीमियम राशि 40 हजार रूपए दर्शायी गई है। उप पंजीयक कार्यालय में इसकी रजिस्ट्री 4 मार्च 2017 को की गई7 इसी तरह प्लाट नंबर 8ए को भी अतिरिक्त भूमि बताकर 15.18 गुणा 20.13 कुल 104.27 स्क्वेअर मीटर बताकर रजिस्ट्री की गई है। जिसकी कुल कीमत 36 लाख 49 हजार 450 रूपए दर्शाकर 40 हजार रूपए प्रीमियम दर्शाया गया है, किंतु प्रीमियम राशि का रसीद क्रमांक रजिस्ट्री में अंकित नहीं है। यह रजिस्ट्री सुरेश नदंवानी के नाम पर की गई है। दोनो ही रजिस्ट्री में नगरपालिका की ओर एआरआई संजीव श्रीवास्तव के हस्ताक्षर से हुई है। रजिस्ट्री में उनका फोटो भी लगा हुआ है। इन दोनो प्लाटो के नक्से भी नगरापालिका से पास करा लिए गए है। जबकि नगरपालिका में इन दोनो रजिस्ट्री का कोई रिकार्ड नहीं है।
कलेक्टर, कमिश्नर, एसडीएम से शिकायत के बाद सीएमओ ने दिया 24 घंटे में दस्तावेज प्रस्तुत करने के नोटिस सुरेश द्वारा किए गए अतिक्रमण की शिकायत श्री भारद्वाज ने पुन: कमिश्नर एवं कलेक्टर को की, जिसपर कमिश्नर द्वारा कार्यालय नर्मदा पुरम संभाग के पत्र क्रमांक 3547/ शिकायत /2019/ दिनांक 10 जुलाई 2019 को संयुक्त आयुक्त श्री राजेन्द्र सिंह के हस्ताक्षर से कलेक्टर को भेजी। जिसमें उल्लेख किया गया कि पत्रकार शिव भारद्वाज द्वारा पत्र क्रमांक 638, 1 जुलाई 2019 केा दिए गए आवेदन पर कार्रवाई कर सूचित करने को कहा गया। जिसके तारतम्य में कलेक्टर द्वारा पत्र क्रमांक 8780 दिनांक 19 जुलाई 2019 को एसडीएम इटारसी को पत्र देकर मामले की 7 दिन में जांच कर प्रतिवेदन एवं अभिमत आयुक्त कार्यालय में प्रेषित करने को कहा। एसडीएम द्वारा की गई जांच के बाद और सीएमओ को दिए गए निर्देश के बाद नगरपालिका के सीएमओ ने पत्र क्रमांक क्र./राज./नपाई/19/ 447 दिनांक 7 अगस्त 2019 को श्रीमती आशा नंदवानी पत्नी सुरेश नंदवानी और सुरेश नंदवानी पिता मंगूमल नंदवानी को नोटिस देकर 22 एमआईजी भवनों एमआईजी 7 और 8 के समस्त दस्तावेज नगरपालिका में 24 घंटे में तलब किया था, किंतु 9, 10, 11 एवं 12 अगस्त को अवकाश होने के कारण दस्तावेज 13 अगस्त को प्रस्तुत किए जाना था, किंतु सुरेश दस्तावेज लेकर नगरपालिका नहीं पहुंचा। सीएमओ द्वारा दिए गए नोटिस में स्पष्ट उल्लेख था कि अगर 24 घंटे में दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए गए तो कार्यालय द्वारा जो भी कार्रवाई की जाएगी, उसकी जिम्मेदारी नोटिस ग्राहता की होगी।
इस मामले में लगातार अवकाश होने के कारण मुख्य नगरपालिका अधिकारी से हरिओम वर्मा से चर्चा नहीं हो पाई। जानकारी के अनुसार नपा में अतिरिक्त भूखंडों की रजिस्ट्री का कोई रिकार्ड नही है। न ही राजस्व विभाग ने प्रीमियम राशि की रसीदे शिकायत कर्ता को उपलब्ध कराई। जबकि रजिस्ट्री में 40-40 हजार रूपए प्रीमियम राशि दर्शायी गई है।

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