पंचायत सचिव ने की फर्नीचर और स्टेशनरी खरीद में गड़बड़ी
इटारसी। केसला ब्लाक की ग्राम पंचायत डांडीवाड़ा में फर्नीचर और स्टेशनरी खरीदी में हुई कथित गड़बड़ी की शिकायत पर जिला पंचायत ने जांच प्रारंभ कर दी है। ग्राम पंचायत के सरपंच की शिकायत पर यह जांच प्रारंभ हुई है। जेसीईओ दीपक राय इसकी जांच कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायत डांडीवाड़ा के सरपंच अशोक लाविस्कर ने जनपद पंचायत केसला और जिला पंचायत होशंगाबाद के सीईओ को लिखित शिकायत में कहा था कि उनकी जानकारी के वगैर, गुमराह करके यह कहते हुए हस्ताक्षर कराए गए थे कि फर्नीचर और स्टेशनरी की व्यवस्था करना है। उन्होंने बिल भुगतान की सहमति किसी को नहीं दी है। सरपंच का कहना है कि ग्राम पंचायत या ग्राम सभा में इसका कोई उल्लेख नहीं है और ना ही पंचायत के किसी सदस्य को इसकी जानकारी है। उन्होंने कहा कि पंचायत के खाते से बिलों का आहरण किया है।
सरपंच ने कहा कि उसे गुराम करके उसका मोबाइल लेकर ओटीपी नंबर निकाल लिया और यह कहा कि आपका और चौकीदार का मासिक भुगतान करना है। मैं आदिवासी समाज से और कम पढ़ा-लिखा हूं, मोबाइल की अधिक समझ नहीं होने से उसके साथ धोखा किया गया है।
इन बिलों का किया है आहरण
जैन इंटरप्राइजेस इटारसी (बिल नंबर 317) दिनांक 8 जनवरी 18, राशि 61891 रुपए, वंश टेंट हाउस डांडीवाड़ा (बिल नंबर 09) दिनांक 22 फरवरी 18, राशि 07550 रुपए, द स्टुडेंट स्टेशनरी (बिल नंबर 571) दिनांक 4 जनवरी 18, राशि 4965 रुपए।
पंचों ने बनाय पंचनामा
ग्राम पंचायत के पंचों ने भी विगत 27 फरवरी को पंचायत की बैठक में सचिव मदन लाल यादव ने रोजगार सहायक मुकेश पठारिया पर आरोप लगाया था कि वे काम मेें सहयोग नहीं कर रहे हैं। दोनों की बात सुनने के बाद रोजगार सहायक पर लगे आरोप गलत साबित हुए जबकि सचिव स्वयं काम में रुचि नहीं ले रहे हैं। पंचों का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची मांगी तो उनके पास जानकारी नहीं है, सचिव को लक्ष्य तक नहीं मालूम है। पंचों ने कहा कि वे रोजगार सहायक के कार्य से संतुष्ट जबकि सचिव के कार्य से असंतुष्ट हैं। पंचों ने सचिव का तबादला करने की मांग भी पंचनामा में की है।
इनका कहना है…!
मामले की शिकायत मेरे पास भी आयी है और जिला पंचायत सीईओ के पास भी की गई है। इसकी जांच भी प्रारंभ हो गयी है। जिला पंचायत के जेसीईओ इसकी जांच कर रहे हैं।
एसएस पठारिया, सीईओ जनपद पंचायत केसला
सारा काम पंचायत की जानकारी में है, मीटिंग में अनुमोदन के बाद ही खरीदी हुई है। सरपंच किसी दबाव में ऐसा आरोप लगा रहे हैं। मैंने स्वयं भी जांच के लिए आवेदन दिया है। जांच करायी जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके।
मदनलाल यादव, सचिव डांडीवाड़ा