पटवारी और आरआई ने क्यों कर ली कलम से तौबा

राजस्व कार्य प्रभावित होंगे, कोटवार भी हक को लेकर अड़े
इटारसी। राजस्व निरीक्षक और पटवारियों ने आज से अनिश्चितकाल के लिए कलम से तौबा कर ली है।
लंबे समय से वेतन सहित विभिन्न मांगों के निराकरण को लेकर समय-समय पर आंदोलन कर रहे राजस्व निरीक्षक और पटवारियों ने अब बेमुद्दत काम से तौबा कर ली है। आरआई और पटवारियों के कलमबंद हड़ताल कर देने से राजस्व के अनेक काम प्रभावित होंगे, क्योंकि आरआई और पटवारी दोनों ही राजस्व विभाग की रीढ़ माने जाते हैं। सीमांकन, बंटवारा, नकल जैसे कामों के लिए लोगों के भटकना पड़ सकता है। आज आरआई और पटवारियों ने अपने बस्ते उच्च अधिकारियों को सौंप दिए हैं। तहसीलदार को दिए ज्ञापन में पटवारी संघ की तहसील शाखा ने कहा है कि छह सूत्री मांगों को लेकर आज से समस्त पटवारी अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल पर जा रहे हैं। तहसील के 25 पटवारी हल्का नंबर के पटवारियों ने आज बस्ते सौंपकर कलमबंद हड़ताल शुरु कर दी है। पटवारी संघ के संरक्षक हितेष पटेल ने कहा कि लंबे समय से वेतनमान में सुधार एवं संशोधन के लिए लगातार पटवारी प्रयास कर रहे हैं लेकिन काम का बोझ होने के बावजूद शासन ने कर्मचारियों की समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दिया और ना ही निराकरण के कोई प्रयास किए। भत्तों एवं मानदेयों के पुनर्निरीक्षण करने में भी लापरवाही की जा रही है, समान वेतनमान को लेकर भी शासन गंभीर नज़र नहीं आ रहा है।

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