परंपरागत बीज बचाने निकली यात्रा

मप्र राज्य जैव विविधता बोर्ड एवं कृषि विभाग की संयुक्त पहल

मप्र राज्य जैव विविधता बोर्ड एवं कृषि विभाग की संयुक्त पहल
इटारसी। कृषि के क्षेत्र में बीजों की परंपरागत किस्मों एवं प्रजातियों के संरक्षण के लिए जैव विविधता बोर्ड के सहयोग से बीज बचाओ, कृषि बचाओ यात्रा लेकर प्रदेश के पांच किसान आज यहां पहुंचे। यहां विश्राम गृह में इन किसानों ने बताया कि वे अपनी इस यात्रा के माध्यम से पारंपरिक बीजों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं।
सतना से यात्रा के साथ यहां पहुंचे किसान एवं जड़ी-बूटी के जानकार रामलोटन कुशवाह का कहना था कि आज की पीढ़ी को जड़ी-बूटी का ज्ञान नहीं होने से प्रकृति से मिली औषधियां विलुप्त हो रही हैं। वे पिछले कई वर्षों से लगातार इस पर काम कर रहे हैं और कई विलुप्त होती इन औषधि को जीवित रखने का प्रयास कर रहे हैं। सतना जिले से आए बाबूलाल दाहिया ने बताया कि इस यात्रा के माध्यम से वे बीज बैंक के लिए बीज एकत्र कर रहे हैं। विलुप्त प्रजाति के बीजों का संरक्षण करके आने वाली पीढ़ी को उनका महत्व बता रहे हैं। उन्होंने धान के 20 एवं गेहूं के करीब 12 प्रकार का संरक्षण किया है। इस दौरान जैव विविधता होशंगाबाद के समन्वयक आरआर सोनी ने इस यात्रा के साथ आए किसानों को सोनापाठा के बीज प्रदान किए। यात्रा के साथ सतना जिले से बाबूलाल दाहिया और रामलोटन कुशवाह, रीवा से जगदीश यादव, जबलपुर से अनिल कर्णे, मुरैना से शैलेन्द्र सिंह और भोपाल से नीलेश कपूर आए थे। यह यात्रा यहां से केसला के लिए रवाना हो गई।

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