परीक्षा आ गई लेकिन शालाओं के रिक्त पदों पर शिक्षक नहीं आए
इटारसी। हाई स्कूल कक्षाओं की वार्षिक परीक्षाएं 12 फरवरी से एवं माध्यमिक स्कूल कक्षाओं की वार्षिक परीक्षाएं 28 फरवरी से प्रारंभ होने जा रही हैं, लेकिन शहर की कुछ सरकारी शालाओं में शिक्षकों की संख्या नगण्य अथवा कम है। इन शालाओं में शिक्षकों की पदस्थापना तत्काल हो इस मांग का ज्ञापन कलेक्टर के नाम एसडीएम कार्यालय के माध्यम से शिक्षक कल्याण संगठन जिला होशंगाबाद ने सौंपा है।
संगठन के जिला संयोजक राजकुमार दुबे ने बताया की शासकीय बालक माध्यमिक शाला मिशन खेड़ा का हाई स्कूल में उन्नयन मई 2018 में हुआ एवं शाला में 14 छात्र व 11 छात्राओं ने प्रवेश लिया। लेकिन आज पर्यंत तक इस शाला में शिक्षकों अथवा अतिथि शिक्षकों की नियुक्तियां शिक्षा विभाग ने नहीं की जिसके चलते शाला के 25 छात्र-छात्राओं को शरणार्थी के रूप में बालक एवं कन्या हायर सेकेंडरी शालाओं पुरानी इटारसी में अस्थाई रूप से पढऩे को जाना पड़ रहा है, जिससे उनके पालकों में भारी रोष है। उनका कहना है कि शिक्षा विभाग शाला के बच्चों के भविष्य का ध्यान रख, शिक्षक नहीं तो अतिथि शिक्षक की व्यवस्था तो कर सकता था। इसी प्रकार शासकीय कस्तूरबा कन्या माध्यमिक शाला गांधी नगर एवं शासकीय माध्यमिक शाला मिशन खेड़ा में तीन कक्षाओं को केवल 2 शिक्षकों को पढ़ाना पड़ रहा है। इसी प्रकार शासकीय प्राथमिक कस्तूरबा कन्या शाला की पांच कक्षाओं को केवल एक शिक्षिका पढ़ा रही है। इन आधे अधूरे शिक्षक स्टाफ के चलते बच्चे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्ति से वंचित हैं। यह स्थिति जिले की अनेक सरकारी शालाओं में हो सकती है। पालकों को अपने बच्चों का भविष्य अंधकारमय नजऱ आ रहा है। बच्चों को इसका दुष्प्रभाव परीक्षाफल में भोगने पर विवश होना पड़ सकता है एवं शालाओं के शिक्षक शिक्षिकाओं को पालकों के रोष से अपमानित होना पड़ सकता है। शिक्षक कल्याण संगठन की मांग है कि जिला प्रशासन इस प्रकार की जिले की समस्त सरकारी शालाओं में शिक्षकों अथवा अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति तत्काल करें। ज्ञापन सोते समय सुरेश कुमार चिमानिया, सत्येन्द्र तिवारी, अखिलेश दुबे, सुषमा शर्मा, शकुन्तला आचार्य, उषा कश्यप, हंसा कपूर, सुनील दुबे, राजकुमार दुबे, रमेश कीर आदि सदस्य उपस्थित थे।