इटारसी। फि़ल्म निर्देशक परेश मसीह अपनी आगामी फिल्मट की शूटिंग इटारसी और इसके आसपास के अंचलों में करेंगे। श्री मसीह ने शनिवार को इटारसी ओर आसपास की लोकेशन देखी है और कुछ स्थानों का चयन कर लिया है। उनकी अगली फिल्म लमझना के लिए तिलक सिंदूर और केसला के पास पहाड़ों पर कुछ दृश्य का फिल्मांकन होगा जिसमें इटारसी रेलवे जंक्शन को दिखया जाएगा। खास बात यह है कि इटारसी स्टेशन को इसी नाम से फिल्म में दिखाया जाएगा। इसी तरह जिन स्थानों पर शूटिंग होगी, वे भी फिल्म में उसी नाम से रहेंगे।
श्री मसीह ने बताया कि इटारसी के स्थानीय कलाकारों को भी इस फिल्म में अपनी कला दिखाने का अवसर प्रदान किया जाएगा। इसके लिए रंगमंच से जुड़े कलाकारों का चयन जारी है। फि़ल्म लमझना भारत की उस प्राचीन सभ्यता को बताती है जो आज पाश्चत्य देश अपना रहे हैं। एक प्रथा जो आज की युवा पीढ़ी नहीं जानती। ये एक सत्यकथा पर आधारित फिल्म है, और ये कहानी मध्यभारत में रहने वाले आदिवासियों पर आधारित है। खास बात यह है कि, यह प्रथा केसला, बैतूल, छिंदवाड़ा, के आदिवासियों में आज भी जिंदा है।
निर्देशक परेश मसीह ने बताया कि की ये एक पेरेलल सिनेमा है, जिसके दर्शक कम होते हैं। इस तरह की फिल्म को एक अलग तरह के दर्शक मिलते हैं। इस तरह की फिल्में केवल फेस्टिबल में ही देखने को मिलती है। व्यवसायिक दृटिकोण से से ये फिल्में उतनी सफल नहीं रहती पर समाज का आइना होती है। इस फि़ल्म में कुछ नामी कलाकारों से चर्चा हो रही है। कुछ कलाकारों ने अपनी सहमति दे दी है। इस फि़ल्म में स्थानीय कलाकारों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी क्योंकि वो यहां की संस्कृति को बहुत अच्छे से जानते हैं। गौरतलब है कि परेश मसीह की फिल्म कजरी तथा पलायन में इटारसी के कलाकारों ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। संगीत निर्देशक जितेंद्र राजवंशी, गायक अफसर अली जैसे कई कलाकारों ने इसमें हिस्सा लिया था। इस फि़ल्म में 5 गाने हंै, आदिवासी लोक संगीत इसका महत्वपूर्ण भाग है, जिसकी रिकॉर्डिंग हो रही है।