पांजराकलॉ से तीन अर्थियां उठीं, कराह उठी आत्मा
इटारसी।ग्राम पांजराकलॉ में नरवाई और खेत की आग तो बुझ गयी लेकिन पीछे छोड़ गयी तबाही का मंजर। रात से लेकर दूसरे दिन शाम तक शासन और प्रशासन के अनेक प्रतिनिधि और जनप्रतिनिधि पांजराकलॉ में जाकर पीडि़तों के जख्मों पर मरहम लगाते रहे। रात में ही कमिश्रर, कलेक्टर, एसपी सहित अनेक आला अधिकारी पांजराकला पहुंच गए थे। उस वक्त तक आग बुझी नहीं थी और आग बुझाने के प्रयास जारी थे।
पांजराकलॉ में तबाही मचाने वाली आग के कारण रात में ही दो मौतें हो चुकी थीं। एक मौत खेत में जलकर हुई तो दूसरे झुलसने के बाद उपचार के दौरान अस्पताल में हुई। घटना में एक दर्जन से अधिक ग्रामीण झुलसे हैं, जिनका उपचार अस्पताल में चल रहा है। शनिवार सुबह कमिश्नर रविन्द्र मिश्रा, कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह, आईजी मकरंद देउस्कर, एसपी एमएल छारी, जिला पंचायत सीईओ एसएस रावत, एएसपी घनश्याम मालवीय, एसडीओपी मोहन सारवान, उमेश द्विवेदी, टीआई विक्रम रजक समेत जिले के सारे अफसर पांजरा गांव पहुंचे। अधिकारियों ने मृतकों के परिजनों को सांत्वना देते हुए हरसंभव मदद देने का भरोसा दिलाया।
पांजरा रोड पर स्थित बाबूलाल-शंकरलाल चौरे के खेत की 3.5 एकड़ की फसल तो जली, साथ ही खेत में मौजूद घर भी आग की चपेट में आ गया। आग की लपटों ने सारी गृहस्थी, फर्नीचर, अनाज और कपड़े खाक कर दिए, अब पूरा परिवार सड़क पर आ गया है। बाबूलाल की पत्नी सुनंदा ने बताया कि इस घटना से उनको पांच लाख रुपए का नुकसान हुआ है।
लोकसभा चुनाव के दौरान हुए इस भीषण अग्निकांड के बाद राजनेताओं का तांता लगा हुआ है। शनिवार को कांग्रेस प्रत्याशी शैलेन्द्र दीवान मृतकों के परिजनों से मिलने पहुंचे। इसके बाद देर शाम पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी के बाद पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा और प्रभारी मंत्री पीसी शर्मा ने भी मृतकों एवं घायलों के परिजनों से मुलाकात की।
आग में एक ट्रक, एक डंपर, एक पिकअप वाहन, दो बाइक जले और एक दर्जन से अधिक ग्रामीण झुलस गए जिनका उपचार अस्पतालों में चल रहा है।
पांजरा गांव में गरीब किसान परिवार के युवा 25 वर्षीय दिलीप पुत्र गुलाबदास चौरे की आग में झुलसकर मौत हो गई। आठ भाई-बहनों के परिवार के पास जीवन यापन के लिए सिर्फ एक एकड़ जमीन का आसरा था, मजबूरी में वह मजदूरी भी करता था। रात को जब पूरा गांव आग में घिर गया तो दिलीप अपने पड़ोसी किसान अमित पुत्र टेकचंद्र चौरे के खेत की आग बुझाने चला गया। यहां वह बुरी तरह आग में झुलस गया। दिलीप के भाई धर्मदास ने रोते हुए बताया कि जल्दी हम उसकी शादी करने वाले थे। भाभी पिंकी चौरे ने बिलखते हुए बताया कि मूंग की फसल का लालच हमारे देवर की मौत का कारण बना। उन्होंने कमिश्रर से कहा कि घटना के लिए जिम्मेदारी मूंग की फसल पर पूरी तरह से पाबंदी लगायी जानी चाहिए। यही बात मृतक दिलीप की बहन ने भी कही।
दिलीप की एक बहन अभी कुंवारी है। दिलीप के भाई धर्मदास को कमिश्नर ने गले लगाते हुए कहा कि चिंता मत करो हम तुम्हारे साथ हैं। अग्निकांड का शिकार हुए 35 वर्षीय अमित पुत्र टेकचंद्र चौरे की तीन साल पहले शादी हुई, दो साल की एक मासूम बच्ची है। रात में जैसे पता चला कि आग पांजरा तक भड़क रही है, अमित अपने साथी दिलीप के साथ ट्रेक्टर लेकर खेत पर चला गया, यहां चारों ओर से वह आग की लपटों में झुलस गया। उसका शव खेत में खड़ा हुआ मिला। उनकी बुआ सुनंदा चौरे ने बताया कि खेत की रखवाली बेटे की जान लेकर गई। जाने से पहले वह बच्ची से मिलकर गया, सोचा नहीं था कि अब वह वापस नहीं आएगा।
किसान 35 वर्षीय गुरूम साहब मलैया का शव सुबह उसके खेत में मिला, शव बुरी तरह जल गया था। रात में मची भगदड़ के बाद गुरूम भी खेत पर गया था। उसके चाचा राधूलाल ने बताया कि गुरूम अपने भतीजे विवेक के साथ खेत पर ट्रेक्टर लेकर गया था,जब अचानक आग की लपटों ने उसे घेर लिया तो उसने भतीजे विवेक को धक्का देकर कहा कि तू भाग जा, इसके बाद गुरूम आग में खाक हो गया। रात भर वह लापता रहा, सुबह उसका शव खेत में मिला। बीती रात हुई इस मातमी घटना के बाद गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। धौंखेड़ा-पांजरा की सारी दुकानें शनिवार को बंद रही। पूरा गांव इस दोहरे नुकसान से आहत है। जिला पंचायत अध्यक्ष के पुत्र रवि पटेल ने बताया कि 28 साल की उम्र में उन्होंने पहले बार इतना भयावह हादसा देखा है। प्रत्यक्षदर्शी भूपेन्द्र पटेल के अनुसार वह भी आग में झुलसने से बचा, तेज दौड़कर वह रोड साइड आ गया वरना उसकी जान भी चली जाती। गांव के शुभम सराठे और प्रद्युम्न चौरे भी आग में झुलसे हैं, जिन्हें भोपाल रेफर किया गया है।
शुक्रवार की शाम से जिले के करीब पंद्रह से बीस स्थान पर लगी आग के बाद प्रशासन सक्रिय हो गया था। एडिशनल एसपी घनश्याम मालवीय ने बताया कि जैसे ही सूचना मिली वैसे ही इटारसी, होशंगाबाद, सिवनी मालवा, आर्डनेंस फैक्ट्री, सीपीई, पिपरिया, बुदनी आदि से फायर ब्रिगेड बुलाकर आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया। कलेक्टर, एसपी, आईजी ने लगातार मॉनिटरिंग की। भोपाल और बैतूल भी खबर करके वहां से भी फायर ब्रिगेड बुलायी गयी है। करीब तेरह-चौदह लोगों के घायल होने की सूचना है। रविवार को यहां प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के आने की संभावना है। प्रशासन गांव के पास ही जले खेत में मुख्यमंत्री के हेलीकाप्टर उतरने के लिए हेलीपेड बना रहा है। संभवत: कमलनाथ पांजराकला आकर ग्रामीणों के जख्मों पर मरहम लगाएंगे। आज जहां प्रशासन के आला अफसर गांवों में पीडि़तों से मुलाकात करते रहे वहीं गांव के पास खेत में कर्मचारी हेलीपैड बनाने की तैयारी करते रहे। इधर गांव में इस दर्दनाक घटना के बाद सन्नाटा पसरा है। गांव की गलियां सूनी हैं, क्योंकि जो तीन ग्रामीण कभी इन गलियों में घूमते दिख जाते थे, आज उनको गांववालों ने अपने कंधों पर अंतिम विदाई दी है। मृतकों के घर सारा दिन मातम छाया रहा और घर की महिलाओं का रो-रोकर बुरा हाल था।
अनुमानित नुकसान
पांजराकलॉ-750 एकड़
निमसाडिय़ा – 800 एकड़
निटाया -100 एकड़