पार्षदों की जुबानी, सुनी वार्डों में पानी की कहानी

पेयजल संकट से बचने आए सुझाव, बतायी अपनी योजना
इटारसी। नगर पालिका प्रशासन और अध्यक्ष ने आज शहर के वार्डों में गर्मी के दिनों में अचानक बनने वाले जल संकट की कहानी उन्हीं पार्षदों की जुबानी सुनी। आज नपा सभागार में पार्षदों को अपने वार्डों में होने वाले जल संकट की जानकारी लेकर बुलाया था, ताकि उसके अनुसार व्यवस्था की जा सके। बैठक से ज्यादातर पार्षद नदारद रहे। जाहिर है, जिन वार्डों में बड़ा संकट होता है या होने की आशंका है, उन्हीं पार्षदों ने रुचि ली। कुछ ऐसे पार्षद भी आए, जिनके वार्ड में संकट तो नहीं अलबत्ता कुछ कार्य शेष हैं और ये हो गए तो वार्ड में पेयजल की समस्या नहीं रहेगी।
बैठक में नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती सुधा अग्रवाल, उपाध्यक्ष अरुण चौधरी, मुख्य नगर पालिका अधिकारी अक्षत बुंदेला, जल कार्य समिति सभापति रेखा मालवीय, विधायक प्रतिनिधि कल्पेश अग्रवाल के अलावा जल विभाग से सब इंजीनियर आदित्य पांडेय, जल आवर्धन योजना से जुड़े सब इंजीनियर मुकेश जैन, जल शाखा के संजय दुबे, रविन्द्र जोशी और राजा मालवीय के अलावा पार्षद सभापति राकेश जाधव, जसबीर सिंघ छाबड़ा, सरोज उईके, भरत वर्मा, यज्ञदत्त गौर, शशि नरेश चौहान, महेश आर्य, दिव्या बस्तवार, प्रियंका चौहान, संजय चौधरी, अमृता ठाकुर, राजकुमार यादव, पार्षद प्रतिनिधि शिवकिशोर रावत, आशीष मालवीय, किशन मालवीय भी मौजूद थे, इन्होंने भी बैठक में अपने वार्ड की समस्याएं बताकर सुझाव रखे।

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ये आए बैठक में सुझाव
जल आवर्धन योजना के लिए कम से कम तीन पार्षदों की मॉनिटरिंग कमेटी बनायी जाए। प्रयास करें कि 15 मार्च तक जल आवर्धन योजना का पानी शहर में सप्लाई किया जाने लगे। टैंकरों से पानी दें, लेकिन आउटलेट आधा इंच का हो, व्यर्थ पानी बहुत बर्बाद होता है। टैंकरों पर वार्ड की संख्या अंकित करें, जो सक्षम हैं उनको जरूरत होने पर पैसे जमा कराके पानी दिया जाए। टैंकरों की संख्या बढ़ाएं, कुछ कमर्शियल टैंकर भी रखें। कुछ अतिरिक्त मोटरें रखें ताकि जलने पर तत्काल बदली जा सकें।
भरत वर्मा, सभापति

जो लोग पाइप लाइन तोड़कर पानी भर रहे हैं, ऐसी जगह का सर्वे कराया जाए। उनको समझाईश दी जाए, ऐसे लोग यदि नहीं मानते हैं तो फिर कार्रवाई की जाए।
अरुण चौधरी, उपाध्यक्ष नपा

मेरे वार्ड में पानी की टंकी का भूमिपूजन हुआ था, उस टंकी को जल्दी बनाएं। टंकी बन गई तो आसपास के पांच वार्ड की समस्या हल होगी। मेहरागांव नदी पर समवेल बनाया जाए, फकीर मोहल्ला में एक नलकूप की आवश्यकता है, नए एरिया में पाइप लाइन और फिलहाल मेरे पड़ोसी वार्ड की पानी की टंकी से पाइप लाइन जोड़कर गर्मी में समस्या का निदान किया जाए तो बेहतर होगा।
महेश आर्य, पार्षद

पुरानी इटारसी में धौंखेड़ा की पाइप लाइन से पानी दिया जाता है, टंकी पूरी तरह से लोड करके ही सप्लाई हो ताकि अच्छे प्रेशर से पानी मिले। साथ ही नलकूप भी खोलें तो पानी अच्छी तरह से मिल सकेगा। पाइप लाइन स्वीकृत है, उसे जल्द से जल्द डाला जाए तथा एक समवेल भी बनाया जाए, आसपास की पहाड़ी नदियों में बोरी बंधान हो,।
शिवकिशोर रावत, पार्षद प्रतिनिधि

मेरे वार्ड के कुछ क्षेत्र में ही पानी की समस्या है। जहां समस्या है, वहां नलकूप की आवश्यकता है। कुछ जगह पर पाइप लाइन की जरूरत है। बालाजी मंदिर क्षेत्र में नलकूप की आवश्यकता है, नलकूप खनन कराके पाइप लाइन से जोड़ा जाए।
जसबीर सिंघ छाबड़ा, सभापति

मेरे वार्ड में कोई बड़ी समस्या तो नहीं है, अलबत्ता जो काम चल रहा है, उसे जल्द से जल्द पूर्ण कर दिया जाए ताकि समस्या उत्पन्न न हो। सांसद निधि से एक ट्यूबवेल स्वीकृत है, उसे जल्द खनन कराया जाए। चावल लाइन और मराठी स्कूल के पास पाइप लाइन विस्तार, कुछ लीकेज हैं, उनमें सुधार हो।
यज्ञदत्त गौर, पार्षद

पंप आपरेटर ठीक से काम नहीं कर रहे हैं, हमें छोटे-छोटे काम स्वयं ही करना पड़ते हैं। ऐसे पंप आपरेटर जो काम नहीं कर रहे हैं, उनकी मॉनिटरिंग की जाए, लापरवाह को हटाया जाए। मेरे वार्ड की टंकी फुल लोड नहीं हो पा रही है, समवेल बनाया जाए, पानी के दुरुपयोग को रोकने के लिए जागरुकता अभियान चलाएं।
राकेश जाधव, सभापति

हमारे यहां अभी से पानी की समस्या प्रारंभ हो गई है। तीन ट्यूबवेल हैं, तीस फीसदी क्षेत्र में धौंखेड़ा से पानी आता है लक्ष्मीनगर में समस्या है, वहां एक ट्यूबवेल खनन कराया जाए, संकरी गली में पाइप लाइन बिछाकर पानी पहुंचाया जाए। ट्यूबवेल की मोटरें जलने पर सुधार में वक्त लगता है, अतिरिक्त मोटरें रखी जाएं।
प्रियंका चौहान, पार्षद

बालाजी मंदिर क्षेत्र में पानी की समस्या हो जाती है। मैंने पूर्व में भी आवेदन दिया है, उस पर गौर करके वहां एक नलकूप खनन कराया जाए। गर्मी में जल संकट बनेगा अत: प्रतिदिन दो टैंकरों की अनिवार्य व्यवस्था की जाए।
गीता पटेल, पार्षद

नगरीय प्रशासन मंत्री ने पाइप लाइन के लिए पचास लाख रुपए मंजूर किए थे, उसकी स्वीकृति आ चुकी है, सर्वे कराके शनि मंदिर से पाइप लाइन का विस्तार कराया जाए। कुछ जगह लीकेज हैं, उनको बंद करें ताकि टंकियां जल्द लोड हों। नए मकानों में नीचे टंकी बनाना अनिवार्य कर दें, गर्मी में कूलरों में भी पानी लगता है, अत: खपत बढ़ जाती है। जल बचाने के लिए एक जागरुकता अभियान भी जरूरी है। ट्यूबवेल गर्मी में खनन करने के अनुभव अच्छे नहीं हैं, उनके स्थान पर जल आवर्धन और धौंखेड़ा की पाइप लाइन का उपयोग हो, टंकी बनें, पाइप लाइन का विस्तार हो।
कल्पेश अग्रवाल, विधायक प्रतिनिधि

इनका कहना है…!
इस वर्ष अल्पवर्षा की स्थिति थी, पेयजल संकट होना तो तय है। ऐसे में हम क्या अच्छा कर सकते हैं, सबके सुझावों से आगे बढ़ेंगे। कुछ निर्णय लिए जा सकते हैं। शहर को पानी के संकट का सामना न करना पड़े, इसके लिए सीमित संसाधनों के बावजूद हर तरह के प्रयास किए जाएंगे।
सुधा अग्रवाल, नपाध्यक्ष

हमारे यहां जनसंख्या करीब सवा लाख है, नल कनेक्शन केवल साढ़े पांच हजार हैं। उस पर भी वसूली महज बीस फीसदी। जो लोग सब मर्सिवल लगवाते हैं, उनको हम टैंकरों से पानी फ्री क्यों दें। यदि उनके घर के आसपास हमारी पाइप लाइन नहीं है, तभी हम टैंकर से पानी दे सकते हैं, पाइप लाइन है तो फिर हम पानी टैंकरों से नहीं देंगे। जो सबमर्सिवल लगा सकते हैं, पैसा देकर पानी ले सकते हैं। कई दबंगों ने सार्वजनिक नल घरों में कर लिए हैं, उनको वैध करने की कार्रवाई की जाएगी।
अक्षत बुंदेला, सीएमओ

शहर का तीन जोन में बांटकर जहां सर्वाधिक समस्या है, वहां अभी से टैंकर भेजना शुरु किया जाए। ग्रीष्मकाल में सीधे पाइप में मोटर लगाकर पानी खींचने पर कार्रवाई की जाएगी। घर में नीचे टेंक बनवाएं, उसमें पानी स्टोर करें फिर चाहे मोटर से ओवरहेड टैंक में चढ़ाएं। अल्पवर्षा के कारण जल संकट होगा, यह तो तय है। सबके सुझावों के बाद ही हम संकट को कम कर सकते हैं।
रेखा मालवीय, सभापति जल विभाग

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