बैतूल। इटारसी और मुलताई में एसडीएम रहे और वर्तमान में रिटायर्ड सत्येन्द्र अग्रवाल को अदालत ने धोखाधड़ी के एक मामले में तीन साल की सज़ा और 50 लाख रुपए का जुर्माना किया है। मुलताई स्थित अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने राठी शुगर मिल के मालिक को भी दोषी पाते हुए तीन वर्ष की सजा और दो करोड़ 30 लाख रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई।
उल्लेखनीय है कि सत्येन्द्र अग्रवाल पर आरोप था कि उन्होंने एसडीएम रहते हुए एक शुगर मिल को एनएचआई से करीब ढाई करोड़ रुपए का मुआवजा दिलवा दिया। मामले में पुलिस ने उन पर और उज्जैन के शुगर मिल मालिक केजी राठी के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचना और सरकार को नुकसान पहुंचाने का मामला साईंखेड़ा पुलिस ने दर्ज किया था। आरोप था कि उन्होंने मुलताई का एसडीएम रहते हुए एक कृषि भूमि को एक शुगर मिल के नाम परप डायवर्टेड बता दिया और ग्राम बोथिया में राठी शुगर मिल के मालिक के जी राठी को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से 2 करोड़ 30 लाख का मुआवजा दिलवा दिया। मामले में मुलताई के अनिल सोनी ने लंबे समय तक लड़ाई लड़ी और आर्थिक अपराध ब्यूरो से लेकर बैतूल कलेक्टर तक शिकायत की। कलेक्टर के निर्देश पर एनएचआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने एफआईआर करायी। छह माह फाइल दफ्तरों में घूमती रही और आखिर श्री सोनी मामला अदालत में लेकर गए। पुलिस ने मामले में वर्ष 2013 में केजी राठी और सत्येन्द्र अग्रवाल के खिलाफ धारा 420, 467,468,471, 474 और 120 बी का मामला पंजीबद्ध किया था।