पृथ्वी को अत्याचार से मुक्त कराने राम जैसा पुत्र मांगा

इटारसी। नगर पालिका परिषद के तत्वावधान में गांधी मैदान और सूखा सरोवर मैदान पुरानी इटारसी में रामलीला और दशहरा उत्सव के अंतर्गत दूसरे दिन मनु-सतरूपा की तपस्या, पृथ्वी पुकार की कथा का मंचन किया। अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त श्रीहित आदर्श कृष्णकला मंडल के कलाकारों द्वारा गांधी मैदान पर और श्री जगदंबा मंडल पुरानी इटारसी में रामलीला का मंचन किया जा रहा है।
श्रीराम जन्म की कथा के तहत राजा मनु और सतरूपा प्रसंग से शुरुआत हुई। राजा मनु अपने पुत्र उत्तानपाद को राज देकर महारानी सतरूपा के साथ वन में जाकर तपस्या करते हैं। उनकी तपस्या से प्रभावित होकर ब्रह्मा, विष्णु और महेश आते हैं, लेकिन वे अपना तप नहीं छोड़ते हैं। फिर भगवान श्रीराम स्वयं आकाशवाणी करके उनकी इच्छा पूछते हैं तो वे कहते हैं कि आप समक्ष तो आईए। श्रीराम और माता सीता प्रकट होकर उनसे वर मांगने को कहते हैं तो वे कहते हैं कि हमें आपके समान पुत्र चाहिए। श्रीराम कहते हैं कि मैं अपने जैसा कहां तलाशूंगा, स्वयं आपका पुत्र बनकर जन्म लूंगा। मनु दशरथ के रूप में और सतरूपा कौशल्या के रूप में जन्म लेते हैं।
महाराजा मनु सतरूपा इंद्रपुरी में सुख भोगकर आनंद प्राप्त करते हैं। इधर रावण, कुंभकर्ण, मेघनाद तपस्या से वरदान प्राप्त करके समस्त देवताओं को कारागृह में डाल देते हैं। पृथ्वी पुकार के अंतर्गत रावण और असुरों के अत्याचार से परेशान पृथ्वी भगवान को पुकारती है कि इन अत्याचार से मुक्ति दिलाएं अन्यथा मैं रसातल में चली जाऊंगी। सभी देवता विचार करते हैं तो भगवान आकाशवाणी करते हंै कि पृथ्वी को इस अत्याचार-पापाचार से मुक्ति दिलाने वे स्वयं नर स्वरूप धारण करेंगे।

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