पौधों की सुरक्षा करने के लिए द नेचुरल कनवरजैंसी ने बढ़ाये हाथ
होशंगाबाद। नर्मदापुरम् संभाग कमिश्नर उमाकांत उमराव के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में होशंगाबाद जिले में मां नर्मदा नदी के रिपेरियन जोन तटवर्तीय क्षेत्र में लगे पौधों की देख-रेख हेतु विशेष प्रयास लगातार किए जा रहे हैं। पौधों को जानवरों से बचाने तारफेंसिंग, बागुड़ लगाई जा रही है। इसके अलावा भीषण गर्मी में पौधे जीवित रहे इसलिए पौधों में सिंचाई भी की जा रही है। अब तक जिले के दानदाता संस्थाओं द्वारा पौधों की सिंचाई हेतु मोटर पंप दान किए हैं। नर्मदा नदी के सभी 68 ग्रामों में और होशंगाबाद शहर में प्रकृति रंग उत्सव आयोजित किया। रिपेरियन जोन में पौधों की सुरक्षा के लिए विदेशी संस्था द नेचुरल कनवरजैंसी ने हाथ बढ़ाए हैं।
आज दक्षिण अफ्रीका से आए कैरिग लीसर ने कमिश्नर से मुलाकात की। वेद नेचुरल कनवरजैंसी के डायरेक्टर हैं जो पर्यावरण तथा जैव विविधिता के विशेषज्ञ हैं और प्रकृति के सरंक्षण के लिए कार्य करते हंै। उन्होंने ग्राम धानसी का भ्रमण कर पौने 3 किलोमीटर के रिपेरियन जोन का ट्रेक किया, तकनीकी पक्षों को देखा, गांव वालों से बात की और यह तय किया कि रिपेरियन जोन में कौन सी वनस्पति पौधे और लगाएंं। उन्होंने पाया कि पौधे तो सही हालत में हैं किंतु पौधों में सिंचाई एवं सुरक्षा की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि द नेचुरल कनवरजैंसी द्वारा पौधों की सुरक्षा हेतु एवं पौधों में सिंचाई हेतु हर संभव सहयोग दिया जाएगा। कमिश्नर ने बताया कि धानसी को एक मॉडल के रूप में विकसित किया जा सकता है और यहां 500 प्रकार के वनस्पतिक पौधों का रोपण किया जा सकता है। वन्य बाहुल्य होने की वजह से यहां पक्षियों, मोर की आवाजाही भी है। कमिश्नर ने कहा कि नर्मदा नदी की लंबी जिंदगी के लिए आवश्यक है कि समाज के सहयोग से रिपेरियन जोन पर कार्य किया जाए। पहले चरण में हम अपने अभियान में काफी हद तक सफल रहे हैं और अब अगले चरण का कार्य कर रहे हैं। श्री कैरिग ने कहा कि हम विभिन्न प्रजाति के पौधों के नामों की लिस्ट बना चुके हैं और इसमें अपना सहयोग देंगे। कमिश्नर ने कहा कि अनेक कम्पनियां भी इस कार्य में सहयोग के लिए आगे आ रही हैं। साहित्यकार श्री अशोक जमनानी ने कहा कि कमिश्नर लगातार सकारात्मक दृष्टिकोण लेकर नर्मदा नदी के रिपेरियन जोन पर कार्य कर रहे हैं।