प्रधानमंत्री के हाथों अवार्ड पाकर गौरवान्वित हुई जिले की दो महिला कृषक

Post by: Manju Thakur

इटारसी।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों जब तहसील इटारसी के गांव सोमलवाड़ा की किसान कंचन वर्मा और पथरोटा की शिवलता मेहतो को कृषि कर्मण अवार्ड मिला तो दोनों ही गांवों में खुशी का माहौल था। गांव के लोगों का कहना था कि उनके गांव को गौरव का अनुभव हो रहा है। दोनों महिलाओं की कर्मठता और मेहनत क्षेत्र की कृषि के लिए मिसाल के तौर पर जानी जाएगी और इससे प्रेरणा लेकर अन्य किसान भी आगे इस तरह की उपलब्धियों को हासिल कर पाएंगे। जिले को दो कृषि कर्मण अवार्ड मिलने पर कमिश्नर रजनीश श्रीवास्तव, कलेक्टर धनंजय सिंह, सीईओ जिला पंचायत आदित्य सिंह, उप संचालक कृषि जितेन्द्र सिंह सहित कृषि विभाग के अधिकारियों ने बधाई दी।
सुबह गांव में गलियां सूनी थीं, दरअसल, गांवों की महिला कृषक बैंगलोर गयीं थीं और अपने गांव को गौरवान्वित करने वाली इन महिलाओं को टीवी के स्क्रीन पर देखने के लिए लोग घरों के भीतर थे। ज्यादातर लोग बैंगलोर में होने वाले कार्यक्रम का वक्त नहीं जानते थे। जब उनको सही वक्त का पता चला तो वे बाहर निकले और अपने काम जल्दी-जल्दी निबटाने लगे, क्योंकि शाम को उनको टीवी पर पुरस्कार लेते अपने गांवो की इन किसानों को देखना था।

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सुखद क्षण था, टीवी पर देखना
कृषि कर्मण अवार्ड से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों नवाजी गई होशंगाबाद जिले की इटारसी तहसील की दो महिला किसान कंचन वर्मा व शिवलता मेहतो को टीवी पर पुरस्कार लेते देखना इन गांव के लोगों के लिए सुखद क्षण था। उपसंचालक कृषि जितेन्द्र सिंह इन महिला किसानों के साथ बैंगलोर में थे। श्री सिंह ने बताया कि आज 2 जनवरी 2020 को कर्नाटक के तुमाकोरू में आयोजित कृषि कर्मण अवार्ड समारोह के दौरान होशंगाबाद जिले की इटारसी तहसील की रहने वाली दो महिला किसान को कृषि कर्मण अवार्ड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों से दिया प्रदान किया गया है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश को वर्ष 2016-17 के लिये गेहूं उत्पादन एवं वर्ष 2017-18 के लिये दलहन उत्पादन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये कृषि कर्मण पुरस्कार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रदान किया। वर्ष 2016-17 गेहूं की उच्च उत्पादकता श्रेणी में कंचन वर्मा को एवं 2017-18 उच्च दलहन उत्पादकता श्रेणी में शिवलता मेहतो को यह पुरस्कार दिया है।

समय से पूर्व खत्म किये सारे काम
गांव की बेटियों को प्रधानमंत्री के हाथों पुरस्कृत होते देख गांव के लोग उत्साह से लबरेज़ थे। सुबह से दोपहर तक गांव के लोगों ने शहर और गांव के सभी जरूरी काम निबटा लिये थे। कुछ युवा जो शहर आने वाले थे, उन्होंने गांव में लोगों को कहकर गये थे कि यदि दोपहर में कार्यक्रम आए तो मोबाइल पर इसकी वीडियो रिकार्डिंग कर लें ताकि वे बाद में से देख सकें। जो लोग खेत पर थे, दोपहर तक अपने सारे काम खत्म करके गांव वापस आ गये थे। पथरोटा में शिवलता मेहतो के घर ताला लगा था। उनके दोनों बेटे भोपाल में थे। उनके बुजुर्ग रिश्तेदार श्यामलाल मेहतो, कहते हुए फूले नहीं समा रहे थे। उनके लिए यह वर्ग करने की बात थी। भतीजा निहाल मेहतो इटारसी में काम से आने वाला था। लेकिन, इस अविस्मरणीय क्षण को गंवाना नहीं चाहता था, उसने गांव से शहर आने का कार्यक्रम निरस्त किया। निहाल का कहना है कि उसकी बड़ी मम्मी को यह पुरस्कार मिलना उनके परिवार के लिए बेहद ही गर्व करने का अवसर है।

परिजनों के लिए सुखद क्षण
शिवलता मेहतो की जेठानी श्रीमती कृष्णा मेहतो अपनी देवरानी की इस उपलब्धि पर काफी खुश थीं। उन्होंने बताया कि शिवलता ने परिवार का फर्ज और किसान परिवार में जन्म लेने का कर्तव्य दोनों बड़ी शिद्दत से निभाए हैं। परिवार की जिम्मेदारी भी वे बखूबी संभालती रही हैं। घर का सारा कामकाज पूरा करके ही वे खेतों की ओर रुख करतीं और पूरी ईमानदारी और कर्मठता से एक किसान की बेटी होने की जिम्मेदारी निभाती हैं। पड़ोसी शैलेन्द्र मेहतो भी उत्साहित थे। उनका कहना है कि यह न सिर्फ उनके पड़ोसी के परिवार के लिए बल्कि संपूर्ण गांव के लिए गौरव का क्षण है। उनको अब शिवलता मेहतो के पुरस्कार लेने के बाद बैंगलोर से गांव आने का इंतजार है। वे बताते हैं कि उनका सम्मान गांव में किसी राष्ट्रीय स्तर के विजेता की तरह ही किया जाएगा। जब वे गांव आएंगी तो ढोल और फूल मालाओं से उनको घर तक लाया जाएगा और उनका गांव के लोग मिलकर सम्मान भी करेंगे। उन्होंने हमारे गांव का गौरव बढ़ाया है।

परिवार का अनुभव काम किया
गांव में मेहतो परिवार के सामने रहने वाले चंदू श्रीवास कहते हैं कि राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार मिलना हमारे गांव के लिए सुखद है। यह सारे किसानों का सिर गर्व से ऊंचा करने की बात है। उन्होंने खेतीबाड़ी और घर के कामकाज को बखूबी किया है। उनके बुजुर्ग भी खेती करते हैं और शिवलता मेहतो बचपन से ही अपने परिजनों के साथ खेती में हाथ बंटाती रही हैं। परिवार का अनुभव ही उनकी इस उपलब्धि में काम आया। उनकी ईमानदार मेहनत ने इस गांव को फख्र करने का मौका प्रदान किया है। 2017-18 उच्च दलहन उत्पादकता श्रेणी में शिवलता मेहतो को यह पुरस्कार दिया है। लेकिन, उनकी मक्का की फसल भी बेहद अच्छी निकली है। खासकर उस दौर में जब लोग रासायनिक खेती में मुनाफा देखते हैं, शिवलता मेहतो ने जैविक खेती में रासायनिक से अधिक एवरेज लाकर बता दिया है कि ईमानदारी से किये प्रयास सफलता दिलाते हैं। भतीजा रामकुमार मेहतो ने कहा कि हमें बहुत खुशी है, इससे प्रेरणा लेकर हम भी कुछ करेंगे।

इनका कहना है…!
जिले सहित प्रदेश के किसानों का सम्मान है। सभी किसानों को बधाई। किसान इसी तरह से कृषि के क्षेत्र में सतत प्रयास करते रहें। जिला प्रशासन पूरा सहयोग देगा।
धनंजय सिंह, कलेक्टर

मुख्यमंत्री ने दी बधाई
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने गेहूँ और दालों के उत्पादन में मध्यप्रदेश को उत्कृष्टता के लिए कृषि कर्मण अवार्ड मिलने पर किसानों और विशेष रूप से प्रगतिशील किसानों को बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के किसान अपनी मेहनत से प्रदेश को कृषि कर्मण पुरस्कार दिला रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को हर कदम पर सहयोग देने को तत्पर है। संकट के समय में भी मदद के लिए हमेशा उनके साथ है। उन्होंने कहा कि किसानों पर दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ कर सरकार ने किसानों की मेहनत का सम्मान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि कर्मण पुरस्कार के असली हकदार मध्यप्रदेश के मेहनती किसान हैं। मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग सहित सहयोगी विभागों के मैदानी अमले को भी बधाई दी है, जिसने हर पल किसानों को सहयोग दिया है।

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